गन्ने की खेती
हल्की मिटटी और कम पानी वाली जमीन में करें इस गन्ना किस्म की बिजाई:गन्ने के राजा कही जाने वाली किस्म
किसान साथियों नमस्कार, गन्ना एक अधिक समय में पकने वाली फसल है। इसके अधिक समय ...
2025 में co-0238 जैसी पैदावार देने वाली टॉप 3 गन्ना किस्में:कम रोग, अधिक पैदावार
किसान साथियों नमस्कार, पिछले कुछ समय से co-0238 गन्ना क़िस्म में काफी ज्यादा रोग देखने ...
हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के लिए बेस्ट है, महाराष्ट्र की ये गन्ना किस्म
किसान साथियों नमस्कार, भारत में गन्ना उत्पादन की बात करें। तो यूपी के बाद महाराष्ट्र ...
गन्ने में जड़ बेधक का नियंत्रण कैसे करें:गन्ने की ऊपरी पत्तियां पीली होने का कारण,Identification of root borer in sugarcane
न्ने के जिन पौधों में जड़ बेधक लगा हुआ होता है। उनकी जड़ के ऊपरी पोरियाँ में छोटे-छोटे छिद्र दिखाई देते हैं, और पोरी के अंदर भाग पर बारूदे जैसा बीट भरा रहता है। रोग ग्रसित भाग लाल रंग का दिखाई पड़ता है। इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां धीरे-धीरे पीली होकर सूखने लगती है। पौधे की ग्रोथ रुक जाती है। यह रोग आपकी गन्ने की फसल में किसी भी समय लग सकता है।
CO-5009 गन्ना किस्म की विशेषताएं:CO-5009 Sugarcane Variety Identification
एक अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए हमें एक अच्छी किस्म का चुनाव करना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। क्योंकि किस्म पर ही निर्भर करता है, कि उसमें कितनी पैदावार देने की क्षमता है। कुछ गन्ना किस्में रोग ग्रसित हो चुकी हैं। वह पैदावार भले ही अच्छी निकल कर दें। लेकिन उनका उन पर किसानों का खर्च अधिक होता है। भारत के वैज्ञानिकों ने एक किस्म तैयार की है, जो CO-5009 के नाम से जानी जाती है।
CO-5011 गन्ना किस्म की विशेषताएं:CO-5011 Sugarcane Variety Characteristics
गन्ने की अनेक किस्म में अलग-अलग खूबियां पाई जाती हैं। जिसके कारण वह अलग-अलग क्षेत्र में काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देते हैं। वैज्ञानिकों ने 2016 में गन्ने की एक नई किस्म तैयार की थी। जो CO-5011 के नाम से प्रसिद्ध है। गन्ने की इसकी किस्म की काफी सारी विशेषताएं हैं। किसान भाई इस किस्म से काफी अच्छी पैदावार ले रहे हैं। इस गन्ना किस्म को बनाने में वैज्ञानिकों को 8 से 10 साल लगे हैं। यह अगेती गन्ना किस्म है।
गन्ने में मोथा घास को जड़ से खत्म कैसे करें:medicine to root out motha grass
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गन्ना बिजाई की पेट्रो विधि:Petro method of sugarcane sowing
इस विधि में किसान सामान्य हाल से 28 इंच से 30 इंच पर खूड़ निकल कर, दो खूडों की बिजाई करते हैं, और एक खूड़ को बीच में छोड़ देते हैं। ऐसे ही पूरे खेत की बिजाई की जाती है। इस विधि का प्रबंधन आप बहुत आसानी से कर सकते हो। सामान्य विधि से बजाई वाला यंत्रों से इसके सभी कार्य हो जाते हैं, और इसकी पैदावार भी काफी अच्छी निकलती है। इस समय काफी किसान इस विधि से बिजाई करने लगे है।
PDN-15012 गन्ना किस्म की विशेषताएं:PDN-15012 Sugarcane Variety Characteristics
भारत में गन्ना उत्पादन की बात करें, तो महाराष्ट्र में यूपी बाद सबसे ज्यादा गन्ने ...
मार्च अप्रैल में बिजाई की जाने वाली पांच मुख्य फसलें:कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली खेती:Five main crops to be sown in March-April
मार्च अप्रैल में सब्जी की तो काफी सारी फसलों की बिजाई की जा सकती है। लेकिन मैं आपको ऐसी चार परंपरागत फसलों के बारे में जानकारी दूंगा। जिनको आप एक बार में ही कटाई कर सकते हैं, और आपको कम समय में अधिक मुनाफा होगा। सब्जी वाली फसलों में हर रोज मंडी में जाने का किसान झंझट नहीं करना चाहता।
Co-92005 गन्ना किस्म की विशेषताएं:excellent variety of sugarcane
गन्ने की पैदावार आपकी मिट्टी, बिजाई समय, खाद और पानी देने के तरीके पर निर्भर ...
एसएनके-13374 गन्ना किस्म की विशेषताएं:Sugarcane variety characteristics
महाराष्ट्र भारत में गन्ना उत्पादन के लिए जाना जाता है, और महाराष्ट्र भारत में सबसे अधिक गन्ना उत्पादन करता है। महाराष्ट्र की गन्ना किस्म की हरियाणा, पंजाब और यूपी में काफी ज्यादा डिमांड देखी जा रही है। महाराष्ट्र की किस्में इन राज्यों में काफी अच्छी पैदावार निकाल कर दे रही हैं। महाराष्ट्र में वैसे तो एक से बढ़कर एक गन्ना किस्में है। जो अपनी लंबाई और मोटाई के लिए जानी जाती हैं। लेकिन आज मैं आपको एसएनके-13374 गन्ना किस्म के बारे में बताऊंगा।
गन्ने के सभी खरपतवारों का एक स्प्रे में सफाया:धानुका कंपनी का नया खरपतवार नाशक:herbicide of Dhanuka Agritech Limited
गन्ने के सभी खरपतवारों का एक स्प्रे में सफाया करने के लिए अभी तक दवाई ...
PB-434 गन्ना किस्म की विशेषताएं:Indian Institute of Sugarcane Research
भारत में काफी प्रकार की गन्ना किस्में पाई जाती हैं। जो अलग-अलग क्षेत्रों के लिए ...
सूखे क्षेत्रों और कम पानी वाली जमीन के लिए सबसे अच्छी गन्ना किस्म:icar sugarcane variety
सूखे क्षेत्रों और कम पानी वाली जमीन के लिए सबसे अच्छी गन्ना किस्म की बात ...
गन्ना बिजाई के समय जिप्सम का प्रयोग:कैसे करें, कितनी मात्रा, क्या फायदे मिलेंगे, संपूर्ण जाने:Benefits of gypsum in sugarcane
हमें खेत में जिप्सम का प्रयोग 2 साल में एक बार अवश्य करना चाहिए। जिप्सम भूमि सुधारक के रूप में कार्य करता है। इसके हमें काफी ज्यादा लाभ देखने को मिलते हैं। जिप्सम का प्रयोग हमेशा मिट्टी में किया जाता है। जिप्सम का प्रयोग हमें गन्ने के साथ-साथ सभी फसलों में करना चाहिए। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गन्ने की फसल में तो जिप्सम सबसे ज्यादा आवश्यक होता है। क्योंकि इसमें कैल्शियम और सल्फर की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो गन्ने के लिए काफी ज्यादा जरूरी होती है। जिप्सम में 13.5% सल्फर और 19% कैल्शियम पाई जाती है।
COS-17231 गन्ना किस्म की विशेषताएं:Government recognized early variety of sugarcane
भारत में गन्ने की खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है। अलग-अलग राज्यों के वैज्ञानिक अपने क्षेत्र के हिसाब से गन्ने की नई-नई किस्म विकसित करते हैं। उत्तर प्रदेश गन्ना अनुसंधान परिषद, शाहजहाँपुर के वैज्ञानिकों ने गन्ने की एक नई किस्म बनाई है। गन्ने की इस किस्म में कल्लों का फुटाव अधिक होता है। यह रोग मुक्त गन्ना किस्म है। गन्ने की यह किस COS-17231 के नाम से जानी जाती है।
गन्ने को स्वस्थ रखने का तरीका:अधिक पैदावार, रोगों से छुटकारा पाएं:Ways to keep sugarcane healthy
गन्ने में बढ़ रहे रोगों से किसान लगातार कहीं ना कहीं परेशान है। इससे उनकी गन्ने पर लागत भी बढ़ी है, और मुनाफा कम हुआ है। गन्ने में कीटनाशकों के प्रयोग के बावजूद भी उसमें कीट रोग नहीं रुकते और गन्ने की फसल खराब हो जाती है। कृषि वैज्ञानिकों ने इसके बारे में कुछ सुझाव दिए हैं। ताकि गन्ने की फसल को स्वस्थ रखा जा सके और उससे अधिक पैदावार निकाल कर आए। गन्ना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है, और इसकी खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है।