प्याज में बैंगनी धब्बा रोग (पर्पल ब्लॉच) की पहचान:- किसान साथियों नमस्कार, प्याज एक कंद वर्गीय फसल है। लेकिन इसमें रोग भी काफी अधिक मात्रा में देखे जाते हैं। आजकल अधिक नाइट्रोजन और रासायनिक खादों के प्रयोग से फसलों में रोग की मात्रा तो बढ़ ही गई है। लेकिन उनको रोकने के लिए भी तरह-तरह की दवाइयां बाजार में उपलब्ध रहती हैं। ऐसे ही प्याज का एक बहुत ही खतरनाक रोग है, जो बैंगनी धब्बा रोग (पर्पल ब्लॉच) के नाम से जाना जाता है। जब यह रोग आपको दिखाई देता है, इससे तीन से चार दिन पहले ही इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। किसान भाई इसका ध्यान तब देते हैं, जब यह पूरी तरह से फैल जाता है। यह काफी खतरनाक रोग है, और यह हर साल प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुंचता है। पर्पल ब्लॉच रोग से कैसे बचें, इसकी पहचान के बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए कृपया पुरा लेख पढ़ें।
प्याज में निराई-गुड़ाई के बाद डालें ये दमदार खाद:कंद का साइज और मोटाई बढ़ाने का आसान तरीका
प्याज में बैंगनी धब्बा रोग (पर्पल ब्लॉच) की पहचान
बैंगनी धब्बा रोग एक फफूंदी जनक बीमारी है। इसकी फफूंद सूखी पत्तियों पर फैलना शुरू करती है। यह इतना खतरनाक रोग है, कि यह रातों-रात प्याज की पूरी फसल को नष्ट करने की क्षमता रखता है। यह काफी तेजी से फैलता है। इसलिए इसकी रोकथाम आपको समय पर करनी पड़ती है। इसकी पहचान की शुरुआती लक्षण नीचे बताए गए हैं।
बैंगनी धब्बा रोग (पर्पल ब्लॉच) के शुरुआती लक्षण आपको पुरानी और नीचे वाली पत्तियां पर अधिक देखने को मिलते हैं। पुरानी पत्तियों पर आपको शरू में सफेद पीले-पीले गोल धब्बे दिखाई देते हैं। और यह धीरे-धीरे भूरे होकर आखिर में बैंगनी रंग के हो जाते हैं। इसीलिए इसे बैंगनी धब्बा रोग कहा जाता है। यह रोग अधिक मात्रा में तब फैलता है। जब पत्तियां गीली हों, लगातार बादल बने हुए हैं, और बीच-बीच में हल्की-हल्की बारिश भी होती हो। जब तापमान मध्य होता है, यानि ना अधिक गर्मी और ना अधिक सर्दी हो। तब यह रोग फैलना शुरू होता है।
प्याज में बैंगनी धब्बा रोग (पर्पल ब्लॉच) की रोकथाम
प्याज में बैंगनी धब्बा रोग (पर्पल ब्लॉच) की रोकथाम के लिए आप नीचे दिए गए कुछ फफूंदी नाशकों का प्रयोग कर सकते हैं। मैं आपको कुछ सिस्टमैटिक और कांटेक्ट फंगीसाइड बताऊंगा। जिनको आप आपस में मिलाकर स्प्रे करें। तो आपको काफी अच्छे रिजल्ट देखने को मिलेंगे।
कस्टोडिया (एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3%) 2.5ml प्रति लीटर के या फिर अमिस्टार टॉप (एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 18.2% + डिफ़ेनोकोनाज़ोल 11.4% एससी) 2ml प्रति लीटर के हिसाब से आप स्प्रे कर सकते। इसके साथ आप जटायु (क्लोरोथालोनिल 75% WP) 2.5g प्रति लीटर या फिर एम-45 (मैंकोजेब 75% डब्लू.पी) 2.5g प्रति लीटर के हिसाब से भी आप मिला लें। ताकि रोग जल्दी से कंट्रोल हो सके और लंबे समय तक आपकी फसल सुरक्षित रहे।
ऊपर दिए गए दवाई को अगर आप बराबर मात्रा में मिलाकर प्रयोग करते हैं। तो आपको इसके 100% रिजल्ट देखने को मिलेंगे। आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी। कृपया कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं और इसे आगे अन्य किसानों को अवश्य शेयर करें। धन्यवाद!
प्याज में पहला मुख्या खाद:ग्रोथ बढ़ाने का सबसे सही समय
प्याज में पौधा सुखना या जड़ गलन समस्या:क्या करें किसान, संपूर्ण जानें
प्याज की रोपाई से पहले खेत तैयारी में डालें ये बेस्ट खाद कांबिनेशन