Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

DKC-9144 मक्का किस्म:maize variety characteristics

मक्का की बिजाई लगभग पूरे भारत में की जाती है। मक्का का अलग-अलग कंपनी द्वारा काफी सारे बीज दिए जाते हैं। यह बीज अलग-अलग क्षेत्र और जलवायु के हिसाब से बनाए जाते हैं। बायर सीड्स द्वारा मक्का की एक किस्म बनाई गई है। जो DKC-9144 के नाम से प्रसिद्ध है। मक्का की यह किस्म किसानों द्वारा काफी पसंद की जाती है। क्योंकि यह काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है।

गन्ना बिजाई से पहले मिट्टी शोधन कैसे करें:How to purify soil before sowing sugarcane

गन्ने में लगने वाले अधिकतर फफूंदी नाशक और कीट रोग के कीटाणु मिट्टी में लंबे समय तक पड़े रहते हैं। यह आपकी मिट्टी में बिजाई के समय से पहले ही पनपते रहते हैं। भूमि उपचार करने से हमारी मिट्टी में पड़े कीटाणु मर जाते हैं। और फसल में कोई रोग नहीं लगता। भूमि उपचार हम जैविक कीटनाशकों और फफूंदीनाशकों के द्वारा करते हैं। गन्ने में लगने वाले रेड रॉट,पोका बोईंग और टॉप बोरर जैसे खतरनाक रोगों की रोकथाम के लिए भूमि उपचार सबसे अधिक जरूरी है।

ADV-216 भिंडी किस्म की विशेषताएं:okra variety from Advanta Seeds

भिंडी की काफी सारी किस्में आपको बाजार में देखने को मिल जाती हैं। ऐसे ही एडवांटा सीड्स भी भिंडी की काफी सारी किस्म तैयार करता है। इसकी राधिका भिंडी किस्म काफी प्रसिद्ध है। लेकिन इसने अभी एक अपनी एक नई भिंडी किस्म तैयार की है। जो ADV-216 के नाम से प्रसिद्ध है। इस किस्म का बाजार में अन्य किस्म के मुकाबले भाव थोड़ा अधिक मिलता है।

प्याज में पहला मुख्य स्प्रे:First main spray in onion

पिछले 15 से 20 दिन से धुंध और ठंड अधिक पढ़ने की वजह से प्याज में इतनी अच्छी ग्रोथ नहीं दिख रही। क्योंकि आपने जमीन में जो भी खाद और न्यूट्रिएंट्स का प्रयोग किया था। धुप ना निकलने के कारण पौधे उन्हें ग्रहण नहीं कर पाया। क्योंकि सूर्य के प्रकाश के बिना पौधे जमीन से तत्वों को ग्रहण नहीं करते। इसी कारण से आपको अपने प्याज की फसल में ग्रोथ नहीं दिख रही। इस समय आपको प्याज में ग्रोथ करवाने के लिए उसमें स्प्रे के द्वारा खादों और न्यूट्रिएंट्स को देना पड़ेगा।

65 दिन में तैयार होगी गेहूं की फसल:वैज्ञानिकों रहे है नई तकनीक का बीज तैयार:What is excel breed lab

गेहूं की फसल पकने में लगभग 155 से 160 दिन का समय लेती है। लेकिन पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं। जिसमें गेहूं के ऐसे बीजों का निर्माण होगा जो 60 से 65 दिन में पैक कर तैयार हो जाएंगे। इसके लिए पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में एक एक्सेल ब्रीड लैब (excel breed lab) तैयार की है। इस लैब में वैज्ञानिक गेहूं की कम समय में पकने वाली नयी किस्म पर रिसर्च करेंगे और उनको तैयार करके किसानों तक पहुंचाने का काम करेंगे। जिससे किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके।

प्याज में पहला मुख्या खाद:ग्रोथ बढ़ाने का सबसे सही समय:Right time to give first fertilizer to onion

प्याज एक कंद वर्गीय फसल है। जिसकी रोपाई की जाती है। प्याज की रोपाई आमतौर पर पौध उखाड़ने के तुरंत बाद की जाती है। रोपाई के तुरंत बाद ही उसमें पानी भी लगते हैं। प्याज में हमें 40 से 45 दिन पर यूरिया की मात्रा को पूरा कर देना चाहिए। क्योंकि इसके बाद यूरिया देने से उसमें नुकसान होता है। प्याज में पहले खाद हमारी पैदावार को बढ़ाने का काम करता है। क्योंकि यह समय वानस्पतिक वृद्धि का होता है। पौधा उखाड़ कर लगाने के बाद इस समय पौधा अपनी जड़ों की पकड़ को बनता है। और उसे इस समय नाइट्रोजन की अधिक मात्रा की आवश्यकता पड़ती है।

SVM-66 मूंग किस्म की विशेषताएं:Features of SVM-66 Moong variety

मूंग एक दलहनी फसल है। जिसकी बिजाई मुख्य तौर पर गर्मी और खरीफ के सीजन में की जाती है। गर्मी के सीजन में मूंग की बिजाई दाल के लिए और हरी खाद के लिए किसान आम तौर पर करते हैं। लेकिन आज मैं जिस किस्म की बात कर रहा हूं। यह किस्म पकने में बड़ी अच्छी रहती है, और किसानों को काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। मूंग की यह किस्म शक्ति वर्धक सीड्स द्वारा दी जाती है यह SVM-66 के नाम से जानी जाती है।

राधिका भिंडी किस्म की मुख्य विशेषताएं:hybrid variety of okra

राधिका एडवांटा गोल्डन सीड्स की एक हाइब्रिड किस्म है। एडवांटा UPL का एक ब्रांड है। जो मुख्ता सभी प्रकार की फसलों के बीज किसानों के लिए बनता है। भिंडी की इस किस्म की पहली तुड़ाई 45 से 50 दिन पर हो जाती है। यह किस्म लंबे समय तक फल देने के लिए जानी जाती है। यह किस्म औसतन 5 से 6 महीने फल आराम से दे देती है। लेकिन इस फसल से आप 8 से 9 महीने तक फल ले सकते हैं। इसके लिए आपको इसमें खादों और स्प्रे का प्रयोग समय पर करना पड़ेगा। भिंडी की इस किस्म की लंबाई मध्यम होती है। इस किस्म में पीला मोजेक वायरस और लीफ कार्ल वायरस बहुत कम मात्रा में लगते हैं।

DKC-9108 प्लस मक्का किस्म की विशेषताएं:Hybrid maize variety from Bayer Seeds

इस समय आलू की खुदाई लगभग शुरू हो चुकी है। आलू की खुदाई के बाद किसान भाई मक्का की बिजाई मुख्या तौर पर शुरू कर देते हैं। मक्का की एक ऐसी फसल है। जिसको आप दो फसलों के बीच में भी ले सकते हैं। यह कम समय पकाने वाली और अधिक पैदावार देने वाली खेती है। मक्का की काफी सारी किस्म बाजार में आपको देखने को मिल जाती हैं। एक किस्म जो बायर सीड्स द्वारा दी जाती है। यह लगभग तीन महीने में पैक कर तैयार हो जाती है। मक्का की यह किस्म DKC-9108 प्लस के नाम से जानी जाती है।

ADV-757 मक्का किस्म की विशेषताएं:High yielding hybrid maize variety

अलग-अलग कंपनियों की अलग-अलग किस्म क्षेत्र के हिसाब से मशहूर होती हैं। हर कंपनी की एक ऐसी किस्म होती है, जो सबसे अधिक पैदावार निकालकर देती है। कंपनियां इन किस्म में समय-समय पर बदलाव करके इसे अधिक पैदावार लेने के लिए भी तैयार करते हैं। अच्छी पैदावार लेने के लिए आपको उन्नत किस्मों का चुनाव करना पड़ेगा। ऐसी ही एक किस्म एडवांटा सीट्स द्वारा तैयार की जाती है। एडवांटा सीड्स द्वारा दी जाने वाली सभी किस्म में ये किस्म सबसे अधिक पैदावार निकाल कर देती है।

गेहूं में बोरोन का प्रयोग:गेहूं में बोरोन की कमी की पहचान:Identification of boron deficiency in wheat

गेहूं में बजाई से लेकर कटाई तक अनेक अवस्थाओं में पौधे को तरह-तरह की पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। कुछ पोषक तत्वों की आवश्यकता इतनी कम मात्रा में पड़ती है, की किसान भाई उनका ध्यान नहीं रखते और इससे उनकी पैदावार घट सकती है। यह सामान्य रह सकती है। अधिक पैदावार लेने के लिए आपको पौधे को सभी तरह के पोषक तत्व समय पर देने पड़ते हैं। तभी आप गेहूं से बंपर पैदावार ले सकते हैं। ऐसे ही अधिकतर किसानों को गेहूं में बोरोन की कमी के पहचान नहीं कर पाते।

PAC-751 (इलाईट) मक्का किस्म की विशेषताएं:hybrid variety of maize

एडवांटा सीड्स मक्का की अनेक तरह की किस्म किसानों के लिए बनता है। इन किस्मो की अलग-अलग विशेषताएं होती हैं। कुछ किस्म भारी मिट्टी के लिए बनी होती है, तथा कुछ इसमें हल्की मिट्टी के लिए बनाई जाती है। PAC-751 (इलाईट) एडवांटा सीट्स द्वारा बनाई गयी मक्का की हाइब्रिड किस्म है। एडवांटा सीट्स यूपीएल कंपनी का एक ब्रांड है।

लहसुन में आखिरी खाद कौन सा डालें:पैदावार बढ़ाने के लिए सही समय और सही मात्रा देना जरूरी:Time to apply last fertilizer to garlic

इस समय सभी किसानों की लहसुन की फसल लगभग 90 से 100 दिन की हो गई है। यह समय लहसुन में कंद बनने का होता है। लहसुन की लगभग सभी प्रकार की किस्म 120 से 160 दिन में पककर तैयार हो जाती हैं। आप इन इन किस्म में खाद डालते समय वैरायटी के हिसाब से 5-10 दिन ऊपर नीचे कर सकते हैं। लहसुन में आखिरी खाद आपकी पैदावार को बढ़ाने के साथ-साथ आपकी लहसुन की क्वालिटी को भी सुधरता है। जिससे आपके बाजार में अच्छे भाव मिल जाते हैं।

ADV-9293 मक्का किस्म की विशेषताएं:Hybrid variety of maize with short ripening time

मक्का की किस्म की अनेक वैरायटी आपको बाजार में देखने को मिल जाती हैं। कुछ वैरायटी 100 से 110 दिन में पक जाती हैं, तथा कुछ किस्में पकने में 150 से 160 दिन का समय लेती हैं। जो किस्में पकने में अधिक समय लेती है, वह पैदावार भी अधिक निकाल कर देती हैं। मक्का की जो किस्म 100 दिन में पैक कर तैयार हो जाती है। ऐसी किस्मों आप दो फसलों के बीच के समय में आसानी से ले सकते हैं। यह किस्म एडवांटा सीड्स द्वारा दी जाती है। इस किस्म का नाम ADV-9293 है।

प्याज में पौधा सुखना या जड़ गलन समस्या:क्या करें किसान, संपूर्ण जानें:Main reason for drying of onion plants

पिछले एक महीने से मौसम में लगातार नमी बनी हुई है, और धूप ना निकलने के कारण फसलों में फंगस जनित रोग अधिक मात्रा में फैल रहे हैं। लहसुन में रोपाई के बाद पौधे सूखने की समस्या आमतौर पर खेतों में देखी जा रही है। किसी किसी खेत में प्याज के 25 से 30% पौधे सूख गए हैं।

ADV-759 मक्का किस्म की विशेषताएं:hybrid maize variety of upl

मक्का की बिजाई रबी और खरीफ दोनों सीजन में की जाती है। एडवांटा सीड्स जो की यूपीएल कंपनी का एक ब्रांड है। यह किसानों के लिए मक्का, धान, ज्वार, बाजरा, सरसों और अन्य पशुओं के चारे वाली अनेक फसलों के बीज उपलब्ध कराता है। ऐसी ही एडवांटा सीड्स की एक मक्का किस्म है। जो किसानों द्वारा काफी ज्यादा पसंद की जाती है। यह किस्म ADV-759 के नाम से जानी जाती है।

प्याज में खरपतवार नाशक दवाइयां:सही समय, सही मात्रा:बेस्ट खरपतवार नाशक के बारे में जानें:Main herbicides in onion

प्याज एक कंद वर्गीय फसल है। इसके पौधे की रोपाई की जाती है। प्याज की फसल लगभग पूरे भारत में लगाई जाती है। प्याज की फसल में खरपतवारों की एक मुख्य समस्या रहती है। वैसे तो निराई-गुड़ाई द्वारा खरपतवार आसानी से नष्ट हो जाते हैं। लेकिन जब खरपतवारों की अधिक मात्रा में हो, तो उनको निराई-गुड़ाई द्वारा नष्ट करना संभव नहीं होता और खरपतवार नाशक दवाइयां का स्प्रे करना ही पड़ता है।

गेहूं में सस्ता स्प्रे और शानदार पैदावार:कृषि वैज्ञानिक ने बताई महत्पूर्ण बातें:cheap spray in wheat

गेहूं की फसल में किसान साथी अक्सर पैदावार बढ़ाने के लिए कुछ ना कुछ उत्पाद के बारे में पूछते रहते हैं। कृषि विज्ञानकों के अनुसार गेहूं में अगर आपने जरूरत के हिसाब से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, जिंक, सल्फर या अन्य पोषक तत्वों का प्रयोग किया है। तो आपको कुछ और प्रयोग करने की जरूरत नहीं है। लेकिन यह भी सच है, कि बिना धूप के पौधे जमीन से पोषक तत्वों को नहीं उठा सकते और वह जमीन में पड़े-पड़े बेकार हो जाते हैं। इसलिए किसान साथियों आपको पोषक तत्वों की कमी पौधे में देखने को मिलती है। जब धुप न निकल रही हो तब पोषक तत्वों की प्रयोग स्प्रे के द्वारा चाहिए।