गेहूं में सल्फर को मिट्टी में दे या स्प्रे में(2024):कृषि वैज्ञानिक ने बताया गेहूं में सल्फर देने का ये सही तरीका

By Kheti jankari

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गेहूं में सल्फर को मिट्टी में दे या स्प्रे में

सल्फर एक ऐसा तत्व है, जो गेहूं की फसल के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। सल्फर गेहूं के लिए मुख्य पोषक तत्व होता है। पहले पौधे पर्यावरण से सल्फर की कमी को पूरा कर लेते थे। परंतु प्रदूषण अधिक होने की वजह से पौधा पर्यावरण से अब सल्फर की मात्रा में नहीं ले सकते। इसलिए हमें केमिकल तरीके द्वारा पौधे को सल्फर देनी पड़ती है। सल्फर की कमी रेताली जमीनों में अधिक महसूस होती है। इसलिए रेताली जमीनों में हमें सल्फर का प्रयोग अधिक मात्रा में करना पड़ता है।

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किसान भाई अपनी जमीनों में डीएपी, पोटाश और यूरिया का अधिक मात्रा में प्रयोग करते हैं। अगर इन खादों का गेहूं में प्रयोग ज्यादा मात्रा में किया जाए। तो यह मिट्टी से सल्फर की मात्रा को घटा देते हैं। क्योंकि इनको पौधा ग्रहण करने के लिए सल्फर का इस्तेमाल करता है। इसलिए जमीनों में सल्फर की कमी देखी जाती है।

गेहूं में सल्फर की कमी के लक्षण

गेहूं में सल्फर की कमी को पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है। क्योंकि सल्फर और नाइट्रोजन के लक्षण एक जैसे ही होते हैं। नाइट्रोजन की कमी पौधे के नीचे वाले पत्तों में देखने को मिलती है वह सल्फर की कमी पौधे के नए पत्तों में देखने को मिलती है।

  • सल्फर की कमी से पौधे की पत्तियों के ऊपरी भाग हल्के पीले पड़ जाती हैं।
  • पत्तों का रंग भी हल्का हरा रह जाता है।
  • इसकी कमी से पौधा पूरी तरह से हरा दिखाई नहीं देता।
  • सल्फर की कमी से पौधे का तना पतला रह जाता है।
  • इसकी कमी से पौधे की लंबाई रुक जाती है।
  • सल्फर की कमी से गेहूं की फसल पकने में 8 से 10 दिन का अधिक समय लेती है।

अगर आपकी गेहूं की फसल में ऐसे लक्षण दिखाई दे। तो यह सल्फर की कमी के लक्षण है। ऐसे में आप अपनी फसल में सल्फर का प्रयोग करें।

गेहूं में सल्फर के कार्य

गेहूं की फसल के लिए सल्फर अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व होता है। सल्फर पौधे में प्रोटीन का निर्माण करता है। जिससे पौधा क्लोरोफिल और अमीनो एसिड बनाने का कार्य करता है। सल्फर एक फफूंदनाशक का काम भी करता है। यह प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को भी बढ़ाने में मदद करता है। सल्फर मिट्टी के पीएच लेवल को कम करने का काम करता है। सल्फर मिट्टी से पानी को भी जमीन में नीचे तक ले जानें का काम करता है। जिन खेतों की मिट्टी चिकनी होती है, उनमें सल्फर का अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाना चाहिए। सल्फर को हम मिट्टी सुधारक भी बोल सकते हैं।

गेहूं में सल्फर का प्रयोग कैसे करें

सल्फर कमी नए पत्तों में देखने को मिलती है। सल्फर नीचे से ऊपर यानी के पौधे की जड़ से तने तक जाने में अधिक समय लेता है। इसलिए इसकी कमी ऊपरी पत्तों में देखने को मिलती है। सल्फर का प्रयोग हमें मिट्टी और स्प्रे दोनों तरीके से दे सकते हैं। मिट्टी में डाली गई सल्फर को पौधा अधिक देर में ग्रहण करता है। जिससे सल्फर की कमी पूरी करने में पौधे को समय लग जाता है। लेकिन अगर आपकी फसल में सल्फर की कमी दिखाई दे रही है, तो आपको सल्फर की कमी जल्दी पूरी करने के लिए इसका स्प्रे में इस्तेमाल करने चाहिए। स्प्रे के द्वारा दी गई सल्फर आपके पौधे तुरंत ही ले लेते हैं।

गेहूं में सल्फर की मात्रा

गेहूं में सल्फर की मात्रा आपके देने के तरीके और सल्फर के प्रकार पर निर्भर करती है। अगर आप सल्फर का प्रयोग मिट्टी में कर रहे हैं, तो बेंटोनाइट सल्फर(दानेदार) 10 किलोग्राम प्रति एकड़ या फिर सल्फर पाउडर 80% 3 से 5 किलो प्रति एकड़ प्रयोग करनी चाहिए। अगर आप सल्फर को स्प्रे में देते हैं, सल्फर पाउडर 80% 700 से 800 ग्राम सल्फर प्रति एकड़ प्रयोग करनी चाहिए। स्प्रे में आप तरल सल्फर का प्रयोग भी कर सकते हैं। इसकी हर कंपनी की अलग-अलग मात्रा होती है। सल्फर का ऑनलाइन मूल्या देखें।

गेहूं में सल्फर का प्रयोग समय

गेहूं में सल्फर का प्रयोग हमें पहला पानी देने ले बाद और दूसरा पानी देने से पहले कर देना चाहिए। यानि 30 दिन के लगभग गेहूं में सल्फर को दे देना चाहिए। ये गेहूं में सल्फर देने का ये सबसे सही समय होता है। क्यूंकि इस समय ही गेहूं में फुटाव होना शरू होता है।

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FAQ

गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए क्या डालना चाहिए?
गेहूं की फसल से अच्छी पैदावार के लिए हमे उसमे समय पर संतुलित मात्रा में खाद और समय पानी देना जरूरी है।

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

10 thoughts on “गेहूं में सल्फर को मिट्टी में दे या स्प्रे में(2024):कृषि वैज्ञानिक ने बताया गेहूं में सल्फर देने का ये सही तरीका”

  1. Aap ke dwara dee gai jaankari farmers ke liye bahut fayademand hai. Ham farmers log iska awasya fayda uthaenge, is jankari ko dene ke liye aap ko bahut bahut dhanyavaad.

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