कृषि
बंसी गोल्ड मूंग किस्म की विशेषताएं:Features of Bansi Gold Moong variety
मूंग एक दलहनी फसल है। जिसकी बजाई लगभग पूरे भारत में की जाती है। कृषि वैज्ञानिकों की सिफारिश के अनुसार मूंग की बिजाई आप मार्च से लेकर जुलाई तक कर सकते हैं। लेकिन मुंग की अलग-अलग किस्में अलग-अलग सीजन के लिए बनाई जाती है। ऐसी ही एक किस्म जो किसानों को सबसे अधिक पैदावार निकाल कर देती है। यह बंसी गोल्ड के नाम से प्रसिद्ध है।
लहसुन में कंद फटने की मुख्य कारण:Main reasons for bursting of bulbs in garlic
लहसुन में कंद फटने के कई कारण होते हैं। अधिक खाद और अधिक पानी की वजह से लहसुन में कंद फटने और तना फटने की समस्या देखी जा सकती है। इसके अतिरिक्त नाइट्रोजन का अत्यधिक प्रयोग से भी लहसुन में कंद फटने की समस्या आती है। जब आपके पौधे में न्यूट्रिशन वैल्यू ज्यादा हो जाती है। तो उसमें कंद फटने की समस्या रहती है। लहसुन में बोरोन की कमी के कारण भी यह समस्या देखने को मिलती है। 90 से 100 दिन पर लहसुन में कंद बनना शुरू हो जाता है, और उसके बाद ही यह समस्या आमतौर पर देखने को मिलती है।
धनिया में लोंगिया रोग:खराब मौसम में यह है सबसे अच्छा सबसे अच्छा फफूंदी नाशक:Treatment of Stem Gall disease in coriander
इस रोग को लोंगिया रोग इसे इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह आपकी धनिया की फसल को लोंग के आकर का कर देता है। धनिया में लोंगिया रोग की शुरुआती लक्षण जमीन के ऊपर तने से शुरू होते हैं। इसमें तने के ऊपर भाग पर हल्की-हल्की फोड़े टाइप गांठे बन जाती हैं। जो धीरे-धीरे पूरे पौधे में फैल जाती हैं।
स्टार-444 मूंग किस्म की विशेषताएं:best variety of moong
मुंग एक दलहनी फसल है। जिसका प्रयोग दाल के रूप में खाने के लिए किया जाता है। मूंग की दाल भारत के लगभग सभी हिस्सों में खाई जाती है। मूंग की बिजाई मुख्य तौर पर मार्च और अप्रैल में की जाती है। जब तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस का हो। तब मूंग की बिजाई के लिए सबसे उपयुक्त समय रहता है। मूंग की बाजार में बहुत सारी किस्में देखने को मिलती है।
सूरजमुखी की खेती करने का वैज्ञानिक तरीका:बिजाई समय,बीज मात्रा:sunflower sowing time
सूरजमुखी एक तिलहनी फसल है। इसके तेल का इस्तेमाल मुख्य रूप से खाने के लिए किया जाता है। यूक्रेन युद्ध के बाद सूरजमुखी की खेती से किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। क्योंकि पूरे संसार में तेल की मांग बढ़ रही है और इसे सिर्फ सूरजमुखी ही पूरा कर सकती है। क्योंकि इसमें 50% से भी अधिक तेल निकलता है। सरसों में आम तौर पर 35 से 40% तक तेल ही निकलता है।
मूंग की उन्नत खेती:बजाई समय, बीज मात्रा सम्पूर्ण:Fungus and insect diseases in moong
मूंग एक दलहनी फसल है। मूंग की दाल लगभग पूरे भारत में प्रयोग की जाती है। मूंग की खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली खेती है। इसमें आपको एक या दो खाद डालने पड़ते हैं, और आपकी मूंग तैयार हो जाती है। मूंग की खेती आप लगभग भारत के सभी हिस्सों में कर सकते हैं।
लहसुन में पिक्सल का प्रयोग:Use of picxel in garlic
कुछ क्षेत्रों में जमीन काफी कठोर होती है। वहां पर कंद वर्गीय फसलें जैसे- आलू, प्याज, लहसुन, आदि फसलों को लगाने पर वह अच्छे से ग्रोथ नहीं कर पाते। क्योंकि अगर आपकी मिट्टी कठोर होगी, तो इन फसलों का कंद यानी फल अच्छे से नहीं बन पाता। इसलिए काफी स्थानों पर किसान इन फसलों को छोड़कर ऐसी फसलों का प्रयोग करते हैं। जिसमें ऊपर फल लगते हैं। अगर आप इस समस्या से परेशान हैं, तो आप एफएमसी के पिक्सेल प्रोडक्ट का प्रयोग कर सकते हैं।
लहसुन की उपज और क्वालिटी बढ़ाने का सबसे सस्ता स्प्रे:Water Soluble Spray in Garlic
लहसुन एक कंद वर्गीय फसल है। जिसमें जमीन के अंदर यह अपने फल का फैलाव करता है। लहसुन में कल्लों का फैलाव नहीं होता। इसमें एक ही पौधा होता है, और उसमें भी 11 से 12 पत्ते ही निकलते हैं। इन्हीं पत्तों से लहसुन की उपज व पैदावार को बढ़ाया जा सकता है। लहसुन की पैदावार को बढ़ाने के लिए आप आपको मिट्टी में खादों को देने के साथ-साथ आपको स्प्रे का भी ध्यान रखना पड़ता है।
हरियाणा और पंजाब में धुंध (कोहरे) का ऑरेंज अलर्ट जारी:24 से 28 दिसंबर 2023 को सीजन की पहली धुंध:Orange alert issued for fog in Haryana and Punjab
आज 24 दिसंबर हो चुकी है, लेकिन अभी तक मौसम में धुंध(कोहरे) देखने को नहीं मिल रही थी। दिन में धूप तेज होने की वजह से गर्मी काफी बढ़ जाती है। और रात में तापमान कम रहता है। जिससे फसलों को भी नुक्सान नुक्सान उठना पड़ता है। आज मौसम विभाग ने हरियाणा और पंजाब में धुंध (कोहरा) का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए रबी फसल का पंजीकरण शुरू(2024):How to register on Meri Fasal Mera Byora
मेरी फसल मेरी ब्यौरा में पंजीकरण करने के लिए आप अपने मोबाइल में मेरी फसल मेरा ब्यौरा वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। या फिर आप सरकार द्वारा जारी एंड्रॉयड एप्लिकेशन मेरी फसल मेरी ब्यौरा को भी डाउनलोड कर सकते हैं। फसल का पंजीकरण आप नजदीकी सीएससी सेंटर भी कर सकते हैं। फसल के पंजीकरण के लिए आपको अपने खसरा नंबर या खेत का नंबर और अपना मोबाइल नंबर डालना होगा
घर से गेहूं का बीज बोने से पहले जांच लें ये बातें नहीं तो पछताना पड़ सकता है(2024):Method of preparing wheat seeds at home
बीज कंपनियों के बीज महंगे होने की वजह से किसान घर का गेहूं बीज डालने के लिए मजबूर हो रहे हैं। बीज कंपनियां अपने बीज को ₹1500 से लेकर ₹3000 प्रति एकड़ के हिसाब से बेच रही है। कुछ कंपनियों के बीच तो किसानों की पहुंच से इतनी दूर हैं, कि वह चाह कर भी उनके बीज नहीं खरीद सकते।
डीएपी और एसएसपी को छोड़ गेहूं बजाई में करें इस ताकतवर खाद का इस्तेमाल(2024):Best fertilizer for wheat sowing
गेहूं की बिजाई करते समय हमें एनपीके यानी नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का मिश्रण डालना पड़ता है। जिससे पौधे को शुरू से ही तीनों तत्वों की पूर्ति हो सके और वह जल्दी बढ़वार करें।
बरानी क्षेत्र के लिए बनाई गई है ये खास गेहूं की तीन किस्में:Wheat varieties of HAU
बरानी क्षेत्र के लिए चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार (हरियाणा) द्वारा तीन किस्में बनाई गई है। जो किसानों को पिछले काफी समय से अच्छी पैदावार निकाल कर दे रही हैं।
सरसों में यूरिया डालने का सही समय और मात्रा के बारे में जाने(2023):Right way to add fertilizer in mustard
सरसों की फसल में हमें 50 किलोग्राम डीएपी, 100 किलोग्राम यूरिया, 30 किलोग्राम पोटाश, 20 किलोग्राम सल्फर और 6 किलोग्राम जिंक प्रति एकड़ प्रयोग करनी जरूरी है।
पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा पसंद की जाने वाली गेहूं की खास उन्नत किस्म की करें बजाई:अधिक पैदावार, सम्पूर्ण जानकरी
गेहूं की यह किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2013-14 में बनाई गई। गेहूं की यह एक रिसर्च किस्म है। गेहूं की इस किस्म की नाली मोटी और मजबूत होती है। जिससे यह तेज हवाओं में नहीं गिरती। यह एक मध्यम ऊंचाई वाली गेहूं की समय है।
बंपर पैदावार के लिए कठोर, मोटे और चमकदार दाने वाली इस गेहूं किस्म की करें बजाई(2024):Wheat variety of Shriram Seeds
श्रीराम सुपर-111 श्रीराम सीड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की एक रिसर्च गेहूं की किस्म है। गेहूं की यह एक मध्यम ऊंचाई वाली गेहूं किस्म है। इसकी ऊंचाई लगभग 100 सेंटीमीटर तक रहती है। गेहूं की इस किस्म का दाना कठोर, मोटा और चमकदार होता है। दाना मोटा होने के कारण इस किस्म की रोटी भी अच्छी बनती है।
लेट बजाई और रोगों से लड़ने की क्षमता रखने वाली इस खास गेहूं किस्म की बिजाई करें(2023):Wheat variety of Punjab Agricultural University
गेहूं की PB-373 गेहूं किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई एक रिसर्च गेहूं किस्म है। यह एक मध्यम ऊंचाई वाली गेहूं किस्म है। इसकी ऊंचाई 90 सेंटीमीटर के लगभग रहती है।
WH-1105 गेहूं किस्म की विशेषताएं:best variety of wheat
WH-1105 चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार) द्वारा बनाई गई एक रिसर्च गेहूं किस्म है। इसकी लंबाई लगभग 97 से 100 सेंटीमीटर तक रहती है। इस गेहूं की सबसे खास बात यह है, कि इसका तना मजबूत होता है। और यह तेज हवाओं में भी गिरती नहीं है।