गेहूं की फसल में काफी किसान दूसरी सिंचाई करने जा रहे है। गेहूं में दूसरी सिंचाई लगभग 50 से 60 दिन पर हो जाती है। इस समय किसानों के मन में अक्सर यह सवाल रहता है, कि वह कौन से खाद का इस्तेमाल करें। जिससे अधिक कल्लों का फुटाव हो और गेहूं से पीलापन भी पूरी तरह से खत्म हो जाए। इसके लिए हमें कौन-कौन से खादों का इस्तेमाल करना है। अगर हमारी फसल नॉर्मल है, तो इसमें कौन-कौन से खातों का इस्तेमाल करना चाहिए। इस बारे में संपूर्ण इस लेख में जानें।
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गेहूं में पीलापन दूर करने के सस्ता उपाय
गेहूं में पीलापन कई कारणों से आता है। जैसे-अगर आपके खेत की मिट्टी चिकनी है, अधिक पानी की वजह से, खेत में दीमक होने की वजह से, खरपतवार नाशक दवाइयां के प्रयोग से या फिर खेत में न्यूट्रिशन की कमी वजह से आपकी फसल में पीलापन आ सकता है। अगर आपकी फसल में ऊपर दिए गए किन्हीं कारणों से पीलापन है, तो आप इसके इसका निवारण स्प्रे द्वारा करें। स्प्रे द्वारा आपकी फसल से पीलापन सबसे जल्दी हटेगा। इसके लिए आप हमिक एसिड 500ml + चेल्टेड जिंक 100g + मैग्नीशियम सल्फेट 1kg और बोरोन 100g को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ स्प्रे करें। इससे आपकी गेहूं की फसल में पीलापन जल्दी से हट जाएगा। इस स्प्रे पर आपका खर्चा भी मात्र 400रु से 500रु प्रति एकड़ तक आएगा।
गेहूं में दूसरे पानी पर खाद
गेहूं में खाद आप पानी लगाने से पहले या बाद में दोनों प्रकार से डाल सकते हैं। अगर आप खाद को पानी देने के बाद डालते हैं, तो आपको गीली जमीन में खाद डालने के ज्यादा फायदे मिलेंगे। इसलिए जमीन सुख जाने पर खाद न डालें। गेहूं में दूसरे पानी से पहले यह बाद में आपको एक बैग यूरिया के साथ 10kg सागरिका प्रति एकड़ और 5kg मैग्नीशियम सल्फेट को प्रति एकड़ साथ में मिलाकर अपने खेत में डाल दें। अगर आपने पहले पहले खाद में सागरिका का इस्तेमाल किया है। तो अबकी बार आप 6kg जिंक 33% और 3kg सल्फर 90% प्रति एकड़ वाले को साथ में मिलकर इस खाद के साथ डाल सकते हैं। इससे आपकी कल्लों का फुटाव भी अधिक होगा और आपके खेत की फसल हरी-भरी होगी।
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FAQ
गेहूं की फसल में जिंक का प्रयोग कब करें?
गेहूं की फसल में जिंक का प्रयोग आप पहले पानी या दूसरे पानी पर करने में सबसे अच्छे रिजल्ट निकल कर आते है। जिंक के साथ सल्फर का प्रयोग करें।
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