गन्ना बिजाई की पेट्रो विधि:Petro method of sugarcane sowing

By Kheti jankari

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गन्ना बिजाई की पेट्रो विधि

गन्ना बिजाई की पेट्रो विधि– किसान साथियों नमस्कार, गन्ना बिजाई की विधियों की बात करें। तो अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार से गन्ना बिजाई की जाती है। और किसान अपने सुविधाओं और यंत्रों के हिसाब से भी गन्ने की बिजाई करते हैं। गन्ना बिजाई में सबसे अधिक ट्रैंच विधि, रिंग पिट विधि और 28 इंच पर (सामान्य विधि)) से ही की जाती है। लेकिन अब पौधा गन्ना नर्सरी तैयार करके भी काफी अधिक किसान गन्ने की बिजाई करने लगे हैं, और यह भी काफी पॉप्युलर हो रहा है। गन्ना बिजाई की एक और विधि है। जिसे पेट्रो विधि कहा जाता है। इस विधि में गन्ने की बिजाई काफी कम किसान करते है। इस विधि से गन्ने की बिजाई कैसे की जाती है। इस बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए कृपया पुरा लेख पढ़ें।

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गन्ना बिजाई की पेट्रो विधि क्या है

जो किसान आधुनिक खेती करना चाहते हैं। लेकिन आधुनिक कृषि यंत्रों के ना होने के कारण वह आधुनिक खेती नहीं कर पाते। कुछ बड़े किसान तो आधुनिक यंत्रों को खरीद लेते हैं। ऐसे ही ट्रेंच विधि में आधुनिक कृषि यंत्रों की आवश्यकता पड़ती है। जिससे छोटे किसान उसको करने में असमर्थ हैं। लेकिन किसानों ने इसका भी एक तरीका निकाला है। जो पेट्रो विधि के नाम से जाना जाता है। कुछ छोटे किसान इस विधि से गन्ने की बिजाई करते हैं। इस विधि में किसान सामान्य हाल से 28 इंच से 30 इंच पर खूड़ निकल कर, दो खूडों की बिजाई करते हैं, और एक खूड़ को बीच में छोड़ देते हैं। ऐसे ही पूरे खेत की बिजाई की जाती है। इस विधि का प्रबंधन आप बहुत आसानी से कर सकते हो। सामान्य विधि से बजाई वाला यंत्रों से इसके सभी कार्य हो जाते हैं, और इसकी पैदावार भी काफी अच्छी निकलती है। इस समय काफी किसान इस विधि से बिजाई करने लगे है। क्यूंकि इसके काफी अधिक फायदे देखने को मिल रहे है।

गन्ने की बिजाई की पेट्रो विधि के फायदे

गन्ना बिजाई की पेट्रो विधि के काफी सारे फायदे देखने को मिलते हैं। इसके कुछ फायदे नीचे बताए गए हैं।

  • इस विधि से बिजाई करने पर गन्ने की बंधाई आसानी से हो जाती है।
  • इस विधि में मिटटी चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ती।
  • इस विधि में ट्रेंच विधि से कम खर्चे में आप बिजाई कर सकते हैं।
  • इस विधि से बिजाई करने पर आपको आधुनिक कृषि यंत्रों की आवश्यकता नहीं पड़ती। आप अपने पुराने यंत्रों से ही अच्छे से प्रबंधन कर सकते हैं।
  • इस विधि में अगर जमाव कम भी आए। तो चल जाता है, क्योंकि आप दो खूड़ों की एक साथ बजाई करते हैं।
  • इस विधि में ट्रेंच विधि से अधिक ज्यादा पैदावार ली जा सकती है। वो भी कम खर्च में।

किसान साथियों अगर आप भी इस विधि से गन्ने की बिजाई करते हैं। तो कृपया हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। अगर आपको मेरा लेख अच्छा लगा तो, इसे आगे अन्य किसानों तक अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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