मक्का में बिजाई के समय ताकतवर खाद कांबिनेशन:- किसान साथियों नमस्कार, मक्का एक ऐसी फसल है, जिसकी बिजाई लगभग पूरे भारत में की जाती है। मक्का की कुछ क्षेत्रों में तो पैदावार 50 क्विंटल तथा कुछ क्षेत्रों में 100 क्विंटल के लगभग भी देखी जाती है। मक्का की पैदावार में इतने अंतर कई कारणों से होते हैं। जिसमें खाद भी एक महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। मक्का की फसल खाद को सीधे तौर पर ग्रहण करती है, और इसको अधिक मात्रा में खादों की आवश्यकता होती है। मक्के से हमें अधिक पैदावार लेने के लिए सही प्रकार से खाद प्रबंधन करना बहुत ज्यादा आवश्यक हो जाता है, ताकि फसल में ताकतवर बनी रहे और आपकी पैदावार अधिक निकल कर दे। मक्का में बिजाई के समय कौन से खादें देनी चाहिए, इसकी जानकारी के लिए कृपया नीचे पूरा लेख पढ़ें।
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मक्का में बिजाई के समय बेस्ट खाद
मक्का में बिजाई से पहले हमें खेत तैयारी के समय गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट अवश्य डाल लेना चाहिए। क्योंकि मक्का की फसल गोबर की खाद को काफी ज्यादा पसंद करती है, और यह इसमें पैदावार डबल करने में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। गोबर की खाद के साथ-साथ हमें केमिकल्स खादों का भी प्रयोग करना पड़ता है। केमिकल खाद में आप नीचे बताए गए कुछ खादों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मक्का में बिजाई के समय अगर आप डीएपी का इस्तेमाल करना चाहते हैं। तो डीएपी 40 से 50 किलोग्राम प्रति एकड़, पोटाश 20 से 30 किलोग्राम प्रति एकड़, यूरिया 20 किलोग्राम प्रति एकड़, सल्फर बेंटोनाइट 12 से 15 किलोग्राम प्रति एकड़ और जिंक सल्फेट 6 किलोग्राम प्रति एकड़ बिजाई के समय आपको डालने चाहिए।
- जो किसान एसएसपी का प्रयोग करना चाहते हैं, वो 120 किलोग्राम एसएसपी, 20 से 30 किलोग्राम पोटाश, 35 किलोग्राम यूरिया और 6 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति एकड़ प्रयोग करें। अगर आप एसएसपी डालते हैं, तो आपको सल्फर का प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। सल्फर एसएसपी से अपने आप मिल जाती है।
(नोट-किसान साथी डीएपी और एसएसपी के साथ जिंक को मिक्स ना करें। जिंक को यूरिया के साथ मिलकर खेत तैयारी के समय ही डाल दें)
अगर आप ऊपर दिए गए खादों को आपस में मिलाकर मक्का की बिजाई से पहले प्रयोग करते हैं। तो आपकी फसल शुरू से ही काफी अच्छी बढ़वार लेकर चलती है, और अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। इसके बाद आपको 2 बार यूरिया और डालने की आवश्कता पड़ती है। आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी। कृपया कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और इसे आगे अन्य किसानों तक अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!
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