किसान साथियों नमस्कार, फसलों की अच्छी पैदावार किसान की आमदन को तो बढ़ती ही है, साथ में देश के खाद्यान्नों भंडरों को भी इसका लाभ मिलता है। किसान हमेशा यही चाहता है, कि उसकी फसल से उसको अधिक पैदावार मिले। इसके लिए वह उसमें विभिन्न तरह के रासायनिक खादों और न्यूट्रिशन का प्रयोग करता है। जिससे वह पैदावार बढ़ा सके। लेकिन पैदावार बढ़ाना खादो और न्यूट्रिशन के साथ-साथ हमें गेहूं में और भी दूसरी चीजों पर ध्यान देना पड़ता है। पौधे की पत्तियां कैसी हैं, उनमें पीलापन है. या नहीं या उनमें किसी प्रकार की कोई खराबी तो नहीं। अगर है, तो उनको ठीक करना किसानों का सबसे पहले कार्य रहता है। गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए पौधे में तीन पत्तियों का महत्वपूर्ण रोल होता है। इनके बारे में संपूर्ण जानकारी आगे लेख में जानें-
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गेहूं की पैदावार इन तीन पत्तियों पर निर्भर करती है
हमारे गेहूं की पैदावार तीन पत्तियों पर निर्भर करती है।यह तीन पत्तियां में झंडा पत्ता, झंडा पेट के साथ वाली नीचे वाली पत्ती और उसके नीचे वाली पट्टी यानी के पौधे की ऊपरी तीन पत्तियां हमारी पैदावार के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होती है। अगर आप इन तीन पत्तियों को आप हरा-भरा रख लेते हो, तो आपकी पैदावार को कोई नुकसान नहीं होगा।
गेहूं में झंडा पत्ता बाली में 43% तक खाना बनाने का काम करता है। उसके बाद जो दूसरे नंबर वाला पत्ता होता है, वह 23% तक खाना बनता है। और उसके नीचे वाला पत्ता 7% खाना बनाता है। बाकी जो बचा 27% खाना बाली अपने आप बनती है। बाली में जो हरा भाग होता है, वह यह 27% तक खाना बनाने का काम करता है।
गेहूं में झंडा पत्ता का महत्व
झंडा पत्ता सबसे ज्यादा खाना इसलिए तैयार करता है। क्योंकि यह सबसे ऊपर होता है, और बाली के साथ चिपका हुआ होता है। एक तो यह बाली के सबसे नजदीक होता है। जिससे इसको खाना बाली तक पहुंचने में समय नहीं लगता। दूसरा इस सूर्य का प्रकाश सीधा मिलता है। जिससे यह अधिक मात्रा में खाना तैयार करता है। इस पत्ते की चौड़ाई बाकी पत्तों में सबसे ज्यादा होती है। जिससे यह क्लोरोफिल बनाने में अधिक सहायक होता है।
जिस पौधे में तीन पत्तियों से कम पत्तियां होती हैं। उसे पौधे में आपको बाली आदि अधूरी देखने को मिलेगी। उसमें दाने कम मात्रा में मिलेंगे या उसे आधी बलि आपको खाली देखने को मिलेगी। यही कारण होता है, गेहूं में जो छोटे पौधे होते हैं। उनमें बाली नहीं बनती। अगर बनती भी है, तो उसमें दाने बहुत कम मात्रा में बनते हैं।
इन तीनों पत्तियों पर आपको किसी भी तरह की कोई फंगस रोग या फिर कोई कीट रोग नहीं लगने देना है। इसलिए समय पर स्प्रे करें। आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी। कृपया कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और इसे आगे दूसरे किसानों तक अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!
FAQ
गेहूं में झंडा पत्ती की अवस्था क्या है?
झंडा पत्ती मिटटी की सतह से ऊपर पौधे में तीन गांठ बनने के बाद शरू होती है।
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