पौधा गन्ना की कटाई के बाद मुख्य स्प्रे:- किसान साथियों नमस्कार, पौधा गन्ना की कटाई शुरू हो चुकी है। किसान भाई फरवरी से लेकर मार्च तक पौधा गन्ना की कटाई करते हैं। कुछ किसान भाई गेहूं वाले खेतों में गन्ना बिजाई करते हैं, और वह उसे समय तब भी गन्ने का बीज रखने के लिए गन्ने को रखते हैं। जब भी आप पौधा गन्ना की कटाई करें। उसके बाद आपको उसमें कुछ ऐसे कार्य करने चाहिए। जिससे उसमें शुरू से ही कीट रोग या फंगस रोग ना लगे और आपके कल्लों का फुटाव बेहतर हो। क्योंकि अक्सर देखा जाता है, कि किसान भाई गन्ना कटाई के बाद उसमें गन्ने की जड़ें कट फट जाती हैं, और उनमें फंगस और कीट रोग ज्यादा मात्रा में देखने को मिलते हैं। जिससे जड़ें खराब हो जाती हैं, और उनका जमाव अच्छे से नहीं होता। इसलिए हमें गन्ना कटाई के तुरंत बाद ही उसमें एक स्प्रे कर देना चाहिए। जिससे आपका पैड़ी गन्ना काफी अच्छी फुटाव करें और आपको अच्छी पैदावार निकाल कर दें।
गन्ने बिजाई की नई विधि:अधिक पैदावार के लिए बिजाई करते समय क्या सावधानियां रखें
पौधा गन्ना की कटाई के बाद मुख्य स्प्रे
पौधा गन्ना कटाई के बाद आप अपने खेत से पत्तियों को पूरी तरह से साफ करके और उसमें मल्चर चला दें। इसके बाद जब मिट्टी थोड़ी सूख जाए तो आप इसमें एक स्प्रे करें। जिससे आप कीट और फंगस रोगों से अपने पौधा गन्ना की जड़ों को बचाएंगे और उसमें फुटाव भी अधिक अच्छे से होगा। इसके लिए आप नीचे दी गई कुछ दवाइयां का प्रयोग कर सकते हैं।
- कीटनाशक के रूप में आप इमिडाक्लोप्रिड 17.8% एस.एल 250ml प्रति एकड़ या फिप्रोनिल 5% एससी की 500ml प्रति एकड़ या फिप्रोनिल 40% + इमिडाक्लोप्रिड 40% डब्लूजी की 100 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं।
- फफूंदीनाशक में आप कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% WP की 500 ग्राम प्रति एकड़ या थायोफैनेट मिथाइल 70% WP 500 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से ले सकते हैं।
ऊपर बताए गए आप कीटनाशक और फफूंदीनाशक से एक-एक टेक्निकल को साथ में मिलाकर और 400 लीटर पानी में घोलकर अपने खेत में अच्छे से ड्रीचिंग कर दें। तो इससे आपके खेत के कीट रोग और फंगस रोग पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे और आपकी पैड़ी का फुटाव अच्छे से होगा और आपको अच्छी पैदावार निकाल कर देगा। इसमें आपकी अर्ली सूट बॉर्डर और टॉप बोरर कम मात्रा में लगेगा। पौधा गन्ना कटाई के बाद यह रोग काफी जल्दी फैलता है। आपकी फसल में नुक्सान कर देते है।
(नोट- CO-0238 वाले किसान इस स्प्रे को अवश्य करें)
आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी। कृपया कमेंट के माध्यम से बताएं और इसे आगे अन्य किसानों तक अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!
ये भी पढ़ें- गन्ने में ट्राइकोडर्मा का प्रयोग:ट्राइकोडर्मा को गोबर की खाद या पानी के साथ मिलने का सही तरीका
गन्ने की तूफानी किस्म:अधिक मोटाई और गिरने के प्रति सहनशील किस्म
गन्ने में जड़ बेधक का नियंत्रण कैसे करें:गन्ने की ऊपरी पत्तियां पीली होने का कारण
गन्ना बिजाई से पहले गहरी जुताई क्यों जरूरी:गर्मी में गहरी जुताई कैसे फायदेमंद, सम्पूर्ण जानें