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धान में तना छेदक (stem borer) की रोकथाम कैसे करें|खेती जानकारी

धान में तना छेदक 20 दिन से लेकर 45 दिन के बीच मुख्य रूप से लगता है। इसमें धान की मुख्या गोभ सूख जाती है और आसानी से निकल जाती है। अगर आप गोभ को खींच कर देखेंगे तो इसमें से एक अजीब सी गंध आएगी और धान के तने के अंदर सुंडी होगी जो तने को काटकर नुकसान करती है।

धान में उगे हुए खरपतवारों को कैसे नियंत्रण करें|How to control weeds in paddy

धान में उगे हुए खरपतवारों को कैसे नियंत्रण करें:– नमस्कार साथियों, धान में उगे हुए ...

शिमला मिर्च की उन्नत खेती कैसे करें|How to do advanced farming of capsicum

शिमला मिर्च की खेती के लिए आपकी मिट्टी का पीएच मान 5 से 7.5 तक होना चाहिए लेकिन काली मिट्टी, काली दोमट, चिकनी दोमट और बुलाई दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है।

फसल में लकड़ी की राख का प्रयोग करें या नहीं:uses of wood ash

फसल में लकड़ी की राख का उपयोग करें या ना करें। या फिर लकड़ी की राख का इस्तेमाल हम फसल में किस प्रकार कर सकते हैं, और किन-किन फसलों में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं

धान में प्रयोग होने वाले सबसे अच्छे दानेदार कीटनाशक:Best granular insecticide for paddy

धान खरीफ की मुख्या फसल है। भारत के लगभग सभी भागों में धान की खेती को जाती है। धान की फसल में किसानों को अनेक प्रकार के कीट देखने को मिलते हैं। इनमें से ज्यादातर केट पत्तों और तनु पर देखे जाते हैं। कुछ कीटों को हम दानेदार कीटनाशकों की सहायता से आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। लेकिन कुछ कीटों को हमें सिर्फ स्प्रे के द्वारा ही कंट्रोल पड़ता है। दानेदार कीटनाशकों का प्रयोग हमें जड़ों में करना पड़ता है। बाजार मैं आपको अनेक तरह के दानेदार कीटनाशक मिल जाते हैं। यह कीटनाशक अ

गेंदे के फूलों की उन्नत खेती कब और कैसे करें|how to do advanced cultivation of Marigold flowers

गेंदे के फूलों की उन्नत खेती कब और कैसे करें:- गेंदे की फूलों की खेती ...

फसलों में उपयोग होने वाले टॉनिक|Tonic used in crops

फसलों में उपयोग होने वाले टॉनिक:- किसान साथियों नमस्कार, किसानों के लिए फसल से अधिक ...

धान में लगने वाली मुख्य बीमारियां की पहचान और उनकी रोकथाम|Major diseases of paddy

रोग फसलों के लिए एक ऐसा श्राप है जो देखते ही देखते पूरी फसल को बर्बाद कर देता है। किसानों की मेहनत और फसल की लागत का एक बड़ा हिस्सा किन रोगों की रोकथाम के ऊपर खर्च हो जाता है।

पौधे में कौन कौन से हार्मोन पाए जाते हैं|Hormones role in plants

पौधे की हार्मोंस को मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है। उनके काम के अनुसार एक जो बड़वार को बढ़ाते हैं। और दूसरे जो रोकते हैं। ऑक्सिन हार्मोंन, जिबरेलिन हार्मोन ,साइटोकिनिन हार्मोन यह तीनों हार्मोन बढ़ाने वाले हार्मोन होते हैं। और और इनको पॉजिटिव हारमोंस भी कहा जाता है। यह पौधे में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं। जैसे नए पत्ते, जड़े, फूलों और फलो सभी का विकास करते हैं। और इथाईलीन हार्मोन और एब्ससिसिक एसिड पौधे को मृत्यु की तरफ ले जाते हैं। और बीज के रूप में एक नई पीढ़ी के उदय में इनका मुख्या योगदान रहता है जैसे फलों के पकने में और पतों के झड़ने में इसलिए इनको नेगेटिव हारमोंस भी कहा जाता है।

MP–3030 धान किस्म की विशेषताएं|MP–3030 Paddy Variety

MP–3030 धान किस्म की विशेषताएं:- नमस्कार किसान भाइयों, आज हम MP–3030 धान किस्म की विशेषताएं ...

धान की टॉप 5 किस्में:Top 5 Varieties of Paddy

धान टॉप किस्में की बात करें, तो आपको अपनी मिट्टी के अनुसार धान की किस्में ...

धान की सीधी बिजाई|Direct Sowing Of Paddy

धान की सीधी बजाई ( Direct Sowing Of Paddy)करके किसान भाई अपना समय, पैसा और पानी बचा सकते है। जहां धान की सीधी बुआई में 20% तक पानी बचत होती है वहीं इसमें श्रम भी कम लगता है। धान की परंपरागत विधि में पहले धान की पोध तैयार की जाती है और उसके बाद उसे खेत में लगाया जाता है जिससे किसानों का खर्च बाढ़ जाता है। और पानी की भी अधिक आवश्यकता पड़ती है। लेकिन धान की सीधी बुआई एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसान भाई धान के बीज को सीधा अपने खेत में बजाई कर देते है।

गन्ने में कम पैसों में खरपतवार नियंत्रण कैसे करे|Weed control in sugarcane

गन्ने की फसल में कई तरह के खरपतवार पाए जाते हैं। जिनमे चौड़ी पत्ती वाले ...