खेती जानकारी
श्रीराम सुपर-252 गेहूं किस्म की विशेषताएं:Improved wheat variety of Shriram Seeds
श्रीराम सुपर-252 गेहूं किस्म श्रीराम सीड्स इंडिया लिमिटेड द्वारा बनाई गई एक रिसर्च गेहूं किस्म है। गेहूं की यह एक अच्छी ऊंचाई वाली गेहूं किस्म है। इसकी ऊंचाई लगभग 103 सेंटीमीटर के आसपास रहती है। गेहूं की इस किस्म से भूसा अधिक बनता है। इस किस्म में गिरने की समस्या बिल्कुल भी नहीं है।
काली सरसों की टॉप 5 किस्में जो सबसे अधिक पैदावार देती है|Top 5 Mustard Varieties
सरसों की खेती वैसे तो पुरे भारत में की जाती है। लेकिन हरियाणा, राज्यस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और पश्चिमी बंगाल में सबसे ज़्यदा सरसों की खेती होती है। ये राज्य पुरे देश का 85% सरसों का उत्पादन करते है। भारत में सरसो की मांग प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।
धान की फसल में खाद प्रबंधन|Fertilizer Management in Paddy Crop
धान की फसल में खाद प्रबंधन:- नमस्कार किसान साथियों, धान की फसल में खाद प्रबंधन ...
MR-8222 हाइब्रिड धान किस्म:गिरने के प्रति सहनशील, मुख्या विशेषताएं जानें
MR-8222 हाइब्रिड धान किस्म:- किसान साथियों नमस्कार, धान्य सीड्स जो टाटा का एक उत्पाद है। ...
शिमला मिर्च में खेत तैयारी के समय मुख्य खाद:कृषि वैज्ञानिक ने बताया कैसे करें खेती, संपूर्ण जानें:Main fertilizer at the time of sowing of capsicum
शिमला मिर्च में हमें बिजाई के समय नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का एक मिक्सर देना पड़ता है। इसको आप कहीं तरीके से दे सकते हैं। आप अपने खेत की गहरी जुताई कराकर। उसमें वर्मी कंपोस्ट या चार ट्रॉली गोबर की खाद अवश्य डालें। ताकि खेत में ऑर्गेनिक कार्बन की पूर्ति हो सके। इसके बाद आप अपने खेत की आखिरी जुताई कर सकते हैं। मिट्टी को भूरपुरी बना लें। इसके बाद बेड बनाकर आप उसमें 50 किलोग्राम डीएपी, 25 किलोग्राम पोटाश और 25 किलोग्राम कैल्शियम नाइट्रेट को आपस में मिलाकर बेड पर छिड़काव कर दें और उसके बाद आप अपनी मिर्च की पौध की रोपाई कर सकते हैं।
गन्ने में जड़ों की वृद्धि करने का सही तरीका:क्या डालें, किस समय डालें, संपूर्ण जानें:Functions of sugarcane mycorrhizae
गन्ने में जड़ों की वृद्धि करने का सही तरीका की बात करें, तो बाजार में आपको काफी ऐसी उत्पाद मिल जाते है। जो जड़ों की वृद्धि करने में सहायक होते है। लेकिन इस लेख में आपको सबसे अच्छे उत्पाद के बारे जानकरी मिलेगी। जिसको आपको काफी अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
पॉपुलर की टॉप किस्में:Top Varieties of Popular
पॉपुलर की खेती इस समय किसानों की पहली पसंद बनी हुई है। क्योंकि पॉपुलर की लकड़ी की रेट काफी अच्छे चल रहे हैं। पॉपुलर एक ऐसी फसल है, जो 3 से 4 साल में तैयार हो जाती है। इससे किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। पॉपुलर की अलग-अलग क किस्में आती हैं। पॉपुलर की खेती के लिए रेताली या दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है। आज मैं आपको पॉपुलर की टॉप किस्म के बारे में बताऊंगा और उनकी आप पहचान कैसे कर सकते हैं।
धनिया में लोंगिया रोग:खराब मौसम में यह है सबसे अच्छा सबसे अच्छा फफूंदी नाशक:Treatment of Stem Gall disease in coriander
इस रोग को लोंगिया रोग इसे इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह आपकी धनिया की फसल को लोंग के आकर का कर देता है। धनिया में लोंगिया रोग की शुरुआती लक्षण जमीन के ऊपर तने से शुरू होते हैं। इसमें तने के ऊपर भाग पर हल्की-हल्की फोड़े टाइप गांठे बन जाती हैं। जो धीरे-धीरे पूरे पौधे में फैल जाती हैं।
गेहूं में पैदावार बढ़ाने वाला PGR:कृषि वैज्ञानिक की सलाह:वृद्धि नियंत्रक का प्रयोग कब और कैसे करें, संपूर्ण जाने
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय की सिफारिश के अनुसार, गेहूं की जो नई किस्में है, जैसे DBW-303, WH-1270, DBW-187, DBW-222, DBW-327 आदि किस्मों में वृद्धि नियंत्रक यानी प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का स्प्रे करने की की गई है। इसके बारे में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर ओपी बिश्नोई द्वारा कुछ जानकारी दी गई है। जो मैं आपके साथ सांझा करूंगा। इस इस जानकारी में डॉक्टर ओपी बिश्नोई ने गेहूं में किस समय प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का स्प्रे करें, क्यों करें और कैसे करें। इसके बारे में संपूर्ण जानकारी बताई है, जो मैं आगे आपको बताऊंगा। कृपया पूरा लेख पढ़ें-
गन्ने में जड़ बेधक का नियंत्रण कैसे करें:गन्ने की ऊपरी पत्तियां पीली होने का कारण,Identification of root borer in sugarcane
न्ने के जिन पौधों में जड़ बेधक लगा हुआ होता है। उनकी जड़ के ऊपरी पोरियाँ में छोटे-छोटे छिद्र दिखाई देते हैं, और पोरी के अंदर भाग पर बारूदे जैसा बीट भरा रहता है। रोग ग्रसित भाग लाल रंग का दिखाई पड़ता है। इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां धीरे-धीरे पीली होकर सूखने लगती है। पौधे की ग्रोथ रुक जाती है। यह रोग आपकी गन्ने की फसल में किसी भी समय लग सकता है।
हरियाणा और पंजाब में धुंध (कोहरे) का ऑरेंज अलर्ट जारी:24 से 28 दिसंबर 2023 को सीजन की पहली धुंध:Orange alert issued for fog in Haryana and Punjab
आज 24 दिसंबर हो चुकी है, लेकिन अभी तक मौसम में धुंध(कोहरे) देखने को नहीं मिल रही थी। दिन में धूप तेज होने की वजह से गर्मी काफी बढ़ जाती है। और रात में तापमान कम रहता है। जिससे फसलों को भी नुक्सान नुक्सान उठना पड़ता है। आज मौसम विभाग ने हरियाणा और पंजाब में धुंध (कोहरा) का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
खेतों में जंगली जानवरों से नुकसान:कैसे बचाएं अपनी फसल, पुराने किसानों का अनुभव जानें:Easy way to drive away wild animals
भारत के लगभग सभी राज्यों में किसानों के खेतों में जंगली जानवरों का कहर लगातार देखा जाता है। इसमें इसमें नीलगाय और सूअर सबसे अधिक पाए जाने वाले जंगली जानवर हैं। यह ही किसानों की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। जिन किसानों के खेत गांव से दूर होते हैं। उनमें अक्सर नीलगाय और सूअर का नुक्सान देखा जाता है।
COS-13231 गन्ना किस्म की विशेषताएं:Early sugarcane variety of Uttar Pradesh
गन्ना किस्म COS-13231 एक उत्तर प्रदेश की गन्ना किस्म है। इस किस्म की पत्तियां मुलायम होती है। इसमें कांटे नहीं होते। इस किस्म की पोरी लम्बी होती है। और पोरी का कुछ भाग हल्का सफेद रंग का धब्बे होते है। इस किस्म की मोटाई माध्यम होती है।
पौधे में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व और कार्य(2024): Importance and function of micronutrients in plants
जिन तत्वों की पौधे को बहुत कम मात्रा में जरूरत पड़ती है। सूक्ष्म पोषक तत्व कहलाते है। इनकी पौधे को चाहे कम मात्र में आवश्यकता पड़े लेकिन यह पौधे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सूक्ष्म पोषक तत्व 9 प्रकार के होते हैं।
COLK-15466 गन्ना किस्म की विशेषताएं:COLK-15466 Sugarcane variety
गन्ने की यह किस्म लखनऊ गन्ना अनुसंधान संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा बनाई गई है। इस किस्म में कल्लों का फुटाव अधिक होता है। यह किस्म गिरने के प्रति सहनशील है। गुड़ बनाने और रस निकालने के लिए यह गन्ना सबसे उपयुक्त रहती है। इस किस्म में शर्करा की मात्रा 17.5% तक पाई जाती है। पोका बोईंग और लाल सड़न जैसे रोगों के प्रति यह गन्ना किस्म सहनशील है।
गेहूं में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को खत्म करने का सस्ता और आसान तरीका(2024):broadleaf weeds in wheat
गेहूं की फसल में चौड़ी और सकरी पत्ती दोनों प्रकार के खरपतवार उगते हैं। गेहूं में खरपतवार आपकी फसल को 40% तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए इनको समय पर नष्ट करना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। जो खाद आप डालते हो वह आपकी गेहूं की फसल को लगने के साथ खरपतवारों को लगता है। जिससे वह और फलते फूलते रहते हैं। और गेहूं की फसल इन खरपतवारों के आगे कमजोर हो जाती है। जिससे आपकी पैदावार घट जाती है।
मात्र 13 किलो यूरिया में तैयार करें अपनी गेहूं की फसल:कम खर्च में ऐसे लें अधिक पैदावार
खेती में यूरिया नईट्रोजन का मुख्या स्त्रोत होता है। वातावरण में 78% नइट्रोज़न पायी जाती है। लेकिन फिर पौधें को अलग से नइट्रोज़न की देने की आवश्यकता पड़ता है। क्यूंकि पौधा नइट्रोज़न को नाइट्रेट फॉर्म में लेता है। इसलिए फसल में यूरिया का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। ज्यादातर यूरिया का प्रयोग किसानों द्वारा मिट्टी में किया जाता है। यूरिया अधिक मात्रा में प्रयोग करने से किसानों को यूरिया की किल्लत भी देखी जा सकती है।
आलू में झुलसा रोग की आने से पहले ही करें पहचान आपनाएँ ये आसान तरीका(2024):Potato crop diseases and treatment
आलू की फसल के पौधे जब बड़े हो जाए और पौधे आपस में टकराने लगे। पूरा खेत पत्तों से भर जाए और वातावरण में नमी हो या बार-बार बारिश हो रही हो। तो आलू में झुलसा रोग फैलने के लिए ये सबसे अच्छा समय होता हैं। जब ओस पत्तों पर अधिक देर रहती है, और दोपहर में धूप के कारण मौसम गर्म हो जाता है तापमान 10 से 20 डिग्री के बीच रहता है। उस समय आलू की फसल में झुलसा रोग तेजी से फैलता है।