कपास किसानों के लिए जरूरी जानकारी:गुलाबी सुंडी से बचाव और उन्नत किस्में

By Kheti jankari

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कपास किसानों के लिए जरूरी जानकारी

किसान साथियों नमस्कार, रबी सीजन की फसलों की कटाई के बाद खेत खाली हो चुके हैं। खरीफ सीजन में सोयाबीन और दलहनी फसलें उगाने वाले किसान अब मूंग की खेती करते हैं, जबकि कपास उगाने वाले किसान कपास की बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं।

भारत के कई राज्यों में कपास की खेती की जाती है। किसानों को कम लागत में अधिक उपज मिले, इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।

बीज चयन और मिट्टी की जाँच

  • प्रमाणित बीज ही खरीदें: किसानों को सलाह दी गई है कि वे बीटी कपास (BT Cotton) के बीज केवल प्रमाणित विक्रेताओं से ही खरीदें और बिल जरूर लें।
  • मिट्टी जाँच: खेत की मिट्टी की जाँच कराकर ही उर्वरकों का प्रयोग करें, ताकि फसल को सही पोषण मिल सके।

बीटी कपास की उन्नत किस्में

किसान खरीफ-2025 के लिए बीटी संकर कपास BG-II की अनुमोदित किस्मों का चयन करें। कुछ प्रमुख कंपनियों और उनकी किस्में निम्न हैं:

  1. रासी सीड्स: RCH-650, 653, 314, 791, 776
  2. महिको सीड्स: MRC-7365, 7301, VICH-309
  3. कावेरी सीड्स: KCH-999, 307
  4. टाटा रैलिस: MH-5408, 5302
  5. अजीत सीड्स: ACH-33-2, 133-2
  6. अंकुर सीड्स: Ankur-3228, 3244
  7. सुपर सीड्स: Super-544, 721
  8. कोहिनूर सीड्स: KSCH-207, 212

(और भी कई कंपनियों की किस्में उपलब्ध हैं।)

बुवाई का सही समय और विधि

  • बुवाई का समय: 1 मई से 20 मई तक आदर्श माना जाता है।
  • बीज दर: 450 ग्राम प्रति बीघा।
  • पंक्ति से पंक्ति दूरी: 108 सेमी (42 इंच)।
  • पौधे से पौधे की दूरी: 60 सेमी (24 इंच)।

खाद और सिंचाई प्रबंधन

  • नाइट्रोजन: 80 किलो यूरिया प्रति बीघा (तीन बार में दें)।
  • फॉस्फोरस: 22 किलो DAP या 62.5 किलो सिंगल सुपर फॉस्फेट प्रति बीघा।
  • पोटाश: 15 किलो MOP (60%) प्रति बीघा।
  • सूक्ष्म पोषक तत्व: जिंक सल्फेट (4 किलो प्रति बीघा) मिट्टी जाँच के आधार पर डालें।

गुलाबी सुंडी का प्रबंधन

गुलाबी सुंडी कपास की फसल के लिए एक बड़ी समस्या है। इसके नियंत्रण के लिए:

  1. फेरोमोन ट्रैप: 40-50 दिन बाद 2 ट्रैप प्रति एकड़ लगाएँ।
  2. कीटनाशक:
  • नीम आधारित कीटनाशक (5 मिली/लीटर पानी)।
  • ईमामेक्टिन बेंजोएट, प्रोफेनोफास जैसे रसायनों का छिड़काव।
  1. समन्वित कीट प्रबंधन (IPM):
  • गर्मी में गहरी जुताई करें।
  • फसल चक्र अपनाएँ।
  • खरपतवार नियंत्रण रखें।

किसानों के लिए विशेष सुझाव

  • बीज भंडारण: पुराने कपास के डंठल और बिनौले सावधानी से रखें, क्योंकि इनमें गुलाबी सुंडी पनप सकती है।
  • छिड़काव समय: सुबह या शाम को ही छिड़काव करें।
  • नकली बीजों से सावधान: “3G, 4G, 5G” जैसे दावों वाले बीज न खरीदें।

निष्कर्ष

कपास की अच्छी पैदावार के लिए उन्नत बीज, सही बुवाई समय, संतुलित खाद और कीट प्रबंधन जरूरी है। किसान कृषि विभाग और वैज्ञानिकों की सलाह मानकर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

(यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेना उचित होगा।)

आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकरी कैसी लगी। कृपा कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और इसे आगे अन्य किसानों तक अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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