किसान साथियों नमस्कार, जैसे पौधों को जिंक और सल्फर की आवश्यकता होती है। वैसे ही मैग्नीशियम की आवश्यकता भी पड़ती है। मैग्नीशियम सेकेंडरी न्यूट्रिएंट्स में आता है। भले ही इसकी पौधे को कम मात्रा में आवश्यकता में जरूरत पड़ती हो, लेकिन यह फसल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फसल में कल्लों के फुटाव से लेकर हरापन लाने तक के बहुत सारे काम में मैग्नीशियम के द्वारा किए जाते हैं। मैग्नीशियम आपको बाजार में मैग्नीशियम सल्फेट के नाम से देखने को मिलता है। इसमें मैग्नीशियम और सल्फर पाए जाते हैं। इसमें मैग्नीशियम की मात्रा 9.5% और सल्फर की मात्रा 12% पाई जाती है। मैग्नीशियम की कमी के लक्षण और इसको कब और कितनी मात्रा में प्रयोग करना चाहिए, यह सब जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
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गेहूं में मैग्नीशियम की कमी के लक्षण
गेहूं में मैग्नीशियम की कमी आपको हमेशा नीचे वाले पत्तों में देखने को मिलेगी। इसकी कमी से नीचे वाले पत्ते हल्के पीले रंग के नजर आएंगे। इसका मुख्य कारण है, कि मैग्नीशियम पौधे में सक्रिय रहता है। यह पौधे में नीचे से ऊपर की ओर जाता है। इसलिए ऊपर के पत्तों में मैग्नीशियम की कमी देखने को नहीं मिलती। क्योंकि वह नीचे वाले पत्तों से मैग्नीशियम को खींच लेते हैं।
गेहूं में मैग्नीशियम के कार्य
- मैग्नीशियम प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को बढ़ाने में पौधे की मदद करता है। जिससे पौधे में हरापन आता है।
- यह फास्फोरस को सक्रिय करने की भूमिका निभाता है। फास्फोरस पौधे में एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी तक पहुंचाने में महत्वूर्ण भूमिका निभाता है।
- मैग्नीशियम कल्लों के फुटाव में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि यह जमीन में पड़े तत्वों को पौधे तक पहुंचाने का काम करता है।
- मैग्नीशियम का प्रयोग करने से आपके खेत में सल्फर की कमी भी कुछ मात्रा में पूरी हो जाती है। क्यूंकि इसमें सल्फर भी पायी जाती है।
गेहूं में मैग्नीशियम की मात्रा
मैग्नीशियम का प्रयोग आपको मिट्टी की जांच करके ही करना चाहिए। जितनी मात्रा वैज्ञानिकों द्वारा मिट्टी की जांच में बताया जाता है। उतना ही प्रयोग करें। लेकिन आमतौर पर 6 से कम ph वाली मिट्टी में मैग्नीशियम की कमी पाई जाती है।
मैग्नीशियम का प्रयोग हम मिट्टी में और स्प्रे द्वारा सीधा पौधे में दोनों प्रकार से प्रयोग कर सकते हैं। अगर आप मिट्टी में मैग्नीशियम सलफेट का प्रयोग करना चाहते हैं। तो आपको 10 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग करनी है। अगर आप स्प्रे में मैग्नीशियम का प्रयोग करते हैं। तो आपको 1 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ प्रयोग करनी चाहिए। मैग्नीशियम को आप यूरिया और अन्य खादों के साथ मिलकर भी प्रयोग कर सकते है।
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