DBW 370, DBW 371 और DBW 372 गेहूं की किस्मों में कौन सी है सबसे अच्छी, जानें: DBW 370, DBW 371 and DBW 372 wheat varieties

By Kheti jankari

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DBW 370, DBW 371 and DBW 372 wheat varieties

भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIWBR, करनाल) ने हाल के वर्षों में कई नई उन्नत गेहूं किस्में जारी की हैं — जिनमें DBW 370 (करण वैदेही), DBW 371 (करण वृंदा) और DBW 372 (करण वरुणा) प्रमुख हैं।
तीनों किस्में अलग-अलग परिस्थितियों और खेती की जरूरतों के अनुसार तैयार की गई हैं।
आइए इन्हें एक-एक करके समझें।


DBW 370 (करण वैदेही) गेहूं किस्म

किसके लिए उपयुक्त: समय पर बुवाई करने वाले किसान
क्षेत्र: उत्तर-पश्चिम भारत (हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम यूपी, राजस्थान)

  • औसत पैदावार: 78–82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • पकने की अवधि: 145–150 दिन
  • पौधा मजबूत, गिरने की संभावना बहुत कम
  • गर्मी और सूखा सहनशील
  • चपाती और ब्रेड गुणवत्ता के लिए उपयुक्त
  • रोग प्रतिरोध: पीली रतुआ के प्रति मजबूत

किसानों के लिए लाभ:
जो किसान समय पर बिजाई करते हैं (20–30 अक्टूबर), उनके लिए यह किस्म सबसे बढ़िया है।
उपज स्थिर रहती है और अनाज की गुणवत्ता भी अच्छी रहती है।


DBW 371 (करण वृंदा) गेहूं किस्म

किसके लिए उपयुक्त: देर से बुवाई करने वाले किसान
क्षेत्र: उत्तर भारत और मध्य भारत के अधिकांश हिस्से

  • औसत पैदावार: 75–80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • पकने की अवधि: 135–140 दिन (जल्दी पकने वाली किस्म)
  • कम तापमान में भी अच्छी तरह विकसित होती है
  • रतुआ रोगों के प्रति प्रतिरोधक
  • जल्द कटाई और अगली फसल के लिए समय बचाने वाली किस्म

किसानों के लिए लाभ:
जो किसान सरसों या कपास के बाद गेहूं लगाते हैं, उनके लिए यह सबसे उपयुक्त किस्म है।
जल्दी तैयार होकर खेत जल्दी खाली करती है।


DBW 372 (करण वरुणा) गेहूं किस्म

किसके लिए उपयुक्त: उच्च उपज और पोषक गेहूं चाहने वाले किसान
क्षेत्र: पूर्वी व मध्य भारत के सिंचित इलाके

  • औसत पैदावार: 80–85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • पकने की अवधि: 150–155 दिन
  • अनाज में आयरन और जिंक की मात्रा ज्यादा
  • रतुआ और झुलसा रोगों के प्रति सहनशील
  • पौधा सीधा और मजबूत

किसानों के लिए लाभ:
जो किसान पोषक गेहूं की खेती करना चाहते हैं, उनके लिए यह किस्म सबसे उपयोगी है।
यह किस्म उपज के साथ-साथ पोषण दोनों देती है।


तीनों किस्मों की तुलना एक नजर में

विशेषताDBW 370 (करण वैदेही)DBW 371 (करण वृंदा)DBW 372 (करण वरुणा)
उपज (क्विंटल/हेक्टेयर)78–8275–8080–85
पकने का समय (दिन)145–150135–140150–155
बुवाई का समयसमय पर बुवाई (20–30 अक्तूबर)देर से बुवाई (10–25 नवम्बर)समय पर बुवाई
रोग प्रतिरोधपीली रतुआ प्रतिरोधीरतुआ प्रतिरोधीरतुआ + झुलसा प्रतिरोधी
गर्मी/सूखा सहनशीलताअधिकमध्यमअधिक
दाने की गुणवत्ताचपाती के लिए उत्कृष्टसामान्य से अच्छीपोषक गेहूं (जिंक/आयरन ज्यादा)
किसके लिए उपयुक्तसमय पर बिजाई वाले किसानलेट बिजाई करने वालेपोषक गेहूं चाहने वाले

किसान भाइयों के लिए सुझाव

अगर आप समय पर बिजाई कर सकते हैं:- DBW-370 (करण वैदेही) लगाएँ — यह स्थिर उपज देती है।
अगर आपकी बिजाई लेट होती है:-DBW-371 (करण वृंदा) सबसे बढ़िया है।
अगर आप पोषक और ज्यादा उपज वाली किस्म चाहते हैं:- DBW-372 (करण वरुणा) अपनाएँ।

तीनों किस्में अपनी-अपनी परिस्थितियों के अनुसार बेहतरीन प्रदर्शन करती हैं,
लेकिन अगर तुलना की जाए तो —

DBW-372 (करण वरुणा):- पोषण और उपज दोनों के लिए सबसे अच्छी
DBW-370 (करण वैदेही):- समय पर बुवाई के लिए सबसे भरोसेमंद
DBW-371 (करण वृंदा):- लेट बिजाई और जल्दी कटाई के लिए उपयोगी


किसान भाइयों, आप अपने इलाके और बुवाई समय के अनुसार इन तीनों में से सही किस्म चुनें —
और इस रबी सीजन में ज्यादा उपज और बेहतर गुणवत्ता वाला गेहूं पाएं।

आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी कैसी लगी। कृपा कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और इसे अन्य किसानों तक अवश्य शेयर करें धन्यवाद!

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Kheti jankari

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