Kheti jankari

मैं एक किसान हूँ, और खेती में एक्सपर्ट लोगो से मेरा संपर्क है। मैं उनके द्वारा दी गयी जानकारी और अनुभव को आपके साथ साँझा करता हूँ। मेरा प्रयास किसानों तक सही जानकारी देना है। ताकि खेती पर हो रहे खर्च को कम किया जा सके।

PB-434 गन्ना किस्म की विशेषताएं:Indian Institute of Sugarcane Research

भारत में काफी प्रकार की गन्ना किस्में पाई जाती हैं। जो अलग-अलग क्षेत्रों के लिए ...

पैडी गन्ने में रैटून मैनेजर का रोल:क्या फायदे, कैसे कार्य करता है, संपूर्ण जानें:Benefits of Ratoon Manager

पैडी गन्ने में रैटून मैनेजर का रोल की बात करें, तो रैटून मैनेजर पैडी गन्ने ...

सूखे क्षेत्रों और कम पानी वाली जमीन के लिए सबसे अच्छी गन्ना किस्म:icar sugarcane variety

सूखे क्षेत्रों और कम पानी वाली जमीन के लिए सबसे अच्छी गन्ना किस्म की बात ...

गन्ना बिजाई के समय जिप्सम का प्रयोग:कैसे करें, कितनी मात्रा, क्या फायदे मिलेंगे, संपूर्ण जाने:Benefits of gypsum in sugarcane

हमें खेत में जिप्सम का प्रयोग 2 साल में एक बार अवश्य करना चाहिए। जिप्सम भूमि सुधारक के रूप में कार्य करता है। इसके हमें काफी ज्यादा लाभ देखने को मिलते हैं। जिप्सम का प्रयोग हमेशा मिट्टी में किया जाता है। जिप्सम का प्रयोग हमें गन्ने के साथ-साथ सभी फसलों में करना चाहिए। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गन्ने की फसल में तो जिप्सम सबसे ज्यादा आवश्यक होता है। क्योंकि इसमें कैल्शियम और सल्फर की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो गन्ने के लिए काफी ज्यादा जरूरी होती है। जिप्सम में 13.5% सल्फर और 19% कैल्शियम पाई जाती है।

मक्का में पहला खाद:यूरिया के साथ क्या डालें:When to apply first fertilizer to maize

मक्के में पहले खाद के समय की बात करें। तो हमें पहले खाद 20 से 25 दिन पर डाल देना चाहिए। 20 से 25 दिन पर हमें मक्का की फसल की सिंचाई करनी पड़ती है। उस समय हमें इसमें खाद डालें और इसके बाद इसमें हल्की सिंचाई कर दें। सिंचाई करने के बाद आपको अपने मक्का की निराई-गुड़ाई करनी है।

COS-17231 गन्ना किस्म की विशेषताएं:Government recognized early variety of sugarcane

भारत में गन्ने की खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है। अलग-अलग राज्यों के वैज्ञानिक अपने क्षेत्र के हिसाब से गन्ने की नई-नई किस्म विकसित करते हैं। उत्तर प्रदेश गन्ना अनुसंधान परिषद, शाहजहाँपुर के वैज्ञानिकों ने गन्ने की एक नई किस्म बनाई है। गन्ने की इस किस्म में कल्लों का फुटाव अधिक होता है। यह रोग मुक्त गन्ना किस्म है। गन्ने की यह किस COS-17231 के नाम से जानी जाती है।

गन्ने को स्वस्थ रखने का तरीका:अधिक पैदावार, रोगों से छुटकारा पाएं:Ways to keep sugarcane healthy

गन्ने में बढ़ रहे रोगों से किसान लगातार कहीं ना कहीं परेशान है। इससे उनकी गन्ने पर लागत भी बढ़ी है, और मुनाफा कम हुआ है। गन्ने में कीटनाशकों के प्रयोग के बावजूद भी उसमें कीट रोग नहीं रुकते और गन्ने की फसल खराब हो जाती है। कृषि वैज्ञानिकों ने इसके बारे में कुछ सुझाव दिए हैं। ताकि गन्ने की फसल को स्वस्थ रखा जा सके और उससे अधिक पैदावार निकाल कर आए। गन्ना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है, और इसकी खेती लगभग पूरे भारत में की जाती है।

मार्च में बिजाई की जाने वाली सब्जी की मुख्य फसलें:मिलेगा तगड़ा मुनाफा:Main five vegetable crops to be sown in March

मार्च में बिजाई की जाने वाली सब्जी की मुख्य फसलें की बात करें, तो इस समय आप वैसे तो काफी सारी सब्जी की फसलों की बिजाई कर सकते हैं। लेकिन इस समय आपको ऐसी फसलों की बिजाई करनी चाहिए। जो आपको जिनका बाजार में आपको अच्छा रेट देखने को मिले। क्योंकि सब्जी एक ऐसी फसल है, जिसके बाजार मूल्य ऊपर नीचे चलते रहते हैं। इसमें कभी मुनाफा होता है, तो कभी किसानों को घाटा भी उठाना पड़ता है।

गन्ना बिजाई में दीमक के लिए सबसे दमदार कीटनाशक:लम्बे समय तक दीमक की रोकथाम:Best medicine for termites in sugarcane sowing

किसान साथियों बाजार में आपको काफी सारी ऐसी कीटनाशक दवाइयां देखने को मिल जाती हैं। ...

देसी कपास की टॉप 5 किस्में:गुलाबी सुंडी के प्रति सहनशील, अधिक पैदावार:Top 5 varieties of desi cotton

पिछले वर्ष नरमा या बीटी कॉटन में बहुत अधिक मात्रा में गुलाबी सुंडी और सफेद मच्छर का प्रकोप देखा गया था।काफी सारे किसानों की फसलें खराब भी हुई है। बीटी कॉटन में लगने वाले रोगों को देखते हुए किसानों का देसी कपास की तरफ रुझान काफी बढ़ रहा है। देसी कपास में रोग भी कुछ कम मात्रा में लगते हैं। देसी कपास की बात करें, तो इसका मूल्य भी बीटी कॉटन से थोड़ा अधिक ही रहता है। जहां पिछले वर्ष बीटी कॉटन 9000रु से 9500रु प्रति क्विंटल तक बिकी है। वही देसी कपास 10000रु से 10500रु प्रति क्वांटल तक बिकी है।

VCF-0517 गन्ना किस्म की विशेषताएं:VCF-0517 Sugarcane Variety Characteristics

भारत में गन्ने की अनेक प्रजातियां देखने को मिलती हैं। जो काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती हैं। लेकिन महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की कुछ ऐसी किस्में है। जो अब तक सबसे अधिक पैदावार देने वाली किस्म है। जो कर्नाटक के विज्ञानियों द्वारा तैयार की गई है। यह किस्म VCF-0517 के नाम से जानी जाती है। यह किस्म पिछले 5 से 6 सालों में कर्नाटक के किसानों को सबसे अधिक पैदावार निकालकर दे रही है।

गन्ना बिजाई में प्रयोग होने वाले टॉप 3 कीटनाशक:Top 3 pesticides used in sugarcane

गन्ना बिजाई में प्रयोग होने वाला टॉप कीटनाशकों की बात करें। तो आपको बाजार में अलग-अलग कंपनी द्वारा काफी सारे कीटनाशक देखने को मिल जाते हैं। गन्ना बिजाई में जितना महत्व खादों का होता है। उससे कई ज्यादा महत्व कीटनाशकों का होता है। क्योंकि हमें ऐसे कीटनाशकों को चयन करना चाहिए। जो हमारी फसल को लंबे समय तक कीटों से बचाव कर सकें। क्योंकि गन्ने में कंसुआ रोग बहुत जल्दी फैलता है। यह पहले पानी के साथ ही शुरू हो जाता है। ऐसे में हमें ऐसे कीटनाशकों को चयन करना चाहिए। जो लगभग 40 से 45 दिन का रिजल्ट दें।

kr-121 कपास किस्म की विशेषताएं:indigenous variety of cotton

पिछले काफी समय से कपास में गुलाबी सुंडी और सफेद मच्छर का प्रकोप देखा जा रहा है। इससे कपास की फसल पर भी काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। बीटी कॉटन कीटों के प्रकोप से पूरी तरह से ग्रस्त हो चुकी है। किसानों ने इसकी बिजाई करनी ही छोड़ दी है। अब किसान अपनी देसी किस्मे लगाकर ही अच्छी पैदावार ले सकते है। कपास की बिजाई के लिए 5.5 से 6 ph वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है।

colk-16202 गन्ना किस्म की विशेषताएं:colk-16202 sugarcane variety characteristics

किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए अच्छी-अच्छी किस्मों का निर्माण वैज्ञानिक लगातार करते आ रहे हैं। ऐसे ही यूपी के वैज्ञानिकों ने एक नई किस्म colk-16202 को निकाला है। यह गन्ना किस्म यूपी के किसानों के लिए स्वीकृत की गई है। यह एक अगेती गन्ना किस्म है। जो अगले वर्ष तक किसानों के लिए पूरी तरह से उपलब्ध हो जाएगी।

गन्ना नर्सरी कैसे तैयार करें:How to prepare sugarcane nursery

गन्ना नर्सरी से गन्ने की बिजाई करने के किसानों को काफी ज्यादा लाभ देखने को मिल रहे हैं। क्योंकि एक तो इसमें कीट रोग बहुत कम मात्रा में लगते हैं। और दूसरा बीज भी कम लगता है। इसलिए किसान भाई काफी अधिक मात्रा में गन्ने की नर्सरी तैयार करके बजाई कर रहे हैं। इसके उन्हें अनेक लाभ देखने को मिलते हैं।

एक आंख के गन्ने की बिजाई करते समय मुख्य सावधानियां:Main precautions while planting single eyed sugarcane

एक आंख के गन्ने की बिजाई करते समय हमें कुछ सावधानियां का इस्तेमाल करना पड़ता है।षि वैज्ञानिक भी एक आंख के गन्ने की बिजाई करने की सिफारिश करते है। एक आंख के गन्ने की बिजाई करते समय किसान अक्सर कुछ गलतियां कर बैठते हैं। जिससे उनका 100% तक जमाव नहीं होता और उनकी पैदावार कहीं ना कहीं घट जाती है।

मूंग की 5 टॉप किस्में:गर्मी में बिजाई के लिए सबसे अच्छी मूंग किस्में:Top 5 varieties of moong

मूंग की बिजाई की बात करें, तो मूंग की बिजाई जायद और रबी दोनों सीजन में की जाती है। जायद का सीजन गर्मी वाला यानी के मार्च अप्रैल वाला मौसम होता है। मूंग एक दलहनी फसल है। जिसको दाल के रूप में प्रयोग किया जाता है। कुछ किसान इसकी बिजाई हरी खाद के लिए भी करते हैं। मूंग की काफी सारी किस्में बाजार में आपको देखने को मिल जाती है। जो किसानों को काफी अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। यह किस्में एक साथ पकाने वाली किस्म है। इनमें कुछ फलियां आगे पीछे नहीं पकती और किसान भाई इससे काफी अच्छी पैदावार ले रहे हैं।