गेहूं में जिंक डालने के बाद भी जिंक की कमी पूरी नहीं हुई(2024):ये हैं मुख्या कारण, How to use zinc in wheat

By Kheti jankari

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गेहूं में जिंक डालने के बाद भी जिंक की कमी पूरी नहीं हुई

गेहूं वाले किसानों को पानी देने के बाद कईं समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें से एक समस्या है, गेहूं की पत्तियां ऊपर से नीचे तक पीली होकर धीरे-धीरे सूख जाती हैं। शुरू में यह पत्तियां हल्की पीले रंग के धब्बे होते है। और कुछ दिन बाद यह पूरी तरह से सूख जाती है। इनमें से कुछ खेतों में नीचे वाली पत्तियां भी सूख जाती है। इस प्रकार की समस्या लगभग सभी किसानों को किसी ना किसी अवस्था में अपनी गेहूं में देखने को मिल जाती है। पौधे को अपना जीवन कल पूरा करने के लिए काफी चीजों की आवश्यकता होती है। इसमें हमारे खादों और न्यूट्रिएंट्स की तो पौधे का जरूरत होती ही है, साथ में हमारे वातावरण में पाए जाने वाली चीजें जैसे- सूर्य का प्रकाश की भी पौधे को इनके जितनी ही जरूरत होती है। दूसरा अधिक पानी देने के कारण गेहूं कई बार स्ट्रेस में भी पीली हो जाती है। आगे इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के बारे में बात करेंगे। कृपा लेख पूरा पढ़ें।

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गेहूं में जिंक की कमी पूरी न होने के कारण

कुछ किसान कहते हैं, कि उन्होंने अपनी फसल में जिंक के काफी सारे स्प्रे कर लिए हैं। लेकिन फिर भी उनकी फसल में जिंक की कमी पूरी नहीं हुई। यह कमी तब तक पूरी नहीं होती। जब तक पौधे को सूर्य का प्रकाश नहीं मिलता। इसका मुख्य कारण जिंक हमारे पौधे के अंदर एंजाइम्स को सक्रिय करती है। इन्हीं एंजाइम से पौधा प्रोटीन का निर्माण करता हैं। यह प्रोटीन ही आगे चलकर पौधे में कुछ मात्रा में क्लोरोफिल और कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं। जैसा कि आप सबको पता है, कि पौध क्लोरोफिल से हारे भाग का निर्माण करता है। और हरा भाग ही सूर्य के प्रकाश से पौधे के लिए भोजन तैयार करता है।

गेहूं में जिंक का प्रयोग कब करें

हमें गेहूं में जिंक का प्रयोग तभी करना चाहिए। जब धूप निकल रही हो। क्योंकि जब हम गेहूं में जिंक डालते हैं। तो जिंक क्लोरोफिल और कार्बोहाइड्रेट को बनता है। लेकिन यह कुछ ही मात्रा में बना पाता है। जिससे आपको जिंक के 30%से 40% रिजल्ट ही देखने को मिलते हैं। अगर आप सूर्य के प्रकाश के समय जिंक का प्रयोग करते हो। तो आपकी फसल को जिंक की 100% रिजल्ट देखने को मिलते हैं। क्योंकि जिंक पौधें के कुछ भाग को हरा कर देती है। और कुछ बात को क्लोरोफिल के द्वारा सूर्य का प्रकाश हरा करने का काम करता है। इसलिए अगर आप जिंक से 100% रिजल्ट लेने चाहते हो, तो आपको जिंक का प्रयोग तब करना है। जब 2 से 3 दिन तक मौसम साफ हो और सूर्य का प्रकाश पौधे को आसानी से मिल सके।

गेहूं में जिंक की कमी पूरी करने के उपाय

गेहूं में जिंक की कमी पूरी करने के लिए सबसे पहले आपको स्प्रे करने के समय का ध्यान रखना सबसे जरूरी है। अगर 2 से 3 दिन तक मौसम साफ रहता है। तभी आप जिंक का स्प्रे करें। अच्छे रिजल्ट के लिए आप नीचे बताई गयी कुछ दवाइयों का इस्तेमाल करते सकते है।

क्यूमन एल (ज़िरम 27% एससी) 1 लीटर प्रति एकड़, एंट्राकोल बायर (प्रोपीनेब 70%) 300 से 400 ग्राम प्रति एकड़, बासफ पॉलीराम (मेटिराम 70% डब्लूजी) 300 से 350 ग्राम प्रति एकड़, इंडोफिल एम-45 (मैंकोजेब 75% डब्लू.पी) 400 ग्राम प्रति एकड़, इन फंगीसाइड के साथ आप 100 ग्राम चेल्टेड जिंक या याराविटा जिंट्रैक (जिंक 39.5%) लेकर प्रति एकड़ प्रयोग कर सकते है। अगर आपको रिजल्ट और अच्छा चाहिए, तो आप इसके साथ सल्फर लिक्विड 18% को भी मिला सकते है।(लिक्विड सल्फर के स्थान पर आप सल्फर 80% 300g प्रति एकड़ भी ले सकते है।) इसके आपको अच्छे रिजल्ट देखने को मिलेंगे।

अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी हो, तो कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और आगे भी दूसरे किसानों तक इसे शेयर करें। धन्यवाद!

FAQ

पौधे में जिंक की कमी को ठीक करने में कितना समय लगता है?
पौधे में जिंक की कमी पूरी होने का समय मौसम पे निर्भर करता है। अगर खेत में जिंक डालने के समय 2 से 3 दिन धुप निकली रहे तो पौधें में जिंक की कमी जल्दी पूरी हो जाती है।

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Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

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