COPB-95 अर्ली गन्ना किस्म की विशेषताएं|COPB-95 Early Sugarcane Variety

By Kheti jankari

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COPB-95 अर्ली गन्ना किस्म की विशेषताएं(2023)

गन्ना एक प्रमुख व्यावसायिक फसल है। जो विषम परिस्थितियों में भी किसानों को एक अच्छी पैदावार निकाल के देती है। गन्ने की खेती अपने आप में सुरक्षित और लाभकारी खेती होती है। दोमट मिट्टी जिसमें सिंचाई की उचित व्यवस्था हो। और भूमि का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच हो गन्ने के लिए सर्वोत्तम रहती है। गन्ने की फसल में अधिक पानी की जरूरत होती है। होती है। गन्ना चीनी का मुख्य स्रोत है। लगभग पूरे भारत में गन्ने की खेती की जाती है। लेकिन उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में अधिक मात्रा में गाने की खेती की जाती है। गन्ना उत्पादन का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है। पूरे संसार में भारत का गन्ना उत्पादन में दूसरा स्थान है। गन्ना उत्पादक भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

गन्ना बिजाई का सही समय

गन्ने की बुवाई वर्ष में दो बार की जाती है। एक शरदकालीन बुवाई जो अक्टूबर–नवंबर में फसल की बुवाई करते हैं। इसमें फसल 12 से 14 महीने में तैयार हो जाती है। और दूसरी बसंतकालीन बुवाई इसमें फरवरी से मार्च तक गन्ने की बुवाई करते हैं। इसमें फसल 10 से 12 महीने में तैयार होती है। इसके अतिरिक्त किसान भाई अक्टूबर से लेकर मार्च तक गन्ने की बुवाई किसी भी समय कर सकते हैं।

COPB-95 गन्ना किस्म की विशेषताएं

COPB–95 पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की एक गन्ना किस्म है। यह गन्ने की अर्ली किस्म है। इस किस्म की अभी तक गन्ने की सबसे ज्यादा उपज है। इसके एक गन्ने का वजन लगभग 4 किलोग्राम के लगभग रहता है। यह एक अधिक उपज देने वाली गन्ना किस्म है। जो कीड़ों तथा बीमारियों के प्रति सहनशील है। यह किस्म खेती की कुल लागत को काम करती है, और किसानों को अधिक लाभ देती है।

इस किस्म के गन्ने मोटे और लंबे होते हैं। इस किस्म के गन्ने का रंग बैंगनी हरे रंग के होते हैं। इसके पत्तियां चौड़ी होती हैं। दिसंबर मास में इसके रस में 17% से अधिक शुगर होता है। यह किस्म लाल सड़न रोग के प्रति सहनशील है। यह किस्म चोटी बेधेक और अन्य रोगों के प्रति भी सहनशील है ।इस गन्ना किस्म की औसत उपज लगभग 425 कुंतल प्रति एकड़ है। गन्ना मोटा होने के कारण इसका प्रति एकड़ लगभग 40 कुंतल बीज लगता है। हरियाणा के शुगर मिलों ने इस किस्म को लेने के लिए अनुमोदन नहीं दिया है।

इस गन्ना किस्म को लगाकर किसान अधिक आय कमा सकते हैं। क्योंकि आज तक की सभी गन्ना के समय में यह सबसे अधिक उपज देने वाली किस्म है। Co–238 गन्ना वैरायटी पिछले कुछ वर्षों से रोगों के कारण फेल होती दिख रही है। इसलिए किसानों ने इस किस्म की और झुकाव अधिक हो रहा है। अगर किसी किसान ने इस किस्म की बिजाई की है। तो वह कृपया कमेंट के माध्यम से हमें अपने विचार साझा करें ताकि दूसरे किसान भी उसका फायदा उठा सकें। धन्यवाद!

FAQ.

Q. 1 एकड़ में कितना गन्ना पैदा हो सकता है?
Ans. एक एकड़ गन्ने की पैदावार अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग देखने को मिलती है। लेकिन औसत पैदावार 400 क्वांटल प्रति एकड़ तक रहती है।

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17 thoughts on “COPB-95 अर्ली गन्ना किस्म की विशेषताएं|COPB-95 Early Sugarcane Variety”

    • क्या यह वैरायटी सही है पैदावार के मामले में और रोगों से लड़ने के मामले में यह वैरायटी 0238 से बेहतर है क्या इसकी बुवाई कर सकते हैं क्या

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      • हाँ रोगों से लड़ने के मामले में ये क़िस्म 0238 से अच्छी है लेकिन पैदावार दोनों की लगभग एक सी ही है।

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    • भाई साब ये प्रजाति गन्ना मिल नहीं ले रहे. लेकिन ये किसानों के हित की किस्म है.इसमें रोग कम लगते है।

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  1. 14201 प्रजाति कैसी है यह एक बेहतर प्रजाति है इसकी बुवाई की जा सकती है कृपया मार्गदर्शन करें

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