गेहूं में पानी कब लगाएं:कितनी बार लगाएं,पानी देने के इस तरीके से पैदावार को बढ़ाएं

गेहूं में पानी कब लगाएं

गेहूं की फसल में 2 से 10 बार सिंचाई की जाती है। यह सिंचाई अलग-अलग क्षेत्र और जलवायु में कम या अधिक होती है। वैसे गेहूं में सामान्य तीन से चार सिंचाई की जाती है। गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए हमें उसमें समय पर पानी और खाद देना बहुत ज्यादा आवश्यक है। समय पर पानी देकर आप अपनी पैदावार को एक से दो कुंतल प्रति एकड़ तक बढ़ा सकते हैं।

गेहूं में डीएपी की कमी:बिजाई के समय डीएपी का प्रयोग नहीं किया(2023),फास्फोरस की कमी पूरी करने का आसान तरीका जानें

गेहूं में डीएपी की कमी

अक्सर देखा गया है कि गेहूं बजाई के समय डीएपी की कमी हो जाती है। ऐसा पहले भी हो चुका है और आगे भी हो सकता है। कुछ किसानों ने इस साल गेहूं की बजाई में आधा बैग डीएपी डालकर काम चलाया है। गेहूं में डीएपी 50 किलोग्राम प्रति एकड़ तक प्रयोग होता है।

कल्लर जमीन या जल भराव वाले क्षेत्रों के लिए जानी जाती है गेहूं की यह किस्म(2023):KRL-210 wheat variety

कल्लर जमीन या जल भराव वाले क्षेत्रों के लिए जानी जाती है गेहूं की यह किस्म

KRL-210 गेहूं किस्म केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल (हरियाणा) द्वारा बनाई गई है गेहूं की इस किस्म को वर्ष 2013 में बनाया गया था। इस किस्म को बनाने का उद्देश्य किसानों को जल भरवा वाले क्षेत्र और कल्लर मिट्टी में अधिक पैदावार निकाल कर देना। जिस क्षेत्र में बारिश के कारण पानी जमा हो जाता है, और उनके खेतों का पानी नहीं सूखता।

गेहूं में सल्फर को मिट्टी में दे या स्प्रे में(2023):कृषि वैज्ञानिक ने बताया गेहूं में सल्फर देने का ये सही तरीका

गेहूं में सल्फर को मिट्टी में दे या स्प्रे में

सल्फर एक ऐसा तत्व है, जो गेहूं की फसल के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। सल्फर गेहूं के लिए मुख्य पोषक तत्व होता है। पहले पौधे पर्यावरण से सल्फर की कमी को पूरा कर लेते थे। परंतु प्रदूषण अधिक होने की वजह से पौधा पर्यावरण से अब सल्फर की मात्रा में नहीं ले सकते। इसलिए हमें केमिकल तरीके द्वारा पौधे को सल्फर देनी पड़ती है। सल्फर की कमी रेताली जमीनों में अधिक महसूस होती है

गेहूं की फसल में पानी देने के बाद पीलापन:ये है मुख्य कारण, मात्र 150 रुपए में गेहूं का पीलापन दूर करें।

गेहूं की फसल में पानी देने के बाद पीलापन

गेहूं की फसल में किसानों ने पानी लगना शुरू कर दिया है। कुछ किसानों की गेहूं की फसल में पानी लगाने से पहले भी हल्का पीलापन दिखाई दे रहा था। यह पीलापन पानी देने के बाद और भी अधिक बढ़ जाता है। गेहूं में पीलापन जिंक, सल्फर, मैग्नीशियम और मैंगनीज की कमी के कारण आता है।

गेहूं में अड़ियल मंडुसी (गुली डंडा) को भी जड़ से ख़त्म करने की क्षमता रखती है यह खास खरपतवार नाशक दवाई(2023):herbicide to kill weeds in wheat

गेहूं में अड़ियल मंडुसी (गुली डंडा) को भी जड़ से ख़त्म करने की क्षमता रखती है यह खास खरपतवार नाशक दवाई

गेहूं की बिजाई लगभग सभी किसानों ने पूरी कर ली है। कुछ किसान गन्ने की फसल काटकर गेहूं की लेट बिजाई कर रहे हैं। जिन किसानों ने गेहूं की बिजाई अक्टूबर में कर दी थी। उनकी गेहूं अब 25 से 30 दिन की हो गई है। अब उसमें आपको खरपतवार भी दिखने लगे होंगे। गेहूं में मुख्य रूप से पालक, मंडूसी (गुली डंडा), जंगली जाई, गजर घास और बथुआ आदि खरपतवार मुख्य रूप से उग जाते हैं।

गेहूं में जिंक डालें या नहीं(2023):जानें कृषि सलाहकार इस बारे में क्या कहते है

गेहूं में जिंक डालें या नहीं

गेहूं की फसल में ज्यादातर किसान जिंक का प्रयोग नहीं करते। गेहूं में सल्फर अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता हैं। भारत में 40% से अधिक जमीनों पर जमीनों में जिंक की कमी पाई जाती है। जिंक एक ऐसा तत्व है, जिसको आप साल में अगर एक बार भी अपनी जमीन में डाल लेते हैं। तो उसको दोबारा डालने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

गेहूं में कल्ले बढ़ाने के लिए काला सोना के नाम से मशहूर इस दवाई का प्रयोग करें(2023):Benefits of humic acid in wheat

गेहूं में कल्ले बढ़ाने के लिए काला सोना के नाम से मशहूर इस दवाई का प्रयोग करें(2023)

ह्यूमिक एसिड काला सोने के नाम से जाना जाता है। यहाँ एक आर्गेनिक खाद है। जो चट्टानों को पीसकर बनाया जाता है। ह्यूमिक एसिड तरल और दानेदार दोनों फॉर्म में बाजार में आपको आसानी से मिल जाएगा। तरल ह्यूमिक एसिड का प्रयोग आप स्प्रे या ड्रिप द्वारा कर सकते हैं। दानेदार ह्यूमिक एसिड का प्रयोग सीधा मिट्टी में किया जाता हैं। इसको आप खाद या रेत में मिलकर अपनी जमीन में डाल सकते हैं

मात्र 13 किलो यूरिया में तैयार करें अपनी गेहूं की फसल:कम खर्च में ऐसे लें अधिक पैदावार

मात्र 13 किलो यूरिया में तैयार करें अपनी गेहूं की फसल

खेती में यूरिया नईट्रोजन का मुख्या स्त्रोत होता है। वातावरण में 78% नइट्रोज़न पायी जाती है। लेकिन फिर पौधें को अलग से नइट्रोज़न की देने की आवश्यकता पड़ता है। क्यूंकि पौधा नइट्रोज़न को नाइट्रेट फॉर्म में लेता है। इसलिए फसल में यूरिया का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। ज्यादातर यूरिया का प्रयोग किसानों द्वारा मिट्टी में किया जाता है। यूरिया अधिक मात्रा में प्रयोग करने से किसानों को यूरिया की किल्लत भी देखी जा सकती है।

गेहूं में जड़ों के पास दिखने लगा गुलाबी सुंडी का प्रकोप(2023):How to prevent caterpillar in wheat

गेहूं में जड़ों के पास दिखने लगा गुलाबी सुंडी का प्रकोप(2023)

गेहूं की बिजाई लगभग पूरी हो गयी है। कुछ किसानों की गेहूं की फसल 20 से 25 दिन की हो गई है। और किसान उसमें पानी लगाने की तैयारी कर रहे है। इस समय गेहूं की फसल में एक नई समस्या देखने को मिल रही है। गेहूं की जड़ों में आपको एक सुंडी दिखाई देगी। जिसका रंग हल्का गुलाबी है। और वह जड़ों को काटकर गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा रही है। अगर अपने गेहूं की सुपर सीडर या हैप्पी सीडर से गेहूं की हो तो उन खेतों में ये कीट आपको अधिक मात्रा में देखने को मिलता है।