किसान साथियों नमस्कार, गेहूं की फसल सर्दी की एक मुख्य फसल है। गेहूं की फसल को ठंड की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन दिन-प्रतिदिन मौसम में बढ़ रही गर्मी के कारण ठंड बहुत कम होने लग गई है, और ऐसे में गेहूं की फसल को काफी ज्यादा नुकसान देखने को मिलता है। जितने अधिक समय तक ठंड रहेगी। गेहूं की फसल उतनी अच्छी पैदावार किसानों को निकाल कर देगी। गेहूं में आमतौर पर अधिक समय पकने वाली गेहूं की किस्म में 90 से 95 दिन पर बालियाँ निकलती हैं। और कम समय में पकने वाली किस्मों में 80 से 85 दिन पर बालियाँ निकलनी शुरू होती है। गेहूं की फसल में समय से पहले बालियाँ निकालना आजकल काफी ज्यादा किसानों को देखने को मिल रहा है। इसके कुछ मुख्य कारण व उपाय नीचे बताए गए हैं।
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गेहूं में अगेती बालियाँ क्यों निकलती है
गेहूं में आमतौर पर अधिक समय पकने वाली गेहूं की किस्म में 90 से 95 दिन पर बालियाँ निकलती हैं। लेकिन कुछ किसानों को 70 से 75 दिन पर बालियाँ निकालनी शुरू हो गई है। इसके कुछ मुख्य कारण-
- गेहूं में समय से पहले बालियाँ निकलने का पहला और मुख्य कारण दिसंबर के महीने में दिन में तेज धूप होना है। दिन में गर्मी होने के कारण प्रकाश संश्लेषण की क्रिया तेज हो जाती है, और पौधे समय से पहले बालियाँ निकलते हैं।
- जिन किसानों ने अगेती बिजाई (25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक) की है। उन किसानों को यह समस्या अत्यधिक देखने को मिल रही है।
- कुछ किसान साथी अगेती बिजाई में कम समय में पकने वाली किस्मों की बिजाई कर लेते है। उनको भी ये समस्या अधिक देखने को मिलती है।
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताया समाधान
गेहूं की फसल में समय से पहले बालियां निकलने से, वैसे तो आपकी पैदावार पर कोई असर नहीं पड़ता। क्योंकि गेहूं की फसल में काफी कल्ले निकल आते हैं। इनमें एक बाली में समय से पहले निकलती है। बाकि बालियां पूरे समय के बाद ही निकलेंगे। इसलिए किसानों की पैदावार पर इससे ज्यादा कोई नुकसान नहीं होता। आपको बाजार में दिए गए किसी भी प्रकार के उत्पाद को डालने की आवश्यकता नहीं है। ये सब मौसम की वजह से होते है, मौसम में ठण्ड बढ़ने से ये प्रोब्ल्र्म अपने आप सही हो जाएगी। लेकिन आप नीचे बताये गए ये कुछ कार्य कर सकते है।
- खेत में नमी बनाए रखें और उसमें समय-समय पर पानी दें।
- खेत में जिंक, सल्फर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का समय-समय पर स्प्रे करते रहें।
- अगर ऐसे ही तापमान में गर्मी बनी रहती है, तो पोटाश का स्प्रे भी जल्दी करें।
- खेत में 1 से 1.5kg यूरिया का स्प्रे करें। जिससे फसल में कच्चा पन बना रहे।
- दूसरा आप इसमें दलाल गोल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इसके अलावा आपको इसमें किसी भी प्रकार के स्ट्रेस अविलटर या अन्य कोई दवाई डालने की आवश्यकता नहीं है.
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