गन्ने की खेती
गन्ना बुवाई करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:Things to keep in mind while sowing sugarcane
गन्ना एक लंबे समय में पकने वाली फसल है। गन्ना की फसल पकने में 10 से 12 महीने का समय लेती है। इस फसल पर खर्च भी अधिक आता है। आजकल किसान गन्ने की बजाई अनेक विधियों से करते हैं। कुछ किसान भाई 4 से 5 फ़ीट पर बिजाई करते हैं। कुछ रिंग पिट विधि से, कुछ वर्टिकल विधि से तथा कुछ अपनी सामान्य विधि 20 से 30 इंच पर बिजाई करते हैं। किसान साथियों आप किसी भी विधि से बिजाई करें। लेकिन सामान्य और पुरानी विधि में सबसे कम खर्चे में गन्ना तैयार होता है। किसान साथियों गन्ने की बिजाई करते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि आप कम खर्चे में अधिक पैदावार ले सकें और गन्ने जमाव भी अच्छे से हो। कुछ मुख्य बातें नीचे बताई गई है।
COS-13231 गन्ना किस्म की विशेषताएं:new variety of sugarcane
हर वर्ष जल भराव के कारण किसानों की फसलों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचता है। कईं क्षेत्रों तो बारिश का पानी इतना ज्यादा भर जाता है, कि वह गन्ने जैसी मर्द खेती को भी नुकसान पहुंचता है। जिन खेतों में जल भराव की समस्या रहती है। ऐसे खेतों में हमें ऐसी किस्म का चुनाव करना चाहिए। जो काफी ठोस हो और अत्यधिक पानी को सहन करने की क्षमता रखती हो। उत्तर प्रदेश के विज्ञानिकों ने एक गन्ना किस्म विकसित की है। जो COS-13231 के नाम से प्रसिद्ध है।
colk-15207 गन्ना किस्म की विशेषताएँ:रोग रहित गन्ना किस्म: colk-15207 sugarcane variety
किसान साथियों नमस्कार, colk-15207 गन्ना किस्म उत्तर प्रदेश गन्ना अनुसंधान संस्थान (लखनऊ) द्वारा बनाई एक ...
CO-13452 गन्ना किस्म की विशेषताएं जानें:Features of CO-13452 Sugarcane Variety
किसान साथियों नमस्कार।, गन्ने का उत्पादन लगभग पूरे भारत में किया जाता है। गन्ने से ...
गन्ना बिजाई से पहले मिट्टी शोधन कैसे करें:How to purify soil before sowing sugarcane
गन्ने में लगने वाले अधिकतर फफूंदी नाशक और कीट रोग के कीटाणु मिट्टी में लंबे समय तक पड़े रहते हैं। यह आपकी मिट्टी में बिजाई के समय से पहले ही पनपते रहते हैं। भूमि उपचार करने से हमारी मिट्टी में पड़े कीटाणु मर जाते हैं। और फसल में कोई रोग नहीं लगता। भूमि उपचार हम जैविक कीटनाशकों और फफूंदीनाशकों के द्वारा करते हैं। गन्ने में लगने वाले रेड रॉट,पोका बोईंग और टॉप बोरर जैसे खतरनाक रोगों की रोकथाम के लिए भूमि उपचार सबसे अधिक जरूरी है।
जैविक खेती के लिए आप इस प्लांट ग्रोथ प्रमोटर का प्रयोग कर सकते हैं:Plant Growth Promoter Used in Organic Farming
Plant Growth Promoter Used in Organic Farming:- किसान साथियों नमस्कार, बाजार में आपको कई तरह ...
गन्ना बोने की वर्टिकल विधि:बंपर पैदावार का लेने का आसान तरीका:What is vertical method of sugarcane
गन्ने बिजाई की रोज नई-नई विधियां आपको देखने को मिल रही है। जिसमें मुख्य विधियां रिंग पिट विधि, ट्रैंच विधि और पौधा नर्सरी से गन्ने की बिजाई की जाती है। लेकिन गन्ने की एक नई विधि काफी प्रचलित है। यह विधि सबसे पहले यूपी के किसानों द्वारा अपनायी गयी थी। इसमें बीज कम मात्रा में लगता है। इस विधि से किसान बड़ी अच्छी पैदावार निकल के दे रहे है। गन्ने की यह विधि वर्टिकल विधि के नाम से जानी जाती है।
गन्ना कटाई के तुरंत बाद डालें ये ताकतवर खाद:पैडी गन्ने में पहला महत्वपूर्ण खाद
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गन्ना बुवाई के समय कौन सा खाद डालें:बेस्ट खाद कांबिनेशन, सम्पूर्ण जानें
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हल्की मिटटी और कम पानी वाली जमीन में करें इस गन्ना किस्म की बिजाई:गन्ने के राजा कही जाने वाली किस्म
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2025 में co-0238 जैसी पैदावार देने वाली टॉप 3 गन्ना किस्में:कम रोग, अधिक पैदावार
किसान साथियों नमस्कार, पिछले कुछ समय से co-0238 गन्ना क़िस्म में काफी ज्यादा रोग देखने ...
हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के लिए बेस्ट है, महाराष्ट्र की ये गन्ना किस्म
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गन्ने में जड़ बेधक का नियंत्रण कैसे करें:गन्ने की ऊपरी पत्तियां पीली होने का कारण,Identification of root borer in sugarcane
न्ने के जिन पौधों में जड़ बेधक लगा हुआ होता है। उनकी जड़ के ऊपरी पोरियाँ में छोटे-छोटे छिद्र दिखाई देते हैं, और पोरी के अंदर भाग पर बारूदे जैसा बीट भरा रहता है। रोग ग्रसित भाग लाल रंग का दिखाई पड़ता है। इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां धीरे-धीरे पीली होकर सूखने लगती है। पौधे की ग्रोथ रुक जाती है। यह रोग आपकी गन्ने की फसल में किसी भी समय लग सकता है।
CO-5009 गन्ना किस्म की विशेषताएं:CO-5009 Sugarcane Variety Identification
एक अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए हमें एक अच्छी किस्म का चुनाव करना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। क्योंकि किस्म पर ही निर्भर करता है, कि उसमें कितनी पैदावार देने की क्षमता है। कुछ गन्ना किस्में रोग ग्रसित हो चुकी हैं। वह पैदावार भले ही अच्छी निकल कर दें। लेकिन उनका उन पर किसानों का खर्च अधिक होता है। भारत के वैज्ञानिकों ने एक किस्म तैयार की है, जो CO-5009 के नाम से जानी जाती है।
CO-5011 गन्ना किस्म की विशेषताएं:CO-5011 Sugarcane Variety Characteristics
गन्ने की अनेक किस्म में अलग-अलग खूबियां पाई जाती हैं। जिसके कारण वह अलग-अलग क्षेत्र में काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देते हैं। वैज्ञानिकों ने 2016 में गन्ने की एक नई किस्म तैयार की थी। जो CO-5011 के नाम से प्रसिद्ध है। गन्ने की इसकी किस्म की काफी सारी विशेषताएं हैं। किसान भाई इस किस्म से काफी अच्छी पैदावार ले रहे हैं। इस गन्ना किस्म को बनाने में वैज्ञानिकों को 8 से 10 साल लगे हैं। यह अगेती गन्ना किस्म है।
गन्ने में मोथा घास को जड़ से खत्म कैसे करें:medicine to root out motha grass
गन्ने में मोथा घास को जड़ से खत्म कैसे करें:- किसान साथियों नमस्कार, गन्ना एक ...
गन्ना बिजाई की पेट्रो विधि:Petro method of sugarcane sowing
इस विधि में किसान सामान्य हाल से 28 इंच से 30 इंच पर खूड़ निकल कर, दो खूडों की बिजाई करते हैं, और एक खूड़ को बीच में छोड़ देते हैं। ऐसे ही पूरे खेत की बिजाई की जाती है। इस विधि का प्रबंधन आप बहुत आसानी से कर सकते हो। सामान्य विधि से बजाई वाला यंत्रों से इसके सभी कार्य हो जाते हैं, और इसकी पैदावार भी काफी अच्छी निकलती है। इस समय काफी किसान इस विधि से बिजाई करने लगे है।