गेहूं की खेती

गेहूं में 24D 38% डालें या 58%:क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक, किन-किन खरपतवारों का होगा सफाया, संपूर्ण जाने, Which 24D to use in wheat

गेहूं में चौड़ी पत्ती व सकरी पत्ती वाले काफी सारे खरपतवार उगते हैं। गेहूं में मुख्य रूप से बथुआ, पालक, जंगली जई, सत्यानाशी, प्याजी, आदि खरपतवार उगते हैं। इनमें से कुछ खरपतवार इतने भयानक हैं, कि वह बार-बार स्प्रे करने पर भी कंट्रोल नहीं होते। इसलिए किसान भाइयों को बार-बार स्प्रे करना पड़ता है।

गेहूं की पत्तियों का खराब होना:नीचे की पत्तियां पर धब्बे और सुख जाना, मुख्य कारण और उपचार जानें

किसान साथियों नमस्कार, गेहूं की फसल में समय-समय पर अनेक रोग लगते रहते हैं। इनमें ...

गेहूं की पैदावार बढ़ाने का आसान तरीका:कुछ तरीके जानें जो आपकी पैदावार को बढ़ा सकते हैं

हर किसान चाहता है, कि उसकी फसल उसको अच्छी पैदावार निकाल कर दे और उसे अधिक मुनाफा हो। पैदावार बढ़ाने के चक्कर में किसान भाई अपनी फसलों में विभिन्न तरह के माइक्रोन्यूट्रिएंट्स व अन्य दवाइयां का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन फिर भी उनको अच्छे रिजल्ट नहीं देखने को मिलते।

गेहूं में खरपतवार नासक दवाइओं का प्रयोग कब करें(2024):जरूरी सावधानियां, खरपतवार नासी से गेहूं खराब होने से बचाए

गेहूं किसानों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। कई बार किसानों की फसल खरपतवार नाशकों के उल्टे-सीधे इस्तेमाल की वजह से खराब हो जाती है। यह समस्या हमें तब अधिक देखने को मिलती हैं। जब किसान सोशल मीडिया और लोगों से तरह-तरह के खरपतवार नाशकों के बारे में सुनने को मिलता है, और वह उसे कंफ्यूज होकर ऐसी खरपतवार नाशक दवाइयां का इस्तेमाल कर बैठते हैं।

गेहूं में प्रयोग होने वाली सेंकोर खरपतवार नाशक की कुछ खास बातें जानें:सेंकोर को प्रयोग करने का अनोखा तरीका(2024),जो शायद आपको नहीं पता होगा

गेहूं में मंडुसी (गुल्ली डंडा) खरपतवार एक मुख्य समस्या देखी जाती है। इस खरपतवार को नष्ट करना किसानों के लिए हमेशा ही एक चैलेंज रहा है। कुछ किसान भाई तो इस खरपतवार को नष्ट करने के चक्कर में अपनी गेहूं की फसल को भी नष्ट कर लेते हैं।

दिसंबर के महीने में करें इन गेहूं किस्मों की बिजाई मिलेगी अधिक पैदावार(2024):late wheat varieties

गेहूं की बिजाई का सही समय वैसे तो 5 नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक का होता है। लेकिन कुछ किसान भाई गन्ना कटाई के बाद भी गेहूं की बिजाई करते हैं। गन्ने की कटाई आमतौर पर दिसंबर से लेकर मार्च अप्रैल तक होती है। किसान दिसंबर में कटाई किए जाने वाले गन्ने के खेत में गेहूं की बिजाई करते हैं। इस समय गेहूं की बिजाई के लिए आपको कुछ विशेष किस्म का चयन करना पड़ता है।

गेहूं में प्रयोग होने वाली एक्सियल खरपतवार नासी की चार खास बातें शायद किसानों को नहीं पता होंगी(2024):axial syngenta top herbicide

गेहूं में सकरी पत्ती और चौड़ी पत्ती दोनों प्रकार के खरपतवार पाए जाते हैं। सकरी पत्ती के खरपतवारों को नष्ट करने के लिए सेंकर और टॉपिक कुछ पुरानी दवाइयां हैं, जिनका इस्तेमाल किसान काफी समय से लगातार करते आ रहे हैं। और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को नष्ट करने के लिए 24D, अलग्रिप और नाबूद दवाइयां का इस्तेमाल किया जाता है। सकरी पत्ती वाले खरपतवारों में मंडूसी सबसे खतरनाक और सबसे अधिक उगने वाला खरपतवार नासक है।

गेहूं में पानी कब लगाएं:कितनी बार लगाएं,पानी देने के इस तरीके से पैदावार को बढ़ाएं

गेहूं की फसल में 2 से 10 बार सिंचाई की जाती है। यह सिंचाई अलग-अलग क्षेत्र और जलवायु में कम या अधिक होती है। वैसे गेहूं में सामान्य तीन से चार सिंचाई की जाती है। गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए हमें उसमें समय पर पानी और खाद देना बहुत ज्यादा आवश्यक है। समय पर पानी देकर आप अपनी पैदावार को एक से दो कुंतल प्रति एकड़ तक बढ़ा सकते हैं।

गेहूं में डीएपी की कमी:बिजाई के समय डीएपी का प्रयोग नहीं किया(2024),फास्फोरस की कमी पूरी करने का आसान तरीका जानें

अक्सर देखा गया है कि गेहूं बजाई के समय डीएपी की कमी हो जाती है। ऐसा पहले भी हो चुका है और आगे भी हो सकता है। कुछ किसानों ने इस साल गेहूं की बजाई में आधा बैग डीएपी डालकर काम चलाया है। गेहूं में डीएपी 50 किलोग्राम प्रति एकड़ तक प्रयोग होता है।

KRL-210 गेहूं किस्म की विशेषताएं:KRL-210 wheat variety

KRL-210 गेहूं किस्म केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल (हरियाणा) द्वारा बनाई गई है गेहूं की इस किस्म को वर्ष 2013 में बनाया गया था। इस किस्म को बनाने का उद्देश्य किसानों को जल भरवा वाले क्षेत्र और कल्लर मिट्टी में अधिक पैदावार निकाल कर देना। जिस क्षेत्र में बारिश के कारण पानी जमा हो जाता है, और उनके खेतों का पानी नहीं सूखता।

गेहूं में सल्फर को मिट्टी में दे या स्प्रे में(2024):कृषि वैज्ञानिक ने बताया गेहूं में सल्फर देने का ये सही तरीका

सल्फर एक ऐसा तत्व है, जो गेहूं की फसल के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। सल्फर गेहूं के लिए मुख्य पोषक तत्व होता है। पहले पौधे पर्यावरण से सल्फर की कमी को पूरा कर लेते थे। परंतु प्रदूषण अधिक होने की वजह से पौधा पर्यावरण से अब सल्फर की मात्रा में नहीं ले सकते। इसलिए हमें केमिकल तरीके द्वारा पौधे को सल्फर देनी पड़ती है। सल्फर की कमी रेताली जमीनों में अधिक महसूस होती है

गेहूं की फसल में पानी देने के बाद पीलापन:ये है मुख्य कारण, मात्र 150 रुपए में गेहूं का पीलापन दूर करें।

गेहूं की फसल में किसानों ने पानी लगना शुरू कर दिया है। कुछ किसानों की गेहूं की फसल में पानी लगाने से पहले भी हल्का पीलापन दिखाई दे रहा था। यह पीलापन पानी देने के बाद और भी अधिक बढ़ जाता है। गेहूं में पीलापन जिंक, सल्फर, मैग्नीशियम और मैंगनीज की कमी के कारण आता है।

गेहूं में अड़ियल मंडुसी (गुली डंडा) को भी जड़ से ख़त्म करने की क्षमता रखती है यह खास खरपतवार नाशक दवाई(2024):herbicide to kill weeds in wheat

गेहूं की बिजाई लगभग सभी किसानों ने पूरी कर ली है। कुछ किसान गन्ने की फसल काटकर गेहूं की लेट बिजाई कर रहे हैं। जिन किसानों ने गेहूं की बिजाई अक्टूबर में कर दी थी। उनकी गेहूं अब 25 से 30 दिन की हो गई है। अब उसमें आपको खरपतवार भी दिखने लगे होंगे। गेहूं में मुख्य रूप से पालक, मंडूसी (गुली डंडा), जंगली जाई, गजर घास और बथुआ आदि खरपतवार मुख्य रूप से उग जाते हैं।

गेहूं में जिंक डालें या नहीं(2024):जानें कृषि सलाहकार इस बारे में क्या कहते है

गेहूं की फसल में ज्यादातर किसान जिंक का प्रयोग नहीं करते। गेहूं में सल्फर अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता हैं। भारत में 40% से अधिक जमीनों पर जमीनों में जिंक की कमी पाई जाती है। जिंक एक ऐसा तत्व है, जिसको आप साल में अगर एक बार भी अपनी जमीन में डाल लेते हैं। तो उसको दोबारा डालने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

गेहूं में ह्यूमिक एसिड कब डालें:Benefits of humic acid in wheat

ह्यूमिक एसिड काला सोने के नाम से जाना जाता है। यहाँ एक आर्गेनिक खाद है। जो चट्टानों को पीसकर बनाया जाता है। ह्यूमिक एसिड तरल और दानेदार दोनों फॉर्म में बाजार में आपको आसानी से मिल जाएगा। तरल ह्यूमिक एसिड का प्रयोग आप स्प्रे या ड्रिप द्वारा कर सकते हैं। दानेदार ह्यूमिक एसिड का प्रयोग सीधा मिट्टी में किया जाता हैं। इसको आप खाद या रेत में मिलकर अपनी जमीन में डाल सकते हैं

मात्र 13 किलो यूरिया में तैयार करें अपनी गेहूं की फसल:कम खर्च में ऐसे लें अधिक पैदावार

खेती में यूरिया नईट्रोजन का मुख्या स्त्रोत होता है। वातावरण में 78% नइट्रोज़न पायी जाती है। लेकिन फिर पौधें को अलग से नइट्रोज़न की देने की आवश्यकता पड़ता है। क्यूंकि पौधा नइट्रोज़न को नाइट्रेट फॉर्म में लेता है। इसलिए फसल में यूरिया का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। ज्यादातर यूरिया का प्रयोग किसानों द्वारा मिट्टी में किया जाता है। यूरिया अधिक मात्रा में प्रयोग करने से किसानों को यूरिया की किल्लत भी देखी जा सकती है।

गेहूं में जड़ों के पास दिखने लगा गुलाबी सुंडी का प्रकोप(2024):How to prevent caterpillar in wheat

गेहूं की बिजाई लगभग पूरी हो गयी है। कुछ किसानों की गेहूं की फसल 20 से 25 दिन की हो गई है। और किसान उसमें पानी लगाने की तैयारी कर रहे है। इस समय गेहूं की फसल में एक नई समस्या देखने को मिल रही है। गेहूं की जड़ों में आपको एक सुंडी दिखाई देगी। जिसका रंग हल्का गुलाबी है। और वह जड़ों को काटकर गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा रही है। अगर अपने गेहूं की सुपर सीडर या हैप्पी सीडर से गेहूं की हो तो उन खेतों में ये कीट आपको अधिक मात्रा में देखने को मिलता है।

गेहूं की फसल में बंपर पैदावार के लिए पहले पानी देने का सही समय जानें(2024):गेहूं में पानी देने का सही तरीका जानें

गेहूं में पानी देने का समय आपकी बजाई करने के समय पर निर्भर करता है। अगर आपने गेहूं की बिजाई अक्टूबर में की है। तो आपको पहला पानी 20 से 25 दिन पर लगाना पड़ेगा। अगर आपने गेहूं की बिजाई नवंबर या दिसंबर में की है। तो आप 25 से 30 दिन पर पहला पानी लगाएं। क्योंकि उसे समय ठंड थोड़ी ज्यादा बढ़ जाती है, और रात को ओस अधिक पड़ती है। जिससे मिट्टी गिल्ली रहती है।