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PBW उन्नत-343 गेहूं किस्म की विशेषताएं:PBW UNAT-343 Wheat Variety

PBW उन्नत-343 गेहूं किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की एक रिसर्च गेहूं किस्म है। जो वर्ष 2007-08 में बनाई गई थी। यह एक पुरानी किस्म है, जिसमें पीले रतुआ रोग की शिकायत होने की वजह से इसको 2017 में वैज्ञानिकों ने दोबारा से इस किस्म में सुधार करके इसे पीला रतुआ और भूरा रतुआ रोग के प्रति सहनशील बनाया और इस किस्म को नया नाम दिया गय- PBW उन्नत-343

श्रीराम सुपर-231 गेहूं किस्म की विशेषताएं:best wheat variety

श्रीराम सुपर-231 गेहूं किस्म श्रीराम सीड्स इंडिया लिमिटेड की एक रिसर्च किस्म है। यह एक अच्छी लंबाई वाली गेहूं किस्म है। इसकी लंबाई लगभग 103 से 105 सेंटीमीटर तक रहती है। इस किस्म में भूसे की मात्रा भी अन्य किस्म के मुकाबले अधिक होते हैं।

DBW-332 गेहूं किस्म की विशेषताएं:DBW-332 wheat variety

गेहूं की यह किस्म भारतीय गेहूं एवं जो अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई। यह किस्म करण आदित्य के नाम से जानी जाती है। इस किस्म की लंबाई 100 सेंटीमीटर तक रहती है। माध्यम लंबाई होने के कारण इस किस्म में गिरने की संभावना कम रहती है।

इस समय करें सरसों की बिजाई मिलेगी 1क्वान्टल से 2 क्वान्टल प्रति एकड़ तक अधिक पैदावार:Right time to sow mustard

सरसों की बिजाई करने का सही समय 10 अक्टूबर से लेकर 25 अक्टूबर तक का रहता है अगर आप इस समय अपनी सरसों की बिजाई करते हैं। तो आपको सबसे अच्छी पैदावार निकाल कर मिलेगी। सरसों की इस समय किसी भी किस्म की बिजाई कर सकते हैं। आप कम समय में पकने वाली अधिक समय में पकाने वाली दोनों प्रकार की किस्म की बिजाई इस समय पर कर सकते हैं। यह सरसों की बिजाई करने का सबसे सही समय है। अगर आप 20 अक्टूबर के लगभग अपनी सरसों की बिजाई करते हैं। तो आपको एक से दो कुंतल तक अधिक पैदावार मिलेगी। सरसों की बजाई के समय 15 से 25 सेल्सियस तापमान सबसे उपयुक्त रहता है।

SW-26 गेहूं किस्म की विशेषताएं:Wheat variety from Syngenta Seeds

SW-26 गेहूं किस्म सिजेंटा सीट्स इंडिया लिमिटेड की एक रिसर्च किस्म है। जिसकी लंबाई माध्यम रहती है। इसकी लंबाई 90 से 95 सेंटीमीटर तक रहती है। इसके दाने चमकदार और मोटे होते हैं।

SW-23 गेहूं किस्म की विशेषताएं:TOP VARIETY OF WHEAT

SW-23 गेहूं किस्म सिंजेंटा सीड्स इंडिया लिमिटेड की एक रिसर्च गेहूं किस्म है। यह एक माध्यम लंबाई वाली गेहूं किस्म है। जिसकी लंबाई लगभग 95 सेंटीमीटर तक रहती है।

गेहूं की इन किस्मों को आपस में मिलाकर करें बजाई मिलेगी अधिक पैदावार:Method of mixing wheat varieties

गेहूं की किस्मों को आपस में मिलने से पहले सबसे पहले यह देखना चाहिए कि आप जिन गेहूं किस्म को आपस में मिला रहे हैं। उन किस्मों का पकाने का समय एक जैसा होना चाहिए। आप 130 दिन में पकने वाली किस्म को 150 दिन में पकने वाली किस्म के साथ मिक्स नही कर सकते। अगर आप इन किस्म को आपस में मिलाकर बजाई करोगे तो आपकी गेहूं के दाने काले होने का डर बना रहेगा

एचडी-3385 गेहूं किस्म की विशेषताएं:New Variety Of Wheat

एचडी-3385 गेहूं किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा दिल्ली द्वारा बनाई गई एक किस्म है। जो बदलते मौसम और बढ़ते तापमान में भी किसानों को एक अच्छी पैदावार निकाल कर देती है। इस किस्म में किसी भी प्रकार का कोई रोग नहीं लगता जैसे- पीला रतुआ, भूरा रतुआ आदि।

PB-826 गेहूं किस्म की विशेषताएं:Wheat Variety Of Punjab Agricultural University

गेहूं की यह किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई। जो अत्यधिक गर्मी को सहन करने की क्षमता रखती है। और किसानों को अच्छा उत्पादन निकाल कर देती है। इसकी लंबाई लगभग 100 सेंटीमीटर तक रहती है।

सरसों की फसल में अधिक उत्पादन और तेल की मात्रा बढ़ने वाला सबसे ताकतवर खाद:Importance Of Sulphur In Mustard

सरसों में सल्फर एक महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। यह मिट्टी को भुरभुरी बनाने के साथ-साथ सरसों में तेल की मात्रा को भी बढ़ता है। जिससे दानों का वजन बढ़ता है। अगर आपकी सरसों की फसल 10 क्विंटल तक पैदावार देती है, तो सरसों का पौधा जमीन से 12 किलो ग्राम तक सल्फर निकाल लेता है।

डब्ल्यू-327 गेहूं किस्म की विशेषताएं:Improved Variety Of Wheat

डब्ल्यू-327 गेहूं किस्म करण शिवानी के नाम से जानी जाती है। यह गेहूं किस्म भारतीय कृषि गेहूं एवं जो अनुसंधान करनाल (हरियाणा) द्वारा बनाई गई है। गेहूं की यह बेहद ही खास किस्म है। यह किस्म सफ़ेद रतुआ, पीला रतुआ और भूरा रतुआ रोगों के प्रति सहनशील है।

SM-2042 सरसों किस्म की विशेषताएं:Mustard variety from Savannah Seeds

SM-2042 सवाना सीड्स की एक हाइब्रिड काली सरसों की किस्म है। इस किस्म की बिजाई लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन भारी मिट्टी में यह किस्म अच्छी पैदावार निकाल कर देती है।

गन्ने की बुवाई करते समय कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई खाद पद्धति को जानें:fertilizers used in sugarcane

गन्ने की फसल में बिजाई करते समय हमें का एक संपूर्ण खादों का मिश्रण डालना चाहिए। जिससे लंबे समय तक पौधे को सभी प्रकार के पोषक तत्वों मिल सकें। गन्ना एक लंबी अवधि वाली फसल है। जो 10 से 12 महीने में पककर तैयार हो जाती है।

सरसों की फसल में अधिक फुटाव बढ़ाने के लिए पहले पानी पर डालें ये खाद :Mustard Crop

सरसों की फसल में पहला पानी हमें 30 से 35 दिन पर दे देना चाहिए। अगर आपकी मिट्टी रेताली है, तो आप 30 दिन पर पहला पानी देना चाहिए और अगर आपकी मिट्टी भारी है, तो आप 35 या 40 दिन पर भी अपने खेत में पानी चला सकते हैं।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित गेहूं किस्म PB-725 की विशेषताएं जानें:PB-725 Wheat Variety

PB-725 गेहूं किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2015 में बनाई गई थी। यह एक अच्छी ऊंचाई वाली गेहूं किस्म है। जिसकी ऊंचाई लगभग 105 सेंटीमीटर तक रहती है।

एचडी-3086 गेहूं किस्म की खासियतें:HD-3086 Wheat Variety

एचडी-3086 गेहूं किस्म भारतीय गेहूं एवं जो अनुसंधान द्वारा बनाई गई एक रिसर्च किस्म है। जिसकी बजाई आप दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व जम्मू कश्मीर के कुछ भागों में कर सकते हैं।

लोकप्रिय गन्ना किस्म सीईओ-08272 की संपूर्ण विशेषताएं:CO-08272 Sugarcane Variety

सीईओ-08272 गन्ना किस्म एक अगेती गन्ना किस्म है। जो गन्ने में लगने वाले मुख्य रोग जैसे पोका बोइंग और रेड रोड रोगों के प्रति सहनशील है। इस किस्म का गन्ना ठोस होता है। इसकी लंबाई कम होती है।

AHBJ–7044 सरसों किस्म की विशेषताएं:AHBJ–7044 Hybrid Mustard Variety

AHBJ–7044 एक्सेना एग्रीसाइंस की एक काली सरसों की हाइब्रिड किस्म है। इस किस्म की लंबाई 5 से 6 फीट तक हो जाती है। यह किस्म सफ़ेद रतुए और अन्य फंगस रोगों के प्रति सहनशील है।