गेहूँ

गेहूं में सस्ता स्प्रे और शानदार पैदावार:कृषि वैज्ञानिक ने बताई महत्पूर्ण बातें:cheap spray in wheat

गेहूं की फसल में किसान साथी अक्सर पैदावार बढ़ाने के लिए कुछ ना कुछ उत्पाद के बारे में पूछते रहते हैं। कृषि विज्ञानकों के अनुसार गेहूं में अगर आपने जरूरत के हिसाब से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, जिंक, सल्फर या अन्य पोषक तत्वों का प्रयोग किया है। तो आपको कुछ और प्रयोग करने की जरूरत नहीं है। लेकिन यह भी सच है, कि बिना धूप के पौधे जमीन से पोषक तत्वों को नहीं उठा सकते और वह जमीन में पड़े-पड़े बेकार हो जाते हैं। इसलिए किसान साथियों आपको पोषक तत्वों की कमी पौधे में देखने को मिलती है। जब धुप न निकल रही हो तब पोषक तत्वों की प्रयोग स्प्रे के द्वारा चाहिए।

मैरिनो की मुख्या विशेषताएं:Method to increase yield in wheat

गेहूं की गोभ अवस्था ऐसी अवस्था होती है, जब उसमें बालियाँ बननी शुरू हो जाती हैं। पौधे को इस समय सभी प्रकार के तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। फास्फोरस से लेकर जिंक और बोरोन तक सभी तत्व इस समय पौधे को चाहिए। ठंड अधिक होने की वजह से पौधा जमीन से पोषक तत्वों को नहीं उठा पाता। तो आपको इन पोषक तत्वों को स्प्रे के द्वारा देना पड़ता है। इसके लिए अराइज एग्रो लिमिटेड का एक उत्पाद जो मैरिनो के नाम से प्रसिद्ध है। इसमें आपको लगभग 12 तरह के पोषक तत्व मिल जाते हैं।

गेहूं में पोटाश का महत्व:Importance of potash in wheat

गेहूं की फसल इस समय लगभग 70 से 80 दिनों की हो गई है। ठंड बढ़ाने के कारण पौधे जमीन से पोषक तत्वों को कम मात्रा में उठा रहे हैं। जिससे हमें फसलों में पोषक तत्वों की कमी देखने को मिल रही है। इस समय अगर आप अपने गेहूं की फसल में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना चाहते हैं। तो आपको स्प्रे द्वारा ही सीधा ही छिड़काव करना चाहिए। क्योंकि पौधे जमीन से सूर्य के प्रकाश बिना तत्वों को बहुत कम मात्रा में उठते हैं।

गेहूं वाले किसान सावधान:ठंड के मौसम में तेजी से फैल रहा है ये रोग:Cold weather diseases in wheat

इस समय गेहूं की फसल में किसानों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि मौसम में लगातार धुंध बनी हुई है, और धूप नहीं निकल रही जिससे गेहूं की फसल पर अनेक प्रभाव देखे जा सकते हैं। गेहूं की अत्यधिक ठंड की वजह से ऊपर की पत्तियों की नोक पीली पड़ रही है, और सुख रही है। यह सब ठंड के कारण है। दूसरा गेहूं की फसल में कीट रोग यानी माहु भी अधिक मात्रा में देखा जा रहा है। ये आपकी फसल का रस चूस कर आपकी फसल को नुक्सान करते है।

गेहूं में कितने दिन तक यूरिया का प्रयोग करें:बाद में करने का कितना नुकसान:Disadvantages of giving wheat late urea

गेहूं में किसान भाई आमतौर पर अपने यूरिया को तीन भागों में बांटकर अपने खेत में डालते हैं। इसमें वह दो से तीन बैग यूरिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ क्षेत्रों में तो किसान भाई तीन बैग से अधिक यूरिया भी डाल देते हैं। किसान साथियों यूरिया की अधिक मात्रा में प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके आपको कुछ नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं।

गेहूं की बाली में दानों की संख्या और दानों का वजन बढ़ाने के लिए करें ये स्प्रे:खर्च मात्र 150रु:Solution to increase wheat production

इस समय लगभग सभी किसानों की गेहूं 55 से 60 दिन की हो गई है। यह समय गेहूं में बालियां निकलने का होता है। गेहूं में बालियां निकालनी शुरू हो गई होती है। इस समय पौधे को पोषक तत्वों की आवश्यकता काफी अधिक मात्रा में पड़ती है। 55 से 60 दिन से पहले गेहूं में बढ़वार और फुटाव जितना होना होता है, हो जाता है। इसके बाद अब गेहूं अपनी लंबाई को खींचने लगते हैं। इस समय अगर आप यूरिया का इस्तेमाल करते हैं, तो पौधा यूरिया को अपनी लंबाई बढ़ाने के लिए प्रयोग करता है।

गेहूं में आखिरी खाद:वजनदार दानों के लिए यूरिया के साथ क्या मिलाए किसान:Use of urea in wheat

गेहूं की फसल में किसान भाई आमतौर पर 2 से 3 बैग यूरिया का इस्तेमाल करते हैं। इन दो से तीन बैगों को किसान भाई तीन भागों में बाँटकर अपने खेत में इस्तेमाल करते हैं। इन तीन भागों को किस-किस समय हमें गेहूं की फसल में प्रयोग करना चाहिए और किस समय के बाद हमें गेहूं की फसल में यूरिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, और आखिरी यूरिया के साथ किसानों को क्या मिलना चाहिए।

गेहूं में खरपतवार नाशकों का प्रयोग कितने दिन तक कर सकते हैं:क्या कहते है कृषि जानकर:What is the harm caused by late spraying of herbicides in wheat

गेहूं में सकरी पत्ती और चौड़ी पत्ती वाले कई तरह के खरपतवार पाए जाते हैं। उनको नष्ट करने के लिए अलग-अलग तरह की दवाइयां का प्रयोग करना पड़ता है। क्योंकि सकरी पत्ती वाले खरपतवारों को अलग दवाइयां मरती है, और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को ख़त्म करें अलग दवाइयां का प्रयोग करना पड़ता है। सकरी पत्ती वाले को मारने वाली दवाइयां में मुख्य रूप से एसीएम-9, एक्सियल, अटलांटिस, टॉपिक, सेंकर, शगुन 21-11 आदि प्रमुख दवाइयां हैं। इसके अतिरिक्त चौड़ी पट्टी वाले खरपतवारों में 24D, एल ग्रिप और नाबूद आदि प्रमुख दवाइयां हैं।

गेहूं में प्रयोग होने वाले सबसे अच्छे फफूंदी नासक:Best fungicides for wheat

गेहूं रबी के सीजन में बोई जाने वाली एक अनाज वर्गीय फसल है। जिसकी बजाई किसान भाई अक्टूबर से नवंबर तक करते हैं। गेहूं की फसल में कई अवस्थाएं आती हैं। इन अवस्थाओं में गेहूं में तरह-तरह के फफूंदी जनक और कीट रोग लगते रहते हैं। अगर इन रोगों का समय पर समाधान नहीं करते, तो ये आपकी फसल को पूरी तरह से ख़त्म भी कर सकते है। इसलिए किसान भाई इन कीट रोगों और फफूंदी जनक रोगों के लिए समय पर कीटनाशकों और फफूंदी नाशकों का प्रयोग करते रहें।

गेहूं में गुड़ के साथ डालें ये शानदार चीज:कल्लों की फुटाव और बढ़वार का बेस्ट तरीका:use of jaggery in wheat

गेहूं में कल्लों का फुटाव कई चीजों पर निर्भर करता है। आपकी गेहूं का बजाई समय, बीज की मात्रा कितनी डाली है, उसमें पानी और खाद कब-कब डाले हैं। यह सब चीज आपकी कल्लों के फुटाव और आपकी पैदावार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप सभी कार्य को समय पर करते हैं। तो निश्चित ही हॉकी फसल में कल्लों का फुटाव अधिक होगा और आपकी पैदावार भी बढ़ेगी। अगर फिर भी अपने सभी काम समय पर किए हैं।

गेहूं में किस समय कौन से एनपीके का स्प्रे करें:गेहूं की ग्रोथ के लिए सबसे सस्ता स्प्रे:Use of NPK in wheat

फसल को अनेक अवस्था में अलग-अलग पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। पोषक तत्वों का अलग-अलग अवस्थाओं में अलग-अलग कार्य होता है। जैसे पोटाश का दाने भरने के समय अत्यधिक मात्रा में आवश्यकता होती है। इस तरह से फास्फोरस की कल्ले बनने के समय और बालियाँ बनने के समय अधिक आवश्यकता होती है। नाइट्रोजन की आवश्यकता पौधे को बढ़वार के लिए ज्यादा पड़ती है. इसलिए हमें अलग-अलग अवस्थाओं में अलग-अलग तत्वों या एनपीके का स्प्रे करना चाहिए। हमें किस समय कौन सा स्प्रे करना चाहिए इस बारे में संपूर्ण जानकारी आप इस लेख में प्राप्त करेंगे।

गेहूं की पत्तियों बीच से मुड़कर पीलापन आने की समस्या:क्या है कारण, सस्ता इलाज जानें:Treatment of yellowing of leaves in wheat

किसी भी फसल की बिजाई से लेकर कटाई तक किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी अत्यधिक तापमान, कभी अत्यधिक ठंड, तो कभी बारिश के कारण किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसके साथ-साथ फसलों में अनेक रोग समय-समय पर लगाते रहते हैं। जिससे किसानों की लागत इन फसलों पर और भी अधिक बढ़ जाती है। फसलों में समय पर स्प्रे और खाद पानी देने पर भी किसान अपना पूरा उत्पादन नहीं ले पाते और कुछ किसानों की तो फसल नष्ट भी हो जाती है।

गेहूं में कल्लों की संख्या कैसे बढ़ाएं:किसानों द्वारा प्रयोग किये जानें वाले दो आसान तरिके जानें:Ways to increase the number of buds in wheat

गेहूं में जितना अधिक कल्लों का फुटाव होगा, उतनी अधिक बालियाँ निकलेंगे। बालियों की संख्या अधिक होने से आपकी पैदावार बढ़ेगी। पैदावार बढ़ाने के लिए किसान गेहूं की फसल में तरह-तरह के टॉनिक और खादों का इस्तेमाल करते हैं। ताकि गेहूं की फसल से अधिक पैदावार ली जा सके और उसे अधिक मुनाफा हो।

हरियाणा और पंजाब में धुंध (कोहरे) का ऑरेंज अलर्ट जारी:24 से 28 दिसंबर 2023 को सीजन की पहली धुंध:Orange alert issued for fog in Haryana and Punjab

आज 24 दिसंबर हो चुकी है, लेकिन अभी तक मौसम में धुंध(कोहरे) देखने को नहीं मिल रही थी। दिन में धूप तेज होने की वजह से गर्मी काफी बढ़ जाती है। और रात में तापमान कम रहता है। जिससे फसलों को भी नुक्सान नुक्सान उठना पड़ता है। आज मौसम विभाग ने हरियाणा और पंजाब में धुंध (कोहरा) का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

गेहूं में माइकोराइजा का प्रयोग करें या ना करें:क्या यह कल्ले बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा उत्पाद है, क्या कहते हैं कृषि सलाहकार, संपूर्ण जानकारी

माइकोराइजा कोई तत्व नहीं है। यह एक कुदरत फंगस है। जो पौधें जड़ों में कवक के रूप में कार्य करती है, और जड़ों की वृद्धि में मदद करती है।

खरपतवार नाशक दवाइयां के प्रयोग से दबे हुए गेहूं को ठीक करने का सस्ता तरीका जानें(2024):wheat plant burning problem

गेहूं की फसल एक ऐसी फसल है। जिसमें खरपतवारों का जमाव अधिक मात्रा में होता है, और इसमें खरपतवार भी कई तरह के पाए जाते हैं। जिसमें कुछ सकरी पत्ती वाले तथा कुछ चौड़ी पट्टी वाले खरपतवार होते हैं। खरपतवार को नष्ट करने के लिए किसानों को कई बार दो से तीन बार भी खरपतवार नाशक दवाइयां का प्रयोग करना पड़ता है।

दिसंबर के महीने में करें इन गेहूं किस्मों की बिजाई मिलेगी अधिक पैदावार(2024):late wheat varieties

गेहूं की बिजाई का सही समय वैसे तो 5 नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक का होता है। लेकिन कुछ किसान भाई गन्ना कटाई के बाद भी गेहूं की बिजाई करते हैं। गन्ने की कटाई आमतौर पर दिसंबर से लेकर मार्च अप्रैल तक होती है। किसान दिसंबर में कटाई किए जाने वाले गन्ने के खेत में गेहूं की बिजाई करते हैं। इस समय गेहूं की बिजाई के लिए आपको कुछ विशेष किस्म का चयन करना पड़ता है।

गेहूं में प्रयोग होने वाली एक्सियल खरपतवार नासी की चार खास बातें शायद किसानों को नहीं पता होंगी(2024):axial syngenta top herbicide

गेहूं में सकरी पत्ती और चौड़ी पत्ती दोनों प्रकार के खरपतवार पाए जाते हैं। सकरी पत्ती के खरपतवारों को नष्ट करने के लिए सेंकर और टॉपिक कुछ पुरानी दवाइयां हैं, जिनका इस्तेमाल किसान काफी समय से लगातार करते आ रहे हैं। और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नष्ट करने के लिए 24D, अलग्रिप और नाबूद दवाइयां का इस्तेमाल किया जाता है। सकरी पत्ती वाले खरपतवारों में मंडूसी सबसे खतरनाक और सबसे अधिक उगने वाला खरपतवार नासक है।