किसान साथियों नमस्कार, लहसुन में वैसे तो कई प्रकार के फफूंदी जनक रोग लगते हैं लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा खतरनाक डाउनी मिल्ड्यू रोग है। यह एक फफूंदी जनक बीमारी है। लगभग सभी क्षेत्रों में यह बीमारी हमें देखने को मिलती है। इस बीमारी से किसानों को काफी नुकसान होता है। जब तापमान कम होता है, और लहसुन की पत्ती गीली रहती है। तो यह रोग अधिक मात्रा में फैलता है। इस लेख में आगे इस बीमारी के लक्षण और इसके इलाज के बारे में संपूर्ण जानें।
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लहसुन में डाउनी मिल्ड्यू रोग के लक्षण
डाउनी मिल्ड्यू रोग की पहचान करना आसान है। इस रोग में लहसुन के नीचे की पत्तियां हल्की हरे रंग की होना शुरू हो जाती हैं, और बाद में यह पीली होकर धीरे-धीरे सूखने लगते हैं। कई बार इस रोग में लहसुन की ऊपर की नोक की पत्तियां सूखकर लटकने लगती है। इस रोग में सुबह के समय नीचे की पत्ती पर फंगस दिखाई देती है।
लहसुन में डाउनी मिल्ड्यू रोग की रोकथाम के उपाय
लघुशन की फसल आमतौर पर 12 से 14 पट्टी की होने पर पक जाती है। इसलिए लहसुन में हमें यह रोग दिखते ही तुरंत स्प्रे कर देना चाहिए। क्योंकि अगर इस रोग ने नीचे की दो से तीन पत्तियां खराब हो जाती है। तो इससे आपकी पैदावार पर प्रभाव पड़ता है। इस रोग की रोकथाम के लिए आप नीचे दवाई दिए गए कुछ दवाइयां का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- रिडोमिल गोल्ड (मेटालैक्सिल 4% + मैनकोजेब 64%) 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से स्प्रे कर सकते है।
- एवन्सर ग्लो (एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 8.3% + मैनकोज़ेब 66.7% Wg) 3 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से स्प्रे करें।
- अमिस्टार टॉप (एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 18.2% w/w + डिफ़ेनोकोनाज़ोल 11.4%) 1ml प्रति लीटर पानी के हिसाब से स्प्रे करें।
नोट-किसान साथियों अगर आपको लहसुन की फसल में अन्य कोई रस चूसक किट देखने को मिलता है। तो आप इसमें इन फंगीसाइड के साथ कोई कीटनाशक का प्रयोग भी कर सकते हैं।
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FAQ
क्या पीली हुई पत्ती फिर से हरी हो सकती है?
अगर पत्ती पूरी तरह से सुखी नहीं है। तो वो हरी हो सकती है। पूरी तरह से सुखी हुई पत्ती हरी नहीं हो सकती।
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