गेहूँ

गेहूं में बालियां निकलने पर कौन-सा स्प्रे करें:महत्वपूर्ण बातें, पैदावार बढ़ाने का सही समय:Main spray for earing in wheat

इस समय गेहूं की फसल में कुछ किसानों की बालियां निकलने को है, तथा कुछ किसानों की बालियां निकल गई। आपने अभी तक अपनी गेहूं में सभी प्रकार के खादों और न्यूट्रिशन का पर्याप्त मात्रा में प्रयोग किया होगा। लेकिन बालियां निकलने पर आपको एक से दो काम करने पड़ेंगे। जिससे आप अपनी पैदावार को दो से तीन क्वांटल प्रति एकड़ तक बढ़ा सकते हैं। इस समय गर्मी थोड़ी अधिक पड़ती है और पौधे में हीट स्ट्रेस अक्सर देखने को मिलती है।

खेती में प्रयोग होने वाले सबसे सस्ते और अच्छे फफूंदीनाशक:Top fungicides used in agriculture

Top fungicides used in agriculture:-किसान साथियों नमस्कार, आजकल फसलों में फफूंद रोग काफी अधिक मात्रा ...

65 दिन में तैयार होगी गेहूं की फसल:वैज्ञानिकों रहे है नई तकनीक का बीज तैयार:What is excel breed lab

गेहूं की फसल पकने में लगभग 155 से 160 दिन का समय लेती है। लेकिन पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं। जिसमें गेहूं के ऐसे बीजों का निर्माण होगा जो 60 से 65 दिन में पैक कर तैयार हो जाएंगे। इसके लिए पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में एक एक्सेल ब्रीड लैब (excel breed lab) तैयार की है। इस लैब में वैज्ञानिक गेहूं की कम समय में पकने वाली नयी किस्म पर रिसर्च करेंगे और उनको तैयार करके किसानों तक पहुंचाने का काम करेंगे। जिससे किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके।

गेहूं में बालियाँ निकलने पर बोरोन के साथ मिलाएं ये ताकतवर खाद, बाली में दाने की संख्या और वजन बढ़ाने का सस्ता उपाय

किसान साथियों नमस्कार, गेहूं में बालियाँ निकलने पर हमें कुछ ऐसे तत्वों का इस्तेमाल करना ...

बढ़ते तापमान से गेहूं की फसल को नुकसान, बचाव के लिए करें ये जरूरी काम

किसान साथियों नमस्कार, लगातार बढ़ते तापमान से गेहूं की फसल को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच ...

गेहूं में हाइट रोकने वाली दवाइयां का प्रयोग कब करें:सही समय जानें:गेहूं में गिरने वाली समस्या का पका समाधान

किसान साथियों नमस्कार, कई किसानों को गेहूं की फसल में गिरने की समस्या देखने को ...

गेहूं की फसल के लिए चमत्कारी स्प्रे: गोभ अवस्था से 10 दिन पहले जरूरी स्प्रे

किसान साथियों नमस्कार, गेहूं की फसल भारत में उगाई जाने वाली एक मुख्य फसल है। ...

गेहूं की पत्तियों बीच से मुड़कर पीलापन आने की समस्या:क्या है कारण, सस्ता इलाज जानें:Treatment of yellowing of leaves in wheat

किसी भी फसल की बिजाई से लेकर कटाई तक किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी अत्यधिक तापमान, कभी अत्यधिक ठंड, तो कभी बारिश के कारण किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसके साथ-साथ फसलों में अनेक रोग समय-समय पर लगाते रहते हैं। जिससे किसानों की लागत इन फसलों पर और भी अधिक बढ़ जाती है। फसलों में समय पर स्प्रे और खाद पानी देने पर भी किसान अपना पूरा उत्पादन नहीं ले पाते और कुछ किसानों की तो फसल नष्ट भी हो जाती है।

गेहूं में प्रयोग होने वाले सबसे अच्छे फफूंदी नासक:Best fungicides for wheat

गेहूं रबी के सीजन में बोई जाने वाली एक अनाज वर्गीय फसल है। जिसकी बजाई किसान भाई अक्टूबर से नवंबर तक करते हैं। गेहूं की फसल में कई अवस्थाएं आती हैं। इन अवस्थाओं में गेहूं में तरह-तरह के फफूंदी जनक और कीट रोग लगते रहते हैं। अगर इन रोगों का समय पर समाधान नहीं करते, तो ये आपकी फसल को पूरी तरह से ख़त्म भी कर सकते है। इसलिए किसान भाई इन कीट रोगों और फफूंदी जनक रोगों के लिए समय पर कीटनाशकों और फफूंदी नाशकों का प्रयोग करते रहें।

गेहूं में कितने दिन तक यूरिया का प्रयोग करें:बाद में करने का कितना नुकसान:Disadvantages of giving wheat late urea

गेहूं में किसान भाई आमतौर पर अपने यूरिया को तीन भागों में बांटकर अपने खेत में डालते हैं। इसमें वह दो से तीन बैग यूरिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ क्षेत्रों में तो किसान भाई तीन बैग से अधिक यूरिया भी डाल देते हैं। किसान साथियों यूरिया की अधिक मात्रा में प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके आपको कुछ नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं।

गेहूं में आखिरी खाद:वजनदार दानों के लिए यूरिया के साथ क्या मिलाए किसान:Use of urea in wheat

गेहूं की फसल में किसान भाई आमतौर पर 2 से 3 बैग यूरिया का इस्तेमाल करते हैं। इन दो से तीन बैगों को किसान भाई तीन भागों में बाँटकर अपने खेत में इस्तेमाल करते हैं। इन तीन भागों को किस-किस समय हमें गेहूं की फसल में प्रयोग करना चाहिए और किस समय के बाद हमें गेहूं की फसल में यूरिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, और आखिरी यूरिया के साथ किसानों को क्या मिलना चाहिए।

गेहूं की बाली में दानों की संख्या और दानों का वजन बढ़ाने के लिए करें ये स्प्रे:खर्च मात्र 150रु:Solution to increase wheat production

इस समय लगभग सभी किसानों की गेहूं 55 से 60 दिन की हो गई है। यह समय गेहूं में बालियां निकलने का होता है। गेहूं में बालियां निकालनी शुरू हो गई होती है। इस समय पौधे को पोषक तत्वों की आवश्यकता काफी अधिक मात्रा में पड़ती है। 55 से 60 दिन से पहले गेहूं में बढ़वार और फुटाव जितना होना होता है, हो जाता है। इसके बाद अब गेहूं अपनी लंबाई को खींचने लगते हैं। इस समय अगर आप यूरिया का इस्तेमाल करते हैं, तो पौधा यूरिया को अपनी लंबाई बढ़ाने के लिए प्रयोग करता है।

गेहूं वाले किसान सावधान:ठंड के मौसम में तेजी से फैल रहा है ये रोग:Cold weather diseases in wheat

इस समय गेहूं की फसल में किसानों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि मौसम में लगातार धुंध बनी हुई है, और धूप नहीं निकल रही जिससे गेहूं की फसल पर अनेक प्रभाव देखे जा सकते हैं। गेहूं की अत्यधिक ठंड की वजह से ऊपर की पत्तियों की नोक पीली पड़ रही है, और सुख रही है। यह सब ठंड के कारण है। दूसरा गेहूं की फसल में कीट रोग यानी माहु भी अधिक मात्रा में देखा जा रहा है। ये आपकी फसल का रस चूस कर आपकी फसल को नुक्सान करते है।

गेहूं में जबरदस्त उपज और मोटे दाने के लिए करें, ये दमदार स्प्रे: कम खर्चे में शानदार मुनाफा

किसान साथियों नमस्कार, गेहूं में जबरदस्त उपज और मोटे दाने के लिए हमें गेहूं समय ...

गेहूं में समय पर खाद और पानी देने के बाद भी कल्ले नहीं बने,ये है मुख्य कारण:How to increase soil organic carbon

किसान साथियों नमस्कार, हर किसान चाहता है, कि उसकी फसल उसको अधिक पैदावार दे। जिससे ...

गेहूं में अगेती बालियाँ क्यों निकलती है:मुख्या कारण जानें, कृषि वैज्ञानिकों ने बताया समाधान

किसान साथियों नमस्कार, गेहूं की फसल सर्दी की एक मुख्य फसल है। गेहूं की फसल ...

मैरिनो की मुख्या विशेषताएं:Method to increase yield in wheat

गेहूं की गोभ अवस्था ऐसी अवस्था होती है, जब उसमें बालियाँ बननी शुरू हो जाती हैं। पौधे को इस समय सभी प्रकार के तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। फास्फोरस से लेकर जिंक और बोरोन तक सभी तत्व इस समय पौधे को चाहिए। ठंड अधिक होने की वजह से पौधा जमीन से पोषक तत्वों को नहीं उठा पाता। तो आपको इन पोषक तत्वों को स्प्रे के द्वारा देना पड़ता है। इसके लिए अराइज एग्रो लिमिटेड का एक उत्पाद जो मैरिनो के नाम से प्रसिद्ध है। इसमें आपको लगभग 12 तरह के पोषक तत्व मिल जाते हैं।

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