आजकल कद रोकने वाली दवाई का चालान काफी बढ़ गया है। किसान धान और आलू के साथ-साथ अब गेहूं में भी कद रोकने वाली दवाई का इस्तेमाल करने लगे हैं। आलू और धान में इस दवाई के अच्छे रिजल्ट देखने को मिलते है। कद रोकने वाली दवाई आपकी फसल पर किस प्रकार का असर करती है, और क्या यह आपकी फसल के लिए फायदेमंद है। इसका मूल्या क्या है। इन सब के बारे में संपूर्ण चर्चा आज हम इस लेख में करेंगे। यह सब जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
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गेहूं में प्रयोग के लिय कृषि वैज्ञानिक के सुझाव
गेहूं की जो नई किस्में विकसित की गई है। जिसमें DBW-303, 187, 222, 327 और WH-1270 आदि किस्मों में वैज्ञानिक इस दवाई का प्रयोग करने के लिए आम तौर पर बोलते हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है, कि इस दवाई के प्रयोग से आप अपने गेहूं की फसल को फसल की पैदावार को बढ़ा सकते हैं। यह दवाई आपकी गेहूं में लंबाई को कम कर देती है। जिससे गेहूं गिरती नहीं है। और वह अधिक पैदावार देती है। कृषि वैज्ञानिक इस दवाई को 60 दिन और 100 दिन पर दो बार प्रयोग करने के लिए बोलते हैं। अगर आप इस दवाई का प्रयोग करना चाहते हैं, तो आप 60 दिन के बाद इस दवाई का इस्तेमाल अपनी गेहूं की फसल पर कर सकते है।
अनुभवी किसान इस बारे में क्या कहते है
जब कुछ किसानों से बात की तो उन्होंने बताया कि जिन खेतों में हमने इस दवाई का प्रयोग किया था, उसे खेत में भी गेहूं गिरी जैसे अन्य खेतों में गेहूं गिरी थी। अगले वर्ष जब इस दवाई का स्प्रे किया गया, तो जैसे दूसरे खेतों में जिनमें स्प्रे नहीं किया गया था। वैसे ही परिणाम देखने को मिले। तो किसानों के अनुभव और मेरे हिसाब से इस दवाई को गेहूं में करने के आपको कोई ज्यादा लाभ देखने को नहीं मिलेंगे। इसलिए अगर आप इस दवाई का इस्तेमाल करना चाहते हो, तो कर सकते है। लेकिन एक या दो एकड़ में ही प्रयोग करें। अगर आपको इसके रिजल्ट अच्छे मिले तभी अधिक खेतों में स्प्रे करें।
गेहूं में कद रोकने वाली दवाइयां में मुख्यतः तीन टेक्निकल पाए जाते हैं-
- पैक्लोबुट्राजोल 23% एससी
- मेपिक्वाट क्लोराइड 5% एएस
- क्लोरमेक्वेट क्लोराइड 50% एसएल
किसान साथियों अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी, तो कृपा कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और दूसरे किसानों तक भी इसे शेयर करें। ताकि दूसरे किसान भी से लाभ ले सकें। धन्यवाद!
FAQ
गेहूं की फसल पीली पड़ने का क्या कारण है?
गेहूं पीली कईं कारणों से पड़ती है। अधिक पानी देने से, खरपतवारों नासकों क्र प्रयोग से, नूट्रिएशन्स की कमी से और गेहूं में अगर कोई रोग लग गया है उसके कारण भी गेहूं पीली हो जाती है।
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