गेहूँ

चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित गेहूं किस्म डब्ल्यू एच–1270 की विशेषताएं जानें|कब बजाई करें, संपूर्ण जानकारी

Wh–1270 गेहूं की चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार(हरियाणा) द्वारा विकसित की गई एक गेहूं किस्म है। जो पकने में लगभग 150 से 155 दिन का समय लेती है। इस किस्म को किसान भाई काफी पसंद करते हैं। क्योंकि यह मध्य लंबाई वाली किस्म है। इसमें गिरने की समस्या बहुत कम रहती है। इसकी लंबाई लगभग 100 सेंटीमीटर तक रहती है।

सबसे अधिक बजाई की जानें वाली गेहूँ किस्म HD-2967 की खूबियाँ जानें:HD-2967 wheat variety

सबसे अधिक बजाई की जानें वाली गेहूँ किस्म HD-2967 की खूबियाँ जानें। hd-2967 wheat variety. ...

DBW-303, DBW-222 और DBW-187 गेहूं किस्मों की खासियत जानें|गेहूँ की उन्नत किस्में

गेहूं की बिजाई लगभग पूरे भारत में की जाती है। गेहूं की बहुत सारी किस्म बाजार में आपको मिल जाएगी कुछ किस्मे बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा दी जाती हैं, तथा कुछ- किस्में भारत के कृषि अनुसंधान केंद्रों द्वारा किसानों को दी जाती है। हर किस्म का अपना अलग-अलग महत्व होता है।

गेहूँ की टॉप 5 रिसर्च किस्में|Top 5 research varieties of wheat

नमस्कार किसान भाइयों, गेहूँ की बजाई की बात करें, तो लगभग पुरे भारत में गेहूँ ...

IIWBR में गेहूं की नई किस्में के लिए ऑनलाइन आवेदन शरू|यहाँ से करें अपने बीज की बुकिंग

किसान साथियों नमस्कार, भारतीय कृषि एवं जौ अनुसंधान, करनाल (हरियाणा) (IIWBR) द्वारा इस वर्ष गेहूं ...

फसल में लकड़ी की राख का प्रयोग करें या नहीं:uses of wood ash

फसल में लकड़ी की राख का उपयोग करें या ना करें। या फिर लकड़ी की राख का इस्तेमाल हम फसल में किस प्रकार कर सकते हैं, और किन-किन फसलों में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं

फसलों में उपयोग होने वाले टॉनिक|Tonic used in crops

फसलों में उपयोग होने वाले टॉनिक:- किसान साथियों नमस्कार, किसानों के लिए फसल से अधिक ...

पौधे में कौन कौन से हार्मोन पाए जाते हैं|Hormones role in plants

पौधे की हार्मोंस को मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है। उनके काम के अनुसार एक जो बड़वार को बढ़ाते हैं। और दूसरे जो रोकते हैं। ऑक्सिन हार्मोंन, जिबरेलिन हार्मोन ,साइटोकिनिन हार्मोन यह तीनों हार्मोन बढ़ाने वाले हार्मोन होते हैं। और और इनको पॉजिटिव हारमोंस भी कहा जाता है। यह पौधे में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं। जैसे नए पत्ते, जड़े, फूलों और फलो सभी का विकास करते हैं। और इथाईलीन हार्मोन और एब्ससिसिक एसिड पौधे को मृत्यु की तरफ ले जाते हैं। और बीज के रूप में एक नई पीढ़ी के उदय में इनका मुख्या योगदान रहता है जैसे फलों के पकने में और पतों के झड़ने में इसलिए इनको नेगेटिव हारमोंस भी कहा जाता है।

हरी खाद की खेती कैसे करें:ढांचे के लिए सरकार द्वारा बीज अनुदान

ढैंचा की खेती दलहनी फसल के रूप में की जाती है। किसान भाई इसकी खेती हरी खाद और बीज दोनों के लिए करते हैं। ढैंचा के हरे पौधों से तैयार की गई खाद खेत की उर्वरक शक्ति को काफी ज्यादा बढ़ा देती है।