चना में फल छेदक इल्ली:- आजकल अत्यधिक रासायनिक खादों के प्रयोग प्रयोग से फसलों में कीट और फंगस रोग अधिक मात्रा में बढ़ने लगे हैं। ऐसे ही चने में सुंडी यानी इल्ली का प्रकोप काफी अधिक मात्रा में देखा जाता है कई बार तो सुंडियां चने की पूरी फसल को नष्ट कर देती हैं। और किसान हाथ मलता रह जाता है। इसलिए किसान साथियों आपको सही समय पर सही दवा का प्रयोग करके अपनी चने की फसल में इल्ली को कंट्रोल करना चाहिए, ताकि फसल को भी कोई नुकसान ना हो और आपकी पैदावार अच्छी निकले। चने में इल्ली कंट्रोल करने के लिए कुछ दवाइयां आपको नीचे बताई गई है।
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चना में फल छेदक इल्ली
चने में सुंडी आपको कई अवस्थाओं में देखने को मिलती है। कई बार अत्यधिक दवाइयों के प्रयोग से चने की फसल भी खराब हो जाती है। चने में इल्ली पहले आपको कोमल पत्तियों पर देखने को मिलती है। इस समय यह फूलों को खाती है। जिससे फसल में नुकसान होता है. इसके बाद जब फलियां बनती हैं, तब यह फली के अंदर घुसकर दाने को खाती हैं। और आपकी फसल को भारी नुकसान पहुंचा देती है। इसलिए किसान भाइयों चने में हमेशा सिस्टमैटिक दवाइयां का ही प्रयोग करें। जिससे इल्ली को आसानी से कंट्रोल किया जा सके।
चने में इल्ली की रोकथाम के लिए दवाइयां
चने में इल्ली की रोकथाम के लिए आप नीचे बताई गई दवाइयां का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह दवाइयां आपकी चने की फसल में इल्ली यानि सुंडी को 100% तक कंट्रोल करेंगे।
- इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी की 100g मात्रा प्रति एकड़
- इंडोक्साकार्ब 14.5 एस.सी की 300ml मात्रा प्रति एकड़
- नोवेल्यूरॉन 10% ईसी की 150ml मात्रा प्रति एकड़
- नोवेल्यूरॉन 5.25% + इंडोक्साकार्ब 4.5% एससी की 400ml मात्रा प्रति एकड़
- प्रोफेनोफॉस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% ई.सी की 250ml मात्रा प्रति एकड़
ऊपर बताइए गयी इन दवाइयों में से आप किसी भी दवाई का स्प्रे में इस्तेमाल कर सकते है। अगर आप दो बार स्प्रे करते है, तो दवाई बदलकर स्प्रे करें। किसान साथियों आप चने में इल्ली का दवाई का स्प्रे तभी करें, जब आपको चने में इल्ली दिखाई दें। अन्यथा आप स्प्रे न करें। आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी। कृपया कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और इसे अन्य दूसरे किसानों तक भी अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!
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