गन्ने की टॉप किस्में
20 से 25 फुट लंबाई वाले गन्ने की किस्म के बारे में जानें:रोग रहित गन्ना किस्म,महाराष्ट्र की गन्ना किस्म
CO-8005 गन्ना किस्म महाराष्ट्र की गन्ना किस्म है। यह एक रोग रहित गन्ना किस्म है। इसमें पोका बोइंग या टॉप बोरर जैसे रोगों की कोई समस्या नहीं रहती। इसका अगोला गहरे हरे रंग का होता है। इस गन्ने की लंबाई 20 से 25 फीट तक हो जाती है। इस गन्ने की सबसे बड़ी समस्या गिरने की है।
गन्ने की नई किस्म Co-13235 की विशेषताएं:रोग रहित गन्ना किस्म
गन्ना किसानों के लिए पिछले कुछ वर्षों में गन्ने में लगने वाले रोग एक बड़ी परेशानी बन गए हैं। इन रोगों से गन्ने की अधिक पैदावार देने वाली किस्म प्रभावित हो रही हैं।
गन्ना किस्म COLK–14201 की यह खूबियां शायद आपको नहीं पता होंगी:New Sugarcane Variety
गन्ना किस्म COLK–14201 भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान द्वारा बनाई गई है। यह किस्म 8436 गन्ना किस्म से मिलती-जुलती किस्म है। या ये बोल सकते हैं कि यह 8436 गन्ना किस्म जो रसगुल्ला के नाम से प्रसिद्ध है, कि विकसित किस्म है।
गन्ने की अधिक पैदावार देने वाली गन्ना किस्म CO–11015 की विशेषताएं जानें:Sugarcane variety CO–11015
CO–11015 तमिलनाडु की गन्ना किस्म है। लेकिन इस किस्म की बजाई आप पुरे भारत में कर सकते है। जिसकी बजाई आप अक्टूबर और नवंबर में कर सकते हैं।
रेड रॉट रोग से बचाव के लिए इस गन्ना किस्म की करें बजाई(2023):Early sugarcane variety of Uttar Pradesh
गन्ना किस्म COS-13231 एक उत्तर प्रदेश की गन्ना किस्म है। इस किस्म की पत्तियां मुलायम होती है। इसमें कांटे नहीं होते। इस किस्म की पोरी लम्बी होती है। और पोरी का कुछ भाग हल्का सफेद रंग का धब्बे होते है। इस किस्म की मोटाई माध्यम होती है।
जल भराव वाले क्षेत्रों में तहलका मचाएगी गन्ने की यह किस्म:COLK-15466 Sugarcane variety
गन्ने की यह किस्म लखनऊ गन्ना अनुसंधान संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा बनाई गई है। इस किस्म में कल्लों का फुटाव अधिक होता है। यह किस्म गिरने के प्रति सहनशील है। गुड़ बनाने और रस निकालने के लिए यह गन्ना सबसे उपयुक्त रहती है। इस किस्म में शर्करा की मात्रा 17.5% तक पाई जाती है। पोका बोईंग और लाल सड़न जैसे रोगों के प्रति यह गन्ना किस्म सहनशील है।
पोका बोईंग और रेड रॉट जैसे रोगों को सहने की शक्ति रखती है गन्ने की यह अर्ली किस्म:Know about COLK-12207 sugarcane variety
COLK-12207 गन्ना किस्म गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ द्वारा बनायीं गयी किस्म है। यह एक माध्यम मोटाई वाली गन्ना किस्म है। इसका गन्ना अधिक ठोस होता है। इसके एक गन्ने का वजन 2 से 2.5 किलोग्राम तक रहता है। यह किस्म गिरने के प्रति सहनशील है। रेड रॉट और पोका बोईंग जैसे खतरनाक रोग इस गन्ना किस्म में नहीं लगता। इस किस्म की इंटरनोड लंबी होती है।
लोकप्रिय गन्ना किस्म सीईओ-08272 की संपूर्ण विशेषताएं:CO-08272 Sugarcane Variety
सीईओ-08272 गन्ना किस्म एक अगेती गन्ना किस्म है। जो गन्ने में लगने वाले मुख्य रोग जैसे पोका बोइंग और रेड रोड रोगों के प्रति सहनशील है। इस किस्म का गन्ना ठोस होता है। इसकी लंबाई कम होती है।
जल भराव वाले क्षेत्र के लिए सबसे अच्छी गन्ना किस्म:CO-98014 गन्ना किस्म की विशेषताएं
CO-98014 गन्ना किस्म अपनी लंबाई के लिए जानी जाती है। इसका गन्ना 12 से 13 फीट लम्बा हो जाता है। इस गन्ने की मोटाई थोड़ी कम होती है। इस गन्ना किस्म में किसी भी प्रकार के कोई रोग जैसे-टॉप बोरोर, पोका बोइंग और रेड रोड जैसी समस्या नहीं देखने को मिलती।
करनाल गन्ना अनुसंधान द्वारा बनाई गई गन्ना किस्म CO-15023 के बारे में जाने:Sugarcane Variety CO-15023
गन्ना भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख फसल है। गन्ना चीनी का मुख्य स्रोत है। गन्ना एक ऐसी फसल है, जो हर प्रकार के मौसम को सहन करने की क्षमता रखता है। अत्यधिक बारिश, अत्यधिक गर्मी या ठंड में भी गन्ना अच्छी प्रकार से ग्रोथ करता रहता है।
COPB-95 अर्ली गन्ना किस्म की विशेषताएं(2023)|COPB-95 Early Sugarcane Variety
गन्ना एक प्रमुख व्यावसायिक फसल है। जो विषम परिस्थितियों में भी किसानों को एक अच्छी पैदावार निकाल के देती है। गन्ने की खेती अपने आप में सुरक्षित और लाभकारी खेती होती है। दोमट मिट्टी जिसमें सिंचाई की उचित व्यवस्था हो। और भूमि का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच हो गन्ने के लिए सर्वोत्तम रहती है। गन्ने की फसल में अधिक पानी की जरूरत होती है। होती है। गन्ना चीनी का मुख्य स्रोत है। लगभग पूरे भारत में गन्ने की खेती की जाती है।
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