गेहूं की खेती

गेहूं में पैदावार बढ़ाने वाला PGR:कृषि वैज्ञानिक की सलाह:वृद्धि नियंत्रक का प्रयोग कब और कैसे करें, संपूर्ण जाने

चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय की सिफारिश के अनुसार, गेहूं की जो नई किस्में है, जैसे DBW-303, WH-1270, DBW-187, DBW-222, DBW-327 आदि किस्मों में वृद्धि नियंत्रक यानी प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का स्प्रे करने की की गई है। इसके बारे में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ओपी बिश्नोई द्वारा कुछ जानकारी दी गई है। जो मैं आपके साथ सांझा करूंगा। इस इस जानकारी में डॉक्टर ओपी बिश्नोई ने गेहूं में किस समय प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का स्प्रे करें, क्यों करें और कैसे करें। इसके बारे में संपूर्ण जानकारी बताई है, जो मैं आगे आपको बताऊंगा। कृपया पूरा लेख पढ़ें-

गेहूं में प्रयोग होने वाले सबसे अच्छे फफूंदी नासक:Best fungicides for wheat

गेहूं रबी के सीजन में बोई जाने वाली एक अनाज वर्गीय फसल है। जिसकी बजाई किसान भाई अक्टूबर से नवंबर तक करते हैं। गेहूं की फसल में कई अवस्थाएं आती हैं। इन अवस्थाओं में गेहूं में तरह-तरह के फफूंदी जनक और कीट रोग लगते रहते हैं। अगर इन रोगों का समय पर समाधान नहीं करते, तो ये आपकी फसल को पूरी तरह से ख़त्म भी कर सकते है। इसलिए किसान भाई इन कीट रोगों और फफूंदी जनक रोगों के लिए समय पर कीटनाशकों और फफूंदी नाशकों का प्रयोग करते रहें।

गेहूं में गुड़ के साथ डालें ये शानदार चीज:कल्लों की फुटाव और बढ़वार का बेस्ट तरीका:use of jaggery in wheat

गेहूं में कल्लों का फुटाव कई चीजों पर निर्भर करता है। आपकी गेहूं का बजाई समय, बीज की मात्रा कितनी डाली है, उसमें पानी और खाद कब-कब डाले हैं। यह सब चीज आपकी कल्लों के फुटाव और आपकी पैदावार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप सभी कार्य को समय पर करते हैं। तो निश्चित ही हॉकी फसल में कल्लों का फुटाव अधिक होगा और आपकी पैदावार भी बढ़ेगी। अगर फिर भी अपने सभी काम समय पर किए हैं।

गेहूं में किस समय कौन से एनपीके का स्प्रे करें:गेहूं की ग्रोथ के लिए सबसे सस्ता स्प्रे:Use of NPK in wheat

फसल को अनेक अवस्था में अलग-अलग पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। पोषक तत्वों का अलग-अलग अवस्थाओं में अलग-अलग कार्य होता है। जैसे पोटाश का दाने भरने के समय अत्यधिक मात्रा में आवश्यकता होती है। इस तरह से फास्फोरस की कल्ले बनने के समय और बालियाँ बनने के समय अधिक आवश्यकता होती है। नाइट्रोजन की आवश्यकता पौधे को बढ़वार के लिए ज्यादा पड़ती है. इसलिए हमें अलग-अलग अवस्थाओं में अलग-अलग तत्वों या एनपीके का स्प्रे करना चाहिए। हमें किस समय कौन सा स्प्रे करना चाहिए इस बारे में संपूर्ण जानकारी आप इस लेख में प्राप्त करेंगे।

गेहूं की पत्तियों बीच से मुड़कर पीलापन आने की समस्या:क्या है कारण, सस्ता इलाज जानें:Treatment of yellowing of leaves in wheat

किसी भी फसल की बिजाई से लेकर कटाई तक किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी अत्यधिक तापमान, कभी अत्यधिक ठंड, तो कभी बारिश के कारण किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसके साथ-साथ फसलों में अनेक रोग समय-समय पर लगाते रहते हैं। जिससे किसानों की लागत इन फसलों पर और भी अधिक बढ़ जाती है। फसलों में समय पर स्प्रे और खाद पानी देने पर भी किसान अपना पूरा उत्पादन नहीं ले पाते और कुछ किसानों की तो फसल नष्ट भी हो जाती है।

गेहूं में कल्लों की संख्या कैसे बढ़ाएं:किसानों द्वारा प्रयोग किये जानें वाले दो आसान तरिके जानें:Ways to increase the number of buds in wheat

गेहूं में जितना अधिक कल्लों का फुटाव होगा, उतनी अधिक बालियाँ निकलेंगे। बालियों की संख्या अधिक होने से आपकी पैदावार बढ़ेगी। पैदावार बढ़ाने के लिए किसान गेहूं की फसल में तरह-तरह के टॉनिक और खादों का इस्तेमाल करते हैं। ताकि गेहूं की फसल से अधिक पैदावार ली जा सके और उसे अधिक मुनाफा हो।

गेहूं में जड़ों के विकास के लिए माइकोराइजा डालें या ह्यूमिक एसिड, दोनों में क्या अंतर है:mycorrhiza or humic acid

अगर आपकी मिट्टी का पीएच लेवल सही है, और आपने उसमें कोई फंगीसाइड का इस्तेमाल नहीं किया है। तो आपको माइकोराइजा का इस्तेमाल करना चाहिए। यह आपकी जड़ों का विकास ह्यूमिक एसिड के मुकाबले ज्यादा अच्छे से करता है। अगर आप की मिट्टी का पीएच लेवल सही नहीं है, तो इस कंडीशन में आप ह्यूमिक एसिड का प्रयोग करें। यह आपकी मिट्टी को सुधार कर पौधे की जड़ों को मजबूत करता है, और उन्हें नई जड़ों को बनाने में सहायता करता है।

गेहूं में एनपीके, बोरोन और फंगीसाइड को मिक्स करके स्प्रे कर सकते हैं, या नहीं:क्या कहते हैं कृषि जानकारी:Correct way to mix NPK Boron and fungicide

गेहूं में किसान भाई एनपीके और बोरोन का स्प्रे करते हैं। एनपीके हमारी फसल की बड़वार के लिए आवश्यक होता है। वहीँ बोरोन फलों और फूलों को झड़ने से रोकता है। एनपीके का इस्तेमाल अलग-अलग स्टेज में अलग-अलग होता है। एनपीके-05234 बाली निकलने से पहले और एनपीके-0050 बाली निकलने के बाद आमतौर पर प्रयोग किए जाते हैं। कुछ किसान साथियों के अक्सर यह सवाल पूछते हैं, कि क्या हम एनपीके और बोरोन के साथ फंगीसाइड को मिक्स कर सकते हैं।

गन्ने में जड़ बेधक का नियंत्रण कैसे करें:गन्ने की ऊपरी पत्तियां पीली होने का कारण,Identification of root borer in sugarcane

न्ने के जिन पौधों में जड़ बेधक लगा हुआ होता है। उनकी जड़ के ऊपरी पोरियाँ में छोटे-छोटे छिद्र दिखाई देते हैं, और पोरी के अंदर भाग पर बारूदे जैसा बीट भरा रहता है। रोग ग्रसित भाग लाल रंग का दिखाई पड़ता है। इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां धीरे-धीरे पीली होकर सूखने लगती है। पौधे की ग्रोथ रुक जाती है। यह रोग आपकी गन्ने की फसल में किसी भी समय लग सकता है।

गेहूं में दोगुने कल्ले और लंबी बाली के लिए पानी के साथ डालें ये तीन खाद:अनुभवी किसान का फार्मूला:Main fertilizers used in wheat

गेहूं में जितने अधिक कल्ले होंगे। उतनी ही अधिक उनमें बालियाँ निकलेगी। अगर कल्ले मोटे और मजबूत होंगे, तो उनमें भी बाली भी उतनी ही मोटी निकलते हैं। गेहूं में अधिक फुटाव के लिए किसान भाई समय-समय पर पानी और खातों का इस्तेमाल करते हैं। समय पर पानी और खाद देने से ही गेहूं में अच्छा फुटाव और हरियाली बनी रहती है।

गेहूं में समय से पहले बालियाँ निकालने का मुख्य कारण(2023):उत्पादन पर कितना असर, कृषि विज्ञानकों ने दी ये सलाह:wheat cultivation

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दिसंबर में बालियां निकलने का मुख्य कारण एलिनो बताया गया है। एलिनो समुद्र में होने वाली एक प्रक्रिया है, जिसमें समुद्र का गर्भ हवाएं भारत की तरफ ना होकर साउथ अमेरिका की तरफ अधिक है। जिस कारण से भारत में बारिश कम हो रही है, और मौसम भी अधिक गर्म है। रात के समय टेंपरेचर थोड़ा ठंडा रहता है, और दिन में ज्यादा गर्मी पड़ती है।

गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए आपको इन तीन पत्तियों का हरा रखना जरूरी है:गेहूं की पैदावार तीन पत्तियों पर निर्भर करती है,Importance of flag leaf in wheat

हमारे गेहूं की पैदावार तीन पत्तियों पर निर्भर करती है।यह तीन पत्तियां में झंडा पत्ता, झंडा पेट के साथ वाली नीचे वाली पत्ती और उसके नीचे वाली पट्टी यानी के पौधे की ऊपरी तीन पत्तियां हमारी पैदावार के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होती है। अगर आप इन तीन पत्तियों को आप हरा-भरा रख लेते हो, तो आपकी पैदावार को कोई नुकसान नहीं होगा।

गेहूं में दूसरी सिंचाई:कल्ले नहीं बने, डालें ये दमदार खाद:पीलापन खत्म करने का सही समय:Fertilizer on second water in wheat

गेहूं की फसल में काफी किसान दूसरी सिंचाई करने जा रहे है। गेहूं में दूसरी सिंचाई लगभग 50 से 60 दिन पर हो जाती है। इस समय किसानों के मन में अक्सर यह सवाल रहता है, कि वह कौन से खाद का इस्तेमाल करें। जिससे अधिक कल्लों का फुटाव हो और गेहूं से पीलापन भी पूरी तरह से खत्म हो जाए।

लहसुन में लगने वाले सबसे ख़तरनाक फफूंदी जनित रोग:लहसुन की ऊपर की पत्तियों का सूखना,कैसे करें रोकथाम:सम्पूर्ण जानें

लहसुन में वैसे तो कई प्रकार के फफूंदी जनक रोग लगते हैं लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा खतरनाक डाउनी मिल्ड्यू रोग है। यह एक फफूंदी जनक बीमारी है। लगभग सभी क्षेत्रों में यह बीमारी हमें देखने को मिलती है। इस बीमारी से किसानों को काफी नुकसान होता है। जब तापमान कम होता है, और लहसुन की पत्ती गीली रहती है।

गेहूं में कद रोकने वाली दवाई का प्रयोग करना चाहिए:क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक, अनुभवी किसानों की राय जानें:Agricultural scientist’s suggestions for use in wheat

गेहूं की जो नई किस्में विकसित की गई है। जिसमें DBW-303, 187, 222, 327 और WH-1270 आदि किस्मों में वैज्ञानिक इस दवाई का प्रयोग करने के लिए आम तौर पर बोलते हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है, कि इस दवाई के प्रयोग से आप अपने गेहूं की फसल को फसल की पैदावार को बढ़ा सकते हैं।

खेतों में जंगली जानवरों से नुकसान:कैसे बचाएं अपनी फसल, पुराने किसानों का अनुभव जानें:Easy way to drive away wild animals

भारत के लगभग सभी राज्यों में किसानों के खेतों में जंगली जानवरों का कहर लगातार देखा जाता है। इसमें इसमें नीलगाय और सूअर सबसे अधिक पाए जाने वाले जंगली जानवर हैं। यह ही किसानों की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। जिन किसानों के खेत गांव से दूर होते हैं। उनमें अक्सर नीलगाय और सूअर का नुक्सान देखा जाता है।

गेहूं में सब कुछ डालने के बाद भी कल्ले नहीं बने:ये है मुख्य कारण, डालें ये जरूरी खाद:Do this important work for budding in wheat

जब भी आप अपनी फसल में जिंक, सल्फर, मैग्नीशियम या अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग कर लेते हो। लेकिन उसके बाद भी आपकी फसल में कुछ खास तरह की ग्रोथ देखने को नहीं मिलती। तो इसका मुख्य कारण होता है, कि आपके खेत में ऑर्गेनिक कार्बन की कमी होती है। ऑर्गेनिक कार्बन जमीन में पड़े तत्वों को पौधे तक पहुंचाने का काम करता है।

गेहूं में जिंक और सल्फर का प्रयोग एक साथ नहीं किया:तो सब कुछ फेल, जानें क्या कहते है कृषि जानकर:Why should zinc and sulfur be used together.

किसी भी फसल में जिंक और सल्फर का काफी ज्यादा महत्व रहता है। दोनों का आपस के अंदर एक गहरा संबंध रहता है। अगर आप जिंक प्रयोग कर रहे हो और उसके साथ अपने सल्फर का प्रयोग नहीं किया। तो आपकी जिंक पौधे को नहीं लगेगी।