सरसों

सरसों में फूल आने पर पैदावार बढ़ाने के लिए यह दो जरूरी काम करें:सरसों की खेती में पैदावार बढ़ाने के कुछ तरीके

सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए फूल अवस्था सबसे अच्छी स्टेज मानी जाती है। इस समय से आपकी फसल में दाने बनने का समय शरू हो जाता है। अगर आपकी सरसों के अंदर फूल अवस्था शुरू हो गई है। तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिससे आपकी पैदावार बढ़िया निकले। इस समय आपकी फसल में कीटों और रोगों का अटैक लगना शरू हो जाता है। इसलिए इनकी रोकथाम के लिए उपाय करने भी इस समय जरूरी होते है।

काली सरसों की टॉप 5 किस्में जो सबसे अधिक पैदावार देती है|Top 5 Mustard Varieties

सरसों की खेती वैसे तो पुरे भारत में की जाती है। लेकिन हरियाणा, राज्यस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और पश्चिमी बंगाल में सबसे ज़्यदा सरसों की खेती होती है। ये राज्य पुरे देश का 85% सरसों का उत्पादन करते है। भारत में सरसो की मांग प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

सरसों की फसल में अधिक फुटाव बढ़ाने के लिए पहले पानी पर डालें ये खाद:Mustard Crop

सरसों की फसल में पहला पानी हमें 30 से 35 दिन पर दे देना चाहिए। अगर आपकी मिट्टी रेताली है, तो आप 30 दिन पर पहला पानी देना चाहिए और अगर आपकी मिट्टी भारी है, तो आप 35 या 40 दिन पर भी अपने खेत में पानी चला सकते हैं।

सरसों की टॉप किस्म जिसकी फलियाँ मजबूत और दाने चमकदार है:Mustard variety from Savannah Seeds

SM-2042 सवाना सीड्स की एक हाइब्रिड काली सरसों की किस्म है। इस किस्म की बिजाई लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन भारी मिट्टी में यह किस्म अच्छी पैदावार निकाल कर देती है।

सरसों में तेजी से फ़ैल रहा है, सफेद तना गलन रोग कैसे करें रोकथाम:white stem rot disease in mustard

सरसों की बजाई रबी सीजन में की जाती है। पिछले सालों में सरसों की फसल में सफेद तना गलन रोग की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। वास्तव में इस रोग का कोई प्रभावी इलाज नहीं है। लेकिन फिर भी बीज और भूमि उपचार करके आप इस रोग की रोकथाम आसानी से कर सकते हैं। यह एक खतरनाक रोग है।

नंदी सरसों इन रीसर्च किस्मों के बारे मे सम्पूर्ण जानें:बायोस्टाड इंडिया लिमिटेड की सरसों किस्में।

सरसों भारत की एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है जो मुख्य रूप से हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश में उगाई जाती हैमें अपनी उगाई जाती है।

श्रीराम 1666 सरसों की हाइब्रिड किस्म की विशेषताएं और मूल्य|Shriram 1666 Hybrid Mustard Variety

श्रीराम 1666 डीसीएम श्रीराम लिमिटेड सीड्स की काली सरसों की हाइब्रिड किस्म है। इसके पौधे की ऊंचाई लगभग 5 फीट के आसपास रहती है।

पायनियर सीड्स की 45s47 सरसों किस्म:top mustard variety

पायोनियर 45s47 पायनियर सीट्स इंडिया की काली सरसों की किस्म है। यह किस्म 45s46 किस्म के मुकाबले कम समय में पकती है। इस किस्म का पकाने का समय 115 से 125 दिन है।

सरसों की बिजाई करते समय ये 5 काम किया तो मिलेगी बंपर पैदावार:सरसों की फसल से ऐसे लें अधिक पैदावार।

सरसों से अधिक पैदावार लेने के लिए हमें उन्नत बीजों का चुनाव करना जरूरी है। जैसे पूरे समय में पकने वाली सरसों किस्म में स्टार 10–15, पायोनियर 45s46 जैसी किस्म का चयन कर सकते हैं।

कावेरी सीड्स की काली सरसों किस्म KBH-5207 की खासियत जानें:Kaveri Seeds Top Mustard Variety

सरसों और गेहूं रबी के सीजन में बुवाई की जाने वाली मुख्य फसलें हैं। जिनकी बजाई भारत में सबसे अधिक की जाती है। आजकल किसान भाई गेहूं को छोड़कर सरसों की बिजाई अधिक मात्रा में कर रहे हैं।

फसल में लकड़ी की राख का प्रयोग करें या नहीं:uses of wood ash

फसल में लकड़ी की राख का उपयोग करें या ना करें। या फिर लकड़ी की राख का इस्तेमाल हम फसल में किस प्रकार कर सकते हैं, और किन-किन फसलों में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं

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